हत्या के मामले में 11 साल से फरार आरोपी घुम चुका आधा हिन्दुस्तान, पुलिस के सामने काम नहीं आई उसकी चालाकि
इंदौर। आप टीवी में क्राइम ( Crime Petrol Serieal) शो सावधान इंडिया ( Savdhan India), क्राइम पेट्रोल वगैरह तो जरुर देखे होंगे। यह सीरियल लोगों को जागरूक करने के लिए बनाए जाते हैं। लेकिन, इन्हीं सीरियल को देखकर एक आरोपी फरारी (#MP Crime) काटने की तकनीक सीख रहा था। उसकी यह चालाकी 11 साल तक उसको बचाती रही। लेकिन, पुलिस की सफल योजना उसको सलाखों के पीछे जाने से नहीं रोक सकी। बेहद फिल्मी और नाटकीय मामला मध्यप्रदेश (#Madhya Pradesh Crime) के राजगढ़ (#Rajgarh Crime) जिले का है। पुलिस इस मामले में आरोपी की पत्नी की भूमिका का भी पता लगा रही है। यदि उसको बचाने में भूमिका पता चली तो पुलिस उसको भी गिरफ्तार कर सकती है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (#KamalNath) ने माफिया राज को ध्वस्त करने का आदेश प्रमुख सचिव एसआर मोहंती (SR Mohanti) और डीजीपी वीके सिंह (DGP V.K Singh) को दिया है। जिसके बाद प्रत्येक जिलों में माफिया और फरार बदमाशों की कुंडली खंगाली जा रही थी। ऐसी ही समीक्षा बैठक राजगढ़ (#Rajgarh Crime) जिले के एसपी प्रदीप शर्मा ने बुलाई थी। समीक्षा के दौरान जिले के मलावर थाने के थानेदार नरेन्द्र सिंह गूर्जर (Narendra Singh gurjar) से एक हत्या (MP Crime) क मामले के आरोपी की फरारी पर जवाब तलब किया गया। एसपी प्रदीप शर्मा ने डोज देने के साथ आरोपी को पकड़ने की टिप्स भी दिए। जिसका असर एक महीने की मशक्कत के बाद मलावर थाना पुलिस को भी मिल गया। मलावर थाना क्षेत्र में हुई हत्या की एक घटना 11 साल पुरानी थी। घटना (#Indore Crime) ग्राम सुंदरपुरा (#Sundar Pura) में हुई थी। यहां रहने वाले रोडजी उर्फ रोडू पिता रामसिंह सहरिया ने गांव में रहने वाले भंवर लाल पिता किशोरी लाल सहरिया उम्र 56 साल की लाठियों से पीट—पीटकर हत्या कर दी थी। उसके बाद से ही आरोपी रोडू और उसकी पत्नी दोनों गायब हो गए थे।
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ऐसे मिला सुराग
आरोपी रोडजी उर्फ रोडू है। उसकी कमजोरी उसकी पत्नी थी। वह हत्या के बाद से ही उसको अपने साथ लेकर चलता था। हत्या के बाद वह गुना होते हुए दिल्ली फिर फिरोजाबाद, पीथमपुर होते हुए इंदौर पहुंच गया था। परिवार पुलिस की मदद नहीं करता था। मलावर थाना प्रभारी नरेन्द्र सिंह गूर्जर ने पांच रुपए की चाय का प्याला गांव के ही एक गरीब के साथ पी लिया। उस गरीब ने आरोपी रोडजी की कमजोरी पत्नी और उसकी कमजोरी का राज खोल दिया। पुलिस ने उस पर निगरानी रखने का काम शुरू किया। पता चला कि रोडजी इंदौर के भवानी नगर इलाके में छुपा हुआ है। आरोपी के संबंध में कोई तस्वीर पुलिस के पास नहीं थी। इसलिए पुलिस ने उसकी जानकारी जुटाई और उसके मकान की एक सप्ताह तक रैकी करती रही। जब यकीन हो गया कि संदेही रोडजी है तो उसको हिरासत में ले लिया गया।
कभी मंदिर तो कभी कारखाने में काटी फरारी
आरोपी ने बताया कि वह पहले गुड़गांव फिर वहां से दिल्ली गया था। इसके बाद उसने कुछ समय ऋषिकेश में भी काटा। यहां उसको लगता था कि कोई तीर्थ दर्शन करने वहां आया तो उसको कोई पहचान लेगा। इसके बाद वह फिर भोपाल फिर यहां से पीथमपुर की एक फैक्ट्री में काम करने चला गया। इसके बाद वह फिर इंदौर में रहने लगा था। यहां वह फुटपाथ पर जूते बेचकर पैसे कमा रहा था। आरोपी एक पैर से कमजोर है। लेकिन, दिमाग बेहद शातिर है। वह घर में निकलने से पहले और आने से पहले आस—पास लाल—काले जूते वालों के होने या न होने की पहले रोज रिपोर्ट लेता था।
यहां से मिली तकनीक
रोडजी ने बताया कि उसने अपना हुलिया बदल लिया था। उसने अपनी पुरानी पहचान भी मिटाना शुरू कर दिया था। यह सब बाते उसे क्राइम पेट्रोल और सावधान इंडिया जैसे कार्यक्रम से ही पता चली थी। उसे लगता था कि वह जल्द पकड़ा जाएगा इसलिए वह तीन महीने बाद शहर बदल देता था। रोडजी ने बताया कि वह इंदौर से भी फरार होने वाले थे। लेकिन, इससे पहले ही उसको पुलिस ने दबोच लिया।