Bhopal Cop News: रूरल और अर्बन पुलिस व्यवस्था की मामा—भांजे ने खोली पोल 

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Bhopal Cop News: दर्जनों बार स्थायी वारंटी की धरपकड़ के लिए भोपाल में अभियान चले, उस दौरान तीन—तीन जारी स्थायी वारंटियों ने चोरी की डेढ़ दर्जन चोरी की वारदातों को अंजाम दिया, इस खुलासे के बावजूद धरपकड़ करने वाली टीम को 30 हजार रुपए का पुरस्कार, खरीद ली थी चल—अचल संपत्तियां, दो गिरफ्तार तीसरे की तलाश में पुलिस की टीम

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पत्रकारों को जानकारी देते हुए भोपाल सीपी हरिनारायण चारी मिश्र, उनके दाहिनी तरफ एडिशनल सीपी अवधेश गोस्वामी, बाएं डीसीपी जोन—3 रियाज इकबाल, पीछे गिरोह को दबोचने वाली टीम के सदस्य।

भोपाल। सरकार ने पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली जनता को राहत दिलाने की लागू की थी। इस व्यवस्था में भोपाल (Bhopal Cop News) शहर यानि भोपाल अर्बन और भोपाल देहात रुरल बनाया गया था। जिसमें स्थायी वारंटियों पर नकेल लगाने का काम पुलिस विभाग का था। यह कितना कारगर रहा इसका खुलासा गिरफ्तार मामा—भांजे ने कर दिया। दरअसल, भोपाल शहर के कोहेफिजा थाना पुलिस ने पिछले दो साल से सक्रिय चोरों के एक गिरोह को दबोचा। वह रहते तो भोपाल देहात क्षेत्र में थे लेकिन वारदातें भोपाल अर्बन में आकर करते थे। ऐसी उन्होंने करीब डेढ़ दर्जन वारदात कर चुकी हैं। जिन्होंने इन वारदातों को अंजाम दिया उनके खिलाफ तीन—तीन स्थायी वारंट भी जारी थे। दो साल में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए भोपाल पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली के तहत कई बार स्थायी वारंट को दबोचने की मुहिम भी छेड़ी थी। जिसमें इन बदमाशों का सुराग पुलिस को नहीं लगा यह सोचने वाली बात हैं।

48 तौला सोना, ढ़ाई किलो चांदी और इथोपिया की करंसी बरामद

पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र (CP Harinarayan Chari Mishra) ने पत्रकारों को बताया कि आरोपियों के कब्जे से करीब 50 लाख रूपये का माल बरामद किया है। इसमें 34 लाख रूपये के सोने—चाँदी की जेवरात हैं। तीन पहिया वाहन आटो और अचल सम्पत्ति के दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा आरोपियों के कब्जे से दो देशी कट्टे और सात जिन्दा कारतूस बरामद हुए। ताला तोड़ने के लिए टॉमी/रॉड और पेचकस का आरोपी उपयोग करते थे। आरोपी नसीर खान (Naseer Khan) पिता वसीर खान उम्र 30 साल को पहले पकड़ा था। वह मूलत: उत्तर प्रदेश (UP) के महोबा (Mahoba) जिले का रहने वाला है। आरोपी के खिलाफ प्रकरण 497/2024 धारा 25,27 आर्म्स एक्ट का दर्ज किया गया। उसने पूछताछ में अपने दूसरे साथी अफरोज खान (Afroz Khan) के नाम का खुलासा किया। वह भोपाल देहात क्षेत्र में स्थित ईटखेड़ी (Ithkhedi) थाना क्षेत्र में रहता है। उसने बताया कि उत्तर प्रदेश के ललितपुर (Lalitpur) निवासी अलीम खान (Alim Khan) के साथ कोहेफिजा थाना क्षेत्र के जैन नगर, विट्ठल नगर, विजय नगर, दाता कॉलोनी में आठ वारदातें चोरी की करना कबूला। इसके अलावा जहाँगीराबाद, टीटी नगर और श्यामला हिल्स में एक—एक वारदात करना कबूला। आरोपियों ने शाहजहांनाबाद के तीन स्थानों पर वारदात की थी। पुलिस को अफरोज खान के कब्जे से भी कट्टा और पांच कारतूस बरामद हुए। आरोपियों के कब्जे से करीबन 48 तोला सोना, 2.5 किलो चाँदी, इथोपिया देश की करन्सी, अपराध मे प्रयुक्त वाहन ऑटो, ताला तोड़ने मे प्रयुक्त टॉमी तथा बड़े—बड़े पैचकस, सोना चाँदी तोलने के उपकरण और अचल सम्पत्ति के दस्तावेज बरामद किये गये है।

यह है वह मामले जिनमें आरोपियों की पुलिस को तलाश थी

आरोपियों ने उत्तर प्रदेश के जिले झाँसी (Jhansi) के थाना सीपरी बाजार, ललितपुर के थाना कोतवाली (Kotwali) में भी चोरी की वारदात की है। नकबजनी की घटनाओं का करीब 34 लाख रूपये कीमती सोने—चाँदी का माल, चोरी के रुपयों से खरीदी गई 08 लाख की प्रॉपर्टी के दस्तावेज बरामद हुए हैं। यह जमीन ईटखेड़ी थाना क्षेत्र में खरीदी गई है। अफरोज खान के खिलाफ एक दर्जन से अधिक अपराध दर्ज है। उसके कई थानों (Bhopal Cop News) में स्थाई वांरट भी लंबित है। भोपाल शहर के थाना गौतम नगर, अशोका गार्डन, ऐशबाग, पिपलानी, कोहेफिजा, थाना क्राईम ब्रांच (Crime Branch) के अलावा बैरागढ़ थाने में भी अपराध दर्ज हैं। इसी तरह नसीर खान निवासी ग्राम पानवाडी महोबा उत्तर प्रदेश जो अफरोज का भांजा लगता है। वह अपने मामा के साथ मिलकर लगातार चोरी की घटनाएं कर रहा था। उसके खिलाफ भी उत्तर प्रदेश के ललितपुर स्थित कोतवाली थाने में चोरी का मामला दर्ज है। तीसरा आरोपी अलीम खान है। वह अभी फरार चल रहा है। आरोपी अफरोज ने अलीम के साथ झाँसी में भी सोने—चाँदी के आभूषण बेचना बताया है।

कपड़े बदलकर पुलिस को चकमा देते थे

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पुलिस कस्टडी में नकाबपोश मामा—भांजे जिन्होंने वारदात की थी।

नसीर खान और अफरोज खान को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। इस गिरोह का लो​कन गैंग से कोई कनेक्शन नहीं पाया गया है। आरोपी हमेशा मुंह पर नकाब पहनकर वारदाते करते थे। जिस रास्ते से आते था उसे वापस जाने में इस्तेमाल नहीं करते थे। चोरी करने के लिए अतिरिक्त कपड़े पहनकर रहते थे। वारदात के बाद कपड़े बदल लेते थे। ताकि सीसीटीवी कैमरे में यदि कैद भी हो जाए तो पुलिस भ्रमित हो जाए। गिरोह की धरपकड़ में निरीक्षक बिजेन्द्र मर्सकोले, उनि अद्रियाना भगत, उनि रमेश शर्मा, उनि संजीव धाकड, उनि बाना सिंह पवार, सउनि शोभाराम, सउनि संतोष चौधरी, सउनि मेहमुद अली, सउनि चिन्ना (सायबर सेल भोपाल), प्रआर 997 विनोद सिसोदिया, प्रआऱ 258 लालचंद, प्र.आर.2850 रवीश रावत, प्रआर 1516 विष्णु प्रताप सिंह, प्रआर 1539 सतीष यादव, प्रआऱ शिवप्रसाद, प्रआर 1492 प्रदीप पाण्डेय, आरक्षक 3255 संतोष कुमार, आर 1602 रवि चौबे, आर 335 रविन्द्र सिंह, आर 3839 विजय बहादुर, आर.3540 प्रवीण, आर.3402 संजय साहू, आर अनिकेत, आऱ संजय मोर्य, आर लक्ष्मी नारायण, आर 3687 अलीशान खान, आर.3468 शैलेन्द्र सिंह चंदेल, आऱ 3012 गजराज सिंह, मआऱ किरण पटेल, मआऱ सोनम पटेल ने सराहनीय भूमिका निभाई है। पुलिस कमिश्नर ने टीम को 30 हजार रुपए का रिवार्ड देने का ऐलान किया है। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)

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