NGT Court News: पौराणिक महत्व वाली क्षिप्रा नदी के कई घाटों में दूषित हुआ जल, प्रदूषण के चलते नदी के भीतर मौजूद रहने वाले जलीय जीव हुए लुप्त, एनजीटी के सामने सरकार कल पेश करने जा रही है रिपोर्ट, स्टडी रिपोर्ट के आधार पर एनजीटी ने चार जिलों के कलेक्टर, पांच नगर निगम और चार उद्योगपतियों को बनाया है पार्टी
भोपाल। मध्यप्रदेश की नर्मदा, चंबल के बाद प्रमुख नदियों में शामिल क्षिप्रा नदी (Kshipra River) का पानी मैला हो गया है। इस नदी के तट पर कई घाट है। जहां धार्मिक महत्व के तीर्थ स्थल मौजूद हैं। यह तब है जब एमपी में धर्म पर केंद्रीत होकर भारतीय जनता पार्टी पिछले दो दशक से कुर्सी संभाले हैं। यह आरोप सामाजिक कार्यकर्ता सचिन दवे ने लगाए हैं। उन्होंने क्षिप्रा नदी (NGT Court News) को लेकर अलग—अलग समय में कई स्थानों पर जाकर अध्ययन किया। जिसमें निकलकर सामने आया है कि कई स्थानों पर क्षिप्रा नदी नाले में बदल जाती है। इसके लिए तीन प्रमुख कारणों को बताया जा रहा है। जिसमें नदी के दोनों तटों पर घट रहे वन संपदा, नदी के जल में कारखानों के अपशिष्ट पदार्थ के मिलना और नदी में मौजूद होने वाली जलीय जीव का लुप्त हो जाना।
कल कोर्ट में पेश करनी है अपनी रिपोर्ट
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