स्पेशल टास्क फोर्स ने 10 महीने से फरार चल रहे तस्कर को दुर्लभ वन्य प्राणी के खाल के साथ दबोचा
इंदौर। जंगल में जिस जानवर की तूती बोलती है वह वन्य जीव तस्करों (Wild Animal Smuggler) के लिए सोने की खान है। यकीन नहीं होता है लेकिन, ऐसा प्रचलन में है। वन्य प्राणी अधिनियम (Wild Life ACT) में इस जानवर को दुर्लभ मानते हुए उसका संरक्षण किया जाता है। ऐसे ही जीव के साथ पुलिस विभाग की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 10 महीने से फरार चल रहे एक बदमाश को दबोचा है। बदमाश पर पांच हजार रुपए का इनाम भी घोषित था।
यह जानकारी देते हुए एडीजी एसटीएफ अशोक अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में फरार अपराधियों की धरपकड़ का अभियान चल रहा है। इसी अभियान के दौरान इंदौर इकाई को सफलता मिली है। एसपी पदम विलोचन शुक्ला की टीम ने कुख्यात बदमाश गफ्फार उर्फ भैय्यू पिता अब्दुल रसीद उम्र 42 साल को दबोचा है। आरोपी इंदौर के चंदन नगर इलाके में फ्रेंडस कॉलोनी में रहता है। आरोपी ड्राइवर है और लगभग दस महीने से फरार चल रहा था।
आरोपी गफ्फार वन्य प्राणी अधिनियम के तहत दर्ज मामले में संदेही भी था। उसकी लंबे अरसे से तलाश चल रही थी। उसक संबंध में महाराष्ट्र सीबीआई से भी सूचना मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय को प्राप्त हुई थी। उसके साथ देवास में रहने वाले शाकिर मोलाना, सेंधवा निवासी शिवा बाबा और बलदेव उर्फ बल्लू भी आरोपी है।
सेंधवा में किया गया शिकार
एसपी पदम विलोचन शुक्ला ने द क्राइम इंफो से बातचीत करते हुए बताया कि गफ्फार ने पूछताछ में कबूला है कि उन्होंने सेंधवा में दुर्लभ प्रजाति (Rare Leopard) के तेंदुए का शिकार किया था। आरोपी (Wild Animal Smuggler) के कब्जे से खाल भी बरामद कर ली गई है। एसपी के मुताबिक पूछताछ में आरोेपी ने खुलासा किया है कि तेंदुए के पंजों और खाल की मदद से जादू—टोना किया जाता है। यह जादू—टोना लक्ष्मी पाने के लिए किया जाता है। हालांकि वन्य प्राणी अधिनियम (Wild Life ACT) के तहत इस प्रजाति के तेंदुए की खाल कीमती मानी जाती है। यह खाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में पांच से 10 लाख रुपए में भी बिक जाती है।