Bhopal Property Fraud: एसीपी ने की मामले की जांच, डेढ़ करोड़ रुपए का हो चुका था लेन—देन, नौ एकड़ जमीन पर कॉलोनी काटने का मामला, दो सगे भाईयों को बनाया गया आरोपी
भोपाल। जमीन बेचने के एक एग्रीमेंट को लेकर कथित जालसाजी की एफआईआर हुई है। यह घटना भोपाल (Bhopal Property Fraud) शहर के मिसरोद थाना क्षेत्र की है। जिसमें आरोपी दो सगे भाई हैं। इस मामले की जांच मिसरोद संभाग के एसीपी डॉक्टर रजनीश कश्यप कौल ने की थी। जिसके बाद केस डायरी कटारा हिल्स थाना पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए भेजी गई।
इन बातों का हुआ था करार जिसको लगा है तोड़ने का आरोप
पुलिस सूत्रों के अनुसार जमीन नौ एकड़ में ग्राम बाग्ली में स्थित है। इस जमीन पर मालिकाना हक राधेश्याम साहू और उनके भाई मोहन लाल साहू का है। दोनों भाईयों ने 2016 में हेवंस होम्स (Havens Homes) फर्म से करार किया था। यह फर्म पार्टनरशिप में चलती है। जिसमें शाहपुरा (Shahpura) थाना क्षेत्र स्थित ए—सेक्टर निवासी विशाल कोली (Vishal Koli) पिता एसके कोली उम्र 50 साल पार्टनर हैं। फर्म के दूसरे पार्टनर कृष्णकांत गुप्ता (Krishnakant Gupta) हैं। उन्होंने आरोपी दोनों भाईयों से नौ एकड़ जमीन खरीदने का करार किया था। जिसके तहत कॉलोनी बनाकर 40 फीसदी प्लॉट पर कब्जा दोनों भाईयों का होना था। इसके अलावा 60 फीसदी पर हेवंस होम्स फर्म में शामिल पार्टनरों के बीच बांटा जाना तय हुआ था। विशाल कोली ने पुलिस को बताया है कि उन्होंने उक्त करार के बाद किस्त में एक करोड़, 55 लाख, 56 हजार रुपए का भुगतान किया। यह भुगतान राधेश्याम साहू (Radheshyam Sahu) , उसके भाई मोहन लाल साहू (Mohan Lal sahu) के अलावा उनके दिवंगत जीजा की फर्म फास्ट ट्रेक रियल स्टेट डेव्हलपर्स (Fast Rack Riyal Estate Developers) में किया गया। इसकी संचालक दोनों भाईयों की बहन आरती दुबे (Arti Dubey) हैं। रकम मिलने के बाद एक महीने में आवासीय कॉलोनी काटने से संबंधित सारी अनुमतियां लेने का समय निर्धारित किया गया था। इसके अलावा तीन साल के भीतर में कॉलोनी काटी जानी थी।
यह करार जिसको तोड़ा तो मामला थाने पहुंचा
पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी भाईयों ने जमीन आतिफ खान (Atif Khan) पिता आगा खान को बेची जा रही थी। जिसके संबंध में 23 सितंबर, 2021 को जाहिर सूचना का प्रकाशन हुआ था। इस सूचना का खंडन करते हुए राधेश्याम साहू और मोहन लाल साहू से आपत्ति जताई गई थी। लोक अदालत में मामले का निपटान भी किया गया। इसके बाद दोनों भाईयों ने यह जमीन वापस माय कॉलोनाइजर (My Colonizer) को बेचना चाहा। आरोपी भाईयों का कहना था कि उन्होंने किए गए करार को तोड़ दिया है। इस संबंध में नोटिस कृष्णकांत गुप्ता के पते पर भेजा है। जबकि फर्म से दोनों भाईयों ने कोई करार ही नहीं तोड़ा। इसके अलावा फर्म को एक महीने बाद एक करोड़ रुपए वापस लौटाने थे वह भी नहीं किया गया। इन्हीं बिंदुओं को आधार बनाकर एसीपी ने प्रकरण में जालसाजी का मामला पाए जाने पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। थाने में मामले की जांच एसआई कौशलेंद्र सिंह (SI Kaushlendra Singh) कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रकरण कि अभी जांच शुरु होगी। वहीं थाना प्रभारी कार्यवाहक उप निरीक्षक बृजेंद्र निगम (Brajendra Nigam) ने बताया कि उक्त प्रकरण की जांच एसीपी मिसरोद संभाग में हुई है। अभी विवेचना की जाएगी। इस संबंध में एसीपी से भी संपर्क करने का प्रयास किया गया। हालांकि एफआईआर को लेकर वास्तविक स्थिति और घटनाक्रम में कई जगह विरोधाभास भी है। थाना पुलिस ने प्रकरण 134/24 धारा 420 (जालसाजी का प्रकरण) दर्ज करने की पुष्टि की है।
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