Fish Fortune Scam: सीएमडी के बाद अब सीईओ गिरफ्तार, पूछताछ के लिए 20 दिसंबर तक रिमांड पर लिया गया
भोपाल। मध्यप्रदेश में सैंकड़ों किसानों को मछली पालन के नाम पर ठगी करने वाले फिश फॉरच्यून प्रोडक्ट कंपनी (Fish Fortune Scam) के सीईओ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले कोहेफिजा थाना पुलिस ने इसी कंपनी के सीएमडी को गिरफ्तार किया था। वह पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच में रिमांड लिया गया था। अब सीईओ को पूछताछ के लिए पुलिस ने रिमांड पर लिया है।
ऐसे हुई थी पहली गिरफ्तारी
कोहेफिजा थाना पुलिस के अनुसार हरियाणा (Haryana) के झझर जिले के बहादुर गढ़ स्थित शंकर गार्डन निवासी विनय शर्मा पिता नरेश कुमार शर्मा उम्र 24 साल को 16 दिसंबर को हिरासत में लिया गया। उसे भोपाल जिला अदालत में पेश करके 20 दिसंबर तक पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया। आरोपी विनय शर्मा (Vinay Sharma) पूर्व में गिरफ्तार बिजेन्द्र कुमार कश्यप की जमानत के लिए भोपाल आया था। उसको नादरा बस स्टेंड से हिरासत में लिया गया। दोनों आरोपियों के खिलाफ कोहेफिजा थाने में चार मुकदमे 607—629—630 और 632/21 धारा 409/420/34 (गबन, जालसाजी और एक से अधिक आरोपी) के प्रकरण दर्ज थे। इस मामले में पुलिस ने पहली गिरफ्तारी 4 दिसंबर को बृजेन्द्र कश्यप (Bijendra Kashyap) के रुप में की थी। वह पहले अपोलो कंपनी में जॉब करता था। इन दोनों आरोपियों ने मिलकर एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सैंकड़ों किसानों से करोड़ों रुपए ऐंठ लिए थे। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी पर 30 हजार रुपए का इनाम था।
इनकी गिरफ्तारी होना अभी बाकी
बिजेन्द्र कुमार कश्यप (Brijendra Kumar Kashyap) ने फिश फॉरच्यून प्रोडक्ट नाम से कंपनी बनाई थी। जिसका कार्यालय हरियाणा के गुरुग्राम स्थित सेक्टर—15 में था। आरोपियों किसान से ठगी करने के लिए तीन प्लॉन में निवेश कराते थे। इसमें पहला प्लान 27 हजार पांच सौ रुपए, दूसरा साढ़े पांच लाख और तीसरा प्लान 11 लाख रुपए का था। इस रकम लेने के बाद मछली पालन के लिए तालाब खुदाई, जाल बिछाने, सीसीटीवी कैमरा और दाना देने का करार होता था। यहां तक की तालाब की सुरक्षा के लिए चौकीदार, बिजली खर्च के भुगतान का भी कंपनी करार करती थी। हालांकि पैसा लेने के बाद ऐसा कई किसानों के साथ नहीं किया गया। जिसके बाद यह फर्जीवाड़ा (Fish Fortune Scam) धीरे—धीरे सामने आने लगा। आरोपियों ने एमपी की राजधानी भोपाल के लालघाटी स्थित सिटी वॉक मॉल में अपना दफ्तर खोला था। जिसमें प्रहलाद शर्मा (Prahalad Sharma), राजेन्द्र सिंह राजपूत (Rajendra Singh Rajput) नौकरी करते थे। इन मामलों में अभी दोनों की तलाश है।
यह है आरोपियों का पुराना इतिहास
पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने करीब दो अरब रुपए किसानों से अपने अलग—अलग आधा दर्जन खातों में पैसा जमा कराया था। गिरफ्तार विनय शर्मा (Vinay Sharma) के खिलाफ कोहेफिजा थाने में चार प्रकरणों के अलावा राजगढ़ जिले के करनवास थाने में 118/21, धार के सिटी कोतवाली में 418/21, विदिशा के सिटी कोतवाली में 311/21, भोपाल के क्राइम ब्रांच थाने में 178/21, निशातपुरा थाने में 1335/21, आगरा के ताजगंज थाने में 413/21, छिंदवाड़ा के कोतवाली थाने में 380/21, राजस्थान के भिलवाड़ा जिले के सुभाष नगर थाने में 274/21 का प्रकरण दर्ज है। मुख्य आरोपी बिजेन्द्र कुमार कश्यप और विनय शर्मा की संपत्तियों की जानकारी भी पुलिस जुटा रही है। दोनों आरोपियों ने मिलकर विदिशा के भाजपा विधायक के साथ भी ठगी की थी। जिसको लेकर पीड़ितों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) से भी शिकायत की थी।
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