फ्लैट, मकान, दुकान के अलावा कई बैंक खातों की मिली जानकारी, तनख्वाह से अधिक माल कमाया
इंदौर। मुख्यमंत्री कमलनाथ (Chief Minister Kamalnath) की घोषणा के बाद माफिया (Anti Mafia Campaign) के खिलाफ छिड़ी मुहिम की जद में इंदौर (Inodre Municipal Corporation) का बर्खास्त कर्मचारी लोकायुक्त पुलिस के हत्थे (Lokayukt Police Raid) चढ़ गया। लोकायुक्त इंदौर पुलिस की टीम ने उसके घर और ठिकानों पर मंगलवार सुबह छापा मारा। आरोपी इंदौर नगर निगम कार्यालय का बर्खास्त कर्मचारी है। उसके घर से लाखों रुपए की संपत्ति के दस्तावेज लोकायुक्त पुलिस ने जब्त किए हैं।
जानकारी के अनुसार इंदौर लोकायुक्त पुलिस (Indore Lokayukt Police Raid) की टीम ने स्नेहलतागंज स्थित रियाजुुल हक अंसारी (Riyajul Hak Ansari) के घर पर छापा मारा। इंदौर लोकायुक्त पुलिस टीम की यह कार्रवाई घर समेत पांच ठिकानों पर एक साथ की गई। लोकायुक्त पुलिस ने देव छाया अपार्टमेंट में छापा मारा था। रियाजुल ने परिवार के नाम से भवन, दुकान, भूखंड के दस्तावेज बरामद हुए। नाहर शाह वली कंपाउंड खजराना इंदौर में बहन के नाम पर भवन मिला है। जेल रोड में एक दुकान हुआ करती थी जिसे उसने बेच दिया है। यह लाखों की संपत्ति होने के साथ ही अंसारी के घर की तलाशी मेें लाखों के जेवरात बरामद हुए। इसके साथ ही 50,000 हजार रुपए भी जब्त हुए। उसके 12 बैंकों में खाते होने की जानकारी मिलने पर पुलिस उन खातों की जांच करवा रही है। उसके पास से चार पहिया वाहन के अलावा एक दो पहिया वाहन भी मिला हैं। यह सब मोटी रकम और अचल संपत्ति आरोपी ने नौकरी में काम के दौरान घूस की रकम से कमाई है।
रियाजुल बिल कलेक्टर के पद पर भर्ती हुआ था। इसके बाद वह बेलदार बनाया गया था। उसके खिलाफ छह महीने पहले शिकायत हुई थी। इंदौर नगर निगम कमिश्नर ने इसी महीने उसको बर्खास्त कर दिया था। यह बर्खास्तगी अपर आयुक्त एस कृष्ण चैतन्य को अनर्गल बोलने के चलते की गई थी। रियाजुल की नौकरी 2003 में अनुकंपा पर मिली थी। उसको 16 साल की नौकरी में करीब 23 लाख रुपए का वेतन मिला था। जबकि बरामद संपत्ति की कीमत 75 लाख रुपए है।