Bhopal Property Fraud: रिटायर्ड आईएएस से फर्जीवाड़ा

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Bhopal Property Fraud: विक्रय अनुबंध पत्र बनाकर 22 हजार स्क्वायर फीट की जमीन की करा ली रजिस्ट्री, जालसाजी करने वाला दलाल गिरफ्तार

Bhopal Property Fraud
सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। एमपी कैडर से सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी के साथ फर्जीवाड़ा किया गया है। यह मामला भोपाल (Bhopal Property Fraud) शहर के बागसेवनिया थाना क्षेत्र का है। मामले की जांच बागसेवनिया थाना पुलिस कर रही थी। सेवानिवृत्त अधिकारी ने जमीन बेचने के लिए पॉवर ऑफ अटॉर्नी एक दंपत्ति को दी थी। जिसे दलाल की मदद से बदल दिया गया।

इन शर्तों के साथ दुबारा कर रहे थे अनुबंध

बागसेवनिया (Bagsewania) थाना पुलिस के अनुसार बागसेवनिया थाना क्षेत्र स्थित निरुपम स्टेट (Nirupam State) में 79 वर्षीय सत्यनारायण मूर्ति (Satyanarayan Murti) रहते हैं। वे मध्यप्रदेश कैडर से रिटायर्ड आईएएस (IAS) हैं। उनकी अयोध्या नगर (Ayodhya Nagar) स्थित हथाईखेड़ा डैम (Hathaikheda Dam) के नजदीक 22 हजार स्क्वायर फीट की जमीन है। इस जमीन को बेचने के लिए उन्होंने पवन कुमार सिंह (Pawan Kumar Singh) और धर्मेद्र सक्सेना (Dharmendra Saxena) से बातचीत की थी। पवन कुमार सिंह प्रॉपर्डी डील का काम करता है। दोनों पक्षों के बीच 2022 में करार हुआ था। यह करार जमीन बेचने के लिए पॉवर ऑफ अटॉर्नी दी गई थी। लेकिन, जमीन की रजिस्ट्री से पूर्व अनुमति लेना मूर्ति से अनिवार्य थी। जमीन की बाजार दर के अनुसार कीमत सवा एक करोड़ रुपए थे। समझौते के तहत सत्यनारायण मूर्ति को 75 लाख रुपए भुगतान करने का करार हुआ था। करार के वक्त आरोपियों ने 15 लाख रुपए दे दिए थे। बाकी की रकम एग्रीमेंट के तहत एक साल के भीतर में जमीन बेचने पर देना था। लेकिन, पवन कुमार सिंह और धर्मेंद्र सक्सेना ऐसा नहीं कर सके। नतीजतन, सत्यनारायण मूर्ति ने उन्हें नोटिस थमा दिया। जिसके बाद आरोपियों ने जमीन हड़पने के लिए चाल चली।पवन कुमार सिंह और धर्मेद्र सक्सेना ने फर्जी एग्रीमेंट नए सिरे से बनाया। उसमें नई शर्तों के साथ आरोपी अनुबंध करने जा रहे थे। उन्होंने इनकार करते हुए उसमें हस्ताक्षर नहीं किए। इसके बावजूद आरोपियों ने उसे नए सिरे से बनाते हुए धर्मेंद्र सक्सेना की पत्नी ज्योति सक्सेना (Jyoti Saxena) के नाम से जमीन की रजिस्ट्री करा दी। यह पता चलने पर सत्यनारायण मूर्ति ने पुलिस अधिकारियों से शिकायत की थी। जिसकी जांच में पता चला कि धर्मेंद्र सक्सेना और ज्योति सक्सेना ने जो एग्रीमेंट रजिस्ट्री के लिए पेश किया उसमें हस्ताक्षर ही नहीं हैं। वहीं गवाह के रुप में पवन कुमार सिंह ने जगह—जगह हस्ताक्षर किए हैं। पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ जालसाजी और दस्तावेजों की कूटरचना समेत अन्य धाराओं में प्रकरण 05/25 दर्ज कर लिया है। पुलिस ने संपत्ति में दलाली का काम कर रहे एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर लिया है। पुलिस ने जांच के बाद पति—पत्नी और दलाल के खिलाफ 2 दिसंबर को प्रकरण दर्ज कर लिया। पुलिस ने दलाल पवन कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि आरोपी दंपति अयोध्या नगर स्थित अपने ठिकाने से फरार चल रहे हैं। पुलिस को आरोपियों के दो अन्य पते भी मालूम हुए थे। जिसमें वे पुलिस को नहीं मिले हैं। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)

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