PNB Loan Scam: पंजाब नेशनल बैंक में हुआ करोड़ों रूपए का लोन घोटाला

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PNB Loan Scam: एक ही व्यक्ति ने अलग—अलग नाम से कागजों में कारखाना खड़ा करके किया फर्जीवाड़ा, आरटीआई एक्टिविस्ट की शिकायत पर हुई थी जांच

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाईन टीसीआई।

भोपाल/ग्वालियर। पंजाब नेशनल बैंक एक ही व्यक्ति के फैलाए मकड़जाल में फंसकर लोन पर लोन बांट रहा था। खास बात यह है कि इसमें दो ब्रांच को ज्यादा टारगेट किया गया। ऐसा करने के लिए कागजों में कारखाना बनाया गया। इसके अलावा फर्जी दस्तावेजों को तैयार किया गया। बैंक (PNB Loan Scam) को इस मामले की सुध ही नहीं लगी। यह पूरा घोटाला तब उजागर हुआ जब आरटीआई एक्टिविस्ट ने दस्तावेजों के साथ आर्थिक प्रकोष्ठ विंग में शिकायत कर दी। इसी शिकायत की जांच के बाद अब भोपाल में ईओडब्ल्यू ने प्रकरण दर्ज कर लिया। इसमें आठ व्यक्तियों के नाम सामने आए हैं। हालांकि बैंक के किसी भी व्यक्ति का नाम लोन घोटाले में अभी नहीं जोड़ा गया है। एफआईआर के अनुसार घोटाला करीब चार करोड़ रूपए का है।

सात साल से चल रही थी सिर्फ जांच

ईओडब्ल्यू ने 17 नवंबर की दोपहर लगभग ढ़ाई बजे 98/22 धारा 420/467/468/406/120—बी (जालसाजी, दस्तावेजों की कूटरचना, गबन और साजिश के तहत मुकदमा) दर्ज किया है। करीब चार करोड़ रूपए लोन लेने की यह घटना दिसंबर, 2004 से जून, 2013 के बीच हुई है। इस मामले की शिकायत आरटीआई एक्टिविस्ट आरके शुक्ला (RK Shukla) ने की थी। जिसकी जांच ग्वालियर इकाई ने की थी। घटना ग्वालियर स्थित पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) के मुरार और जयेंद्रगंज शाखा की है। इस मामले में ईओडब्ल्यू ने महेंद्र सिंह जुनेजा, अजीत पाल सिंह, हरविंदर सिंह जुनेजा, हरपाल सिंह जुनेजा, इंद्रजीत कौर, रबनीत कौर, रश्मित कौर और अवतार सिंह मक्कड़ को आरोपी बनाया है। ईओडब्ल्यू ने अभी तक पीएनबी के किसी भी अफसर को इस चार करोड़ रूपए लोन घोटाले में संदिग्ध नहीं माना है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि मामला अभी जांच में है। यह शिकायत मार्च, 2015 में की गई थी। जिसकी अब तक जांच चल रही थी।

नाम बदलकर नया बना लिया पैन कार्ड

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

प्राथमिक जांच में पता चला है कि हरपाल सिंह जुनेजा (Harpal Singh Juneja) ने जून, 2013 में जोत इंडस्ट्रीज (Jot Industries) के नाम पर 40—40 लाख रूपए का लोन लिया था। इसके लिए जो पैन कार्ड दिया गया वह हिरपाल सिंह के नाम पर था। यह लोन फैक्ट्री के नाम पर लिया गया जो मौके पर था ही नहीं। जबकि फैक्ट्री होने की बात बैंक के ही अधिकारी मुकेश अग्रवाल और अरविंद नोदिया ने प्रमाणित की थी। इसी तरह अवतार सिंह के नाम पर 40—40 लाख रूपए का लोन स्टोन कटिंग इंडस्ट्रीज के नाम पर लिया गया। जिसमें ग्यारंटर हरपाल सिंह जुनेजा बना था। लोन लेने के बाद अवतार सिंह नाम का व्यक्ति गायब हो गया। इसलिए ग्यारंटर को पार्टनर बनाकर लोन उसको दे दिया गया। जबकि पड़ताल में स्टोन कटिंग इंडस्ट्रीज मौके पर ही नहीं मिली। यहां भी मुकेश अग्रवाल  और धर्मेंद्र पारिख ने फैक्ट्री होने की पुष्टि की थी।

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सब्सिडी को हड़प लिया

यह सिलसिला यहां भी नहीं थमा। अगला लोन रश्मित कौर जुनेजा (Rashmit Kaur Juneja) के नाम पर मई, 2013 में लिया गया। यह लोन भी 40—40 लाख रूपए का था। यह टर्म और केश क्रेडिट लोन था। लोन मैसर्स आरके इंडस्ट्रीज (RK Industries) मालनपुर भिंड के पते पर लिया गया। इसके लिए फर्जी राशनकार्ड लगाया गया था। बताया जा रहा है कि हरपाल सिंह जुनेजा की कथित पत्नी रश्मित कौर जुनेजा है। यह लोन पंजाब नेशनल बैंक (PNB Loan Scam) के जयेन्द्रगंज शाखा से लिया गया। यह लोन टॉफी बनाने की फैक्ट्री मैसर्स भूमिया इंडस्ट्रीज (Bhumiya Industries) के नाम पर लिया गया। इसके लिए सरकार ने सब्सिडी भी दी जिसको हड़प लिया गया। आरोपियों ने ऐसे कई लोन अदालत में चुनौती देकर भी लिए। अधिकांश खाते एनपीए भी हो गए। यह पड़ताल किए बिना एक के बाद एक लोन जारी होते रहे।

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