Lokayukt Trap: ठंडी सड़क पर जेब गर्म कर रहे हवलदार को दबोचा

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झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर मांग रहा था रिश्वत, 6 के साथ गिरफ्तार

Lokayukt Trap
क्राइम ब्रांच का हवलदार महेन्द्र सिंह जो रिश्वत लेते हुए पकड़ाया

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Crime) में रक्षक ही खुलेआम भक्षक बन बैठे हैं। ताजा मामला भोपाल (Bhopal Crime) के क्राइम ब्रांच (Crime Branch Bhopal) थाने से जुड़ा है। यहां तैनात एक हवलदार झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर रिश्वत (Bhopal Police Bribe Case) मांग रहा था। रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त भोपाल पुलिस (Lokayukt Police Bhopal) ने उसको दबोच लिया। वह यह रिश्वत एमपी नगर थाना क्षेत्र के चिनार पार्क के नजदीक ठंडी सड़क पर ले रहा था।

लोकायुक्त पुलिस निरीक्षक सलिल शर्मा के मुताबिक इस मामले में खालिद कुरैशी (Khalid Quereshi) ने शिकायत की थी। खालिद पहले जुए के अड्डे (Bhopal Casino Club) चलाता था। लेकिन, उसने कुछ दिनों से यह कारोबार बंद कर दिया था। खालिद को क्राइम ब्रांच के हवलदार महेन्द्र सिंह (HC Mahendra Singh) ने संपर्क किया। उसने कहा कि उसको महीना चाहिए। पैसा नहीं देने पर झूठे मुकदमे (Fake Criminal Case) में फंसाकर जेल में डालने की धमकी दी। इसकी शिकायत खालिद ने लोकायुक्त भोपाल पुलिस (#Lokayukt Bhopal Police) से की। जिसके बाद पुलिस ने पूरे मामले की तस्दीक की। खालिद को एमपी नगर स्थि​त चिनार पार्क के पास बुलाया। यहां उससे हवलदार 6 हजार रुपए की रिश्वत ले रहा था। यह रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने हवलदार को रंगे हाथों दबोच लिया। इस कार्रवाई की सूचना भोपाल डीआईजी सिटी इरशाद वली को भी लगी। सूत्रों ने बताया कि हवलदार को लाइन अटैच करने के आदेश दे दिए गए हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

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एक सप्ताह के भीतर दूसरा मामला
राजधानी भोपाल में यह पहला मामला नहीं हैं। इससे पहले जीआरपी के सिपाही विक्रम सिंह का वीडियो (Constable Vikram Singh Bribe) सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। सिपाही जहरखुरानी के आरोपी के परिवार से 12 हजार रुपए की रिश्वत ले रहा था। इस मामले में आईजी रेल जयदीप प्रसाद ने सिपाही को सस्पेंड कर दिया था। इस मामले की जांच एसआरपी को सौंपी गई है। इस प्रकरण में भोपाल जीआरपी टीआई दुष्यंत जोशी भी फंसे हुए हैं। दरअसल, वीडियो में सिपाही टीआई को रकम देने की बात कर रहा था।

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