इंदौर लोकायुक्त पुलिस की प्रदेश के आठ ठिकानों पर दबिश
25 लाख रुपए नकद, दो किलो सोने के जेवरात
दो लॉकर, लग्जरी कारें, प्लॉट समेत कई बेनामी संपत्ति के दस्तावेज मिले
इंदौर। लोकायुक्त पुलिस के छापे (Lokayukt Police Raid) में इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) का उप यंत्री (Sub Engineer) करोड़पति निकला। उसके घर पर लोकायुक्त पुलिस संगठन की इंदौर यूनिट ने दबिश दी। इससे पहले सब इंजीनियर की गतिविधियों की लोकायुक्त छह महीने से रैकी कर रहा था। अब तक की जांच में लोकायुक्त को 25 लाख नकद और 65 लाख रुपए के सोने के जेवरात मिल चुके हैं। इसके अलावा कई अन्य अकूत संपत्तियों के दस्तावेज मिल चुके हैं।
यहां मारे गए छापे
लोकायुक्त पुलिस को सूचना मिली थी कि आईडीए में सब इंजीनियर गजानंद पाटीदार प्लानिंग ब्रांच में तैनात हैं। वे 2009 में ही इस पद पर आए हैं। इससे पहले वे आईडीए में सामान्य पद पर थे। आईडीए में पदोन्नति के बाद से ही वे प्लानिंग ब्रांच में रहे। शहर की हर-छोटी बड़ी योजना उनकी निगरानी में बनती और बिगड़ती थी। उनके बारे में लोकायुक्त पुलिस को सूचना मिली थी कि वे हर काम के बदले में मोटी रकम लेते थे। ऐसा करते हुए उन्होंने अरबों रुपए और संपत्ति जुटा ली है। जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने रैकी का काम शुरू किया। प्राथमिक जांच में यह सही पाई गई जिसके बाद उनकी सारी गतिविधियां लोकायुक्त पुलिस की रडार पर आ गई। शनिवार सुबह पाटीदार से जुड़े आठ ठिकानों पर एक साथ दबिश दी गई। इसमें उनके भाई-बहन से लेकर अन्य रिश्तेदार भी थे। लोकायुक्त पुलिस के अनुसार यह छापे इंदौर के स्कीम-78, 114 और 136 में मारे गए। इसके अलावा खरगौन में उनके पैतृक निवास भी छापे मारे गए।
अब तक यह मिला
इंदौर के सुखलिया में भी लोकायुक्त पुलिस ने छापे मारे। एक अन्य टीम ने बिल्डर रमेश चंद्र पाटीदार के यहां भी छापा मारा। रमेश चंद्र सब इंजीनियर गजानंद के भाई हैं। उनके यहां से भी कई दस्तावेज लोकायुक्त पुलिस ने जब् किए हैं। अब तक हुई छापे की कार्रवाई में लोकायुक्त पुलिस को २५ लाख रुपए नकद, दो किलो सोने के जेवरात, एक प्लॉट, दो लॉकर, दो कार, तीन दो पहिया वाहन के अलावा अन्य लग्जरी सामान मिला है। पुलिस को खेती की जमीन और मैरिज गार्डन के दस्तावेज भी मिले हैं। लोकायुक्त पुलिस ने पाटीदार के बैंक खातों और लॉकर को सीज करा दिया है।