प्रदेश में लॉक डाउन से निपटने के दौरान मिल रहे पुलिस और प्रशासन के अलग—अलग चेहरों वाले समाचार
भोपाल। (Madhya Pradesh Coronavirus News) मध्य प्रदेश कोरोना बीमारी से अछूता नहीं है। इसके लिए पुलिस और प्रशासन अपने स्तर पर हर जिले में अलग—अलग रणनीति बनाकर जूझ रहा है। इन सबके बीच पुलिस और प्रशासन के अफसरों के चेहरे भी सार्वजनिक हो रहे हैं। इन चेहरों में कुछ मिसाल हैं तो कुछ समाज के लिए अपवाद। हर व्यक्ति का इस मामले में देखने का अपना—अपना नजरिया हैं। इन सभी लोगों में से कुछ चुनिंदा कहानियां।
फोटोग्राफर के लिए बोला लट्ठ बजा दो
केंद्र हो चाहे राज्य मीडिया को लेकर स्पेशल संदेश है कि मैदानी कर्मचारी कवरेज करने से न रोके। इसके बावजूद कई स्थानों से पत्रकारों और फोटो ग्राफरों से अभद्रता की खबरें मिल रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मेडिकल क्षेत्र, मीडिया के लोगों के लिए उनके कर्त्तव्यों के लिए थाली और ताली बजाने की मांग कर चुके हैं। फिर भी उनके साथ बदसलूकी नहीं थम रही। मामला मध्य प्रदेश के धार जिले का है। यहां बदनावर इलाके में दो प्रेस फोटोग्राफरों को पुलिस ने रोक लिया गया। इसमें एक रिपोर्टर नीतेश शर्मा (Neetesh Sharma) भी था। रिपोर्टर ने एसडीएम नेहा साहू (SDM Neha Sahu) को फोन लगाकर अभद्रता के संबंध में जानकारी देते हुए सहयोग करने की मांग की। उन्होंने एसडीएम की बात मैदानी पुलिसकर्मी से बात भी कराई। लेकिन, एसडीएम ने सहयोग करने की बजाय कहा एक व्यक्ति को रोक लो और दूसरे को जाने दो। यदि वे नहीं माने तो उन्हें लट्ठ बजा दो। यह पूरी बातचीत रिकॉर्ड हो गई और सोशल मीडिया में वायरल हो गई। जिसके बाद पत्रकार जगत ने इन शब्दों के इस्तेमाल की भर्त्सना की। घटना की जानकारी कलेक्टर श्रीकांत बनोठ (IAS Srikant Banoth) को लगी तो उन्होंने एसडीएम को शोकाज नोटिस थमाकर मामले को दबा दिया।
एसआई का अस्पताल में हंगामा
दूसरा मामला पुलिस महकमे से जुड़ा है। घटना मध्य प्रदेश के नीमच जिले की है। हंगामा करने वाली महिला एसआई थीं। जिनके संबंध में आला अधिकारियों से भी शिकायत की गई। इतना ही नहीं अभद्रता के वीडियो सोशल मीडिया में भी वायरल हुए। एसआई हर्षिता सांवरिया (SI Harshita Sanvriya) मंदसौर जिला अस्पताल गई थी। यहां उन्होंने नर्स के साथ मारपीट भी की। एसआई का कोरोना संदिग्ध मानते हुए अस्पताल में इलाज चल रहा था। लेकिन, वह बार—बार अस्पताल से घर जा रही थी। इस बात को लेकर मेडिकल स्टाफ ने आपत्ति उठाई तो यह पूरा हंगामा हो गया। परेशान होकर सिविल सर्जन डॉक्टर अधीर कुमार मिश्र (Dr Adhir Kumar Mishra) को मोर्चा संभालना पड़ा। लेकिन, महिला एसआई ने उन्हें भी नहीं बख्शा। नतीजतन उन्होंने पुलिस के अफसरों से इस पूरे मामले की शिकायत की।
मिसाल की यह तस्वीरें भी
इन अपवादों को छोड़कर कई मिसाल की तस्वीरें भी सामने आ रही है। भोपाल के निजी अस्पतालों में जाकर पुलिस डॉक्टर और स्टाफ नर्स के लिए तालियां बजा रहे हैं। उसमें डायल—100 के कर्मचारी भी शामिल हैं। इधर, मिसाल की कहानी में से एक है राजगढ़ जिले के एसआई जितेन्द्र अजनारे (Jitendra Ajnare)। वे माचलपुर थाने में तैनात है। उन्होंने इस महामारी को देखते हुए अपनी शादी टाल दी। उनका कहना था कि देश से बड़ा उनके सामने कोई कर्त्तव्य अभी नहीं हैं। वहीं भोपाल के कोलार थाने में तैनात एसआई अंजना धुर्वे (SI Anjana Dhurve) ने भी मिसाल पेश की है। धुर्वे ड्यूटी पर थी तो पता चला कि एक गाय की बछड़े को जन्म देने के बाद मौत हो गई। उन्होंने बछड़े के लिए दूध का इंतजाम किया। इतना ही नहीं उन्होंने बछड़े की सेवा की चाहत रखने वाले दंपत्ति को उसे सौंपा।
अपील
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