JK Hospital Update: जमानत निरस्त होने के आठ दिन बाद भोपाल पुलिस का फैसला
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज कोलार स्थित जेके अस्पताल से मिल रही है। यहां अस्पताल में तैनात रहे आईटी मैनेजर आकाश दुबे की सूचना देने वाले को इनाम देने की घोषणा की गई है। हालांकि इस फैसले को लेने में भोपाल पुलिस को एक सप्ताह का वक्त लग गया। इससे पहले फरार आरोपी ने अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी भी लगाई थी। उसकी अर्जी को अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए निरस्त कर दिया है। खबर है कि आकाश दुबे इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है।
मोबाइल बंद, करीबी पर निगाह
कोलार थाना पुलिस ने 13 मई को रेमडेसिविर इंजेक्शन की काला बाजारी करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस ने आकर्ष सक्सेना (Akarsh Saxena), दिलप्रीत सलूजा और अंकित शर्मा (Ankit Sharma) को उसी दिन गिरफ्तार किया था। आरोपियों के कब्जे से पांच रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद हुए थे। इन इंजेक्शनों को उन्होंने आकाश दुबे (Akash Dubey) से खरीदना बताया था। आरोपी आकाश दुबे उसी दिन से फरार चल रहा है। शालीमार पार्क कोलार निवासी आकाश दुबे की छानबीन के लिए पुलिस की दो टीम जुटी हुई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस मामले में पुलिस आरोपी आकाश दुबे के पनाह देने वालों को भी आरोपी बनाने की तैयारी कर रही है। इस सबंध में कुछ करीबी पर शक की सुई जा रही है। वे पुलिस के रडार पर हैं।
ई—मेल पर भेजा नोटिस
आकाश दुबे की गिरफ्तारी पर एसपी साउथ साई कृष्णा थोटा (SP Sain Krishna Thota) ने साढ़े सात हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। इसक अलावा अस्पताल के डायरेक्टर अनुपम चौकसे (Anupam Chokse) को भी मेल पर नोटिस भेजा है। इसमें अस्पताल से रेमडेसिविर इंजेक्शनों का हिसाब मांगा गया है। पुलिस ने पूछा है कि वह यह बताए कि सरकार से उन्होंने कितने इंजेक्शन लिए थे। इसके अलावा उन्होंने कितने मरीजों को इंजेक्शन लगाए। पुलिस सूत्रों के अनुसार आकाश दुबे जेके अस्पताल (JK Hospital Update) में पिछले 9 साल से नौकरी कर रहा है। वह अस्पताल के प्रबंधन का काफी करीबी बताया जा रहा है।
नौकरी से निकाला पर बोला कोई नहीं
आकाश दुबे का जेके अस्पताल में काफी रसूख है। वह सीधे डायरेक्टर अनुपम चौकसे को रिपोर्ट करता था। इसके अलावा उसका अस्पताल के प्रशासन में काफी दखल भी था। उसको गुपचुप तरीके से नौकरी से निकाल दिया गया है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि करने में कई लोगों को पसीना आ गया। हमारी तरफ से पहले जनसंपर्क अधिकारी अनिकेत पांडे (Aniket Pande) से संपर्क किया गया। उन्होंने फोन काट दिया। इसके बाद डॉक्टर यशवंत मिश्रा (Dr Yashwant Mishra) को फोन लगाया गया। उन्होंने कहा कि मेरे पास मरीजों के एडमिशन और डिस्चार्ज की जानकारी है। अस्पताल में एचआर हेड रमेश शुक्ला (Ramesh Shukla) से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में वे संबंधित व्यक्ति से बातचीत करके सोमवार को बता सकेंगे। कार्यालय में अवकाश होने की इसके पीछे उन्होंने वजह बताई है।