Bhopal News: एक साल तक चली जांच के दौरान भोपाल पुलिस को दूसरे डिवीजन में बदले जाने पर होने वाली देरी का हुआ अहसास, ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल शहर में तीन प्रमुख रेलवे स्टेशन रानी कमलापति, भोपाल जंक्शन और संत हिरदाराम नगर हैं। इनमें से संत हिरदाराम नगर का रेलवे स्टेशन रतलाम डिवीजन में आता है। इसलिए इस स्टेशन को लेकर होने वाले फैसले काफी देरी से होते हैं। इसका खामियाजा आम जनता कई साल से भोग रही है। लेकिन, इस पीड़ा का अहसास भोपाल पुलिस को भी हुआ। दरअसल, भोपाल (Bhopal News) शहर के खजूरी सड़क थाना क्षेत्र में एक साल पहले करंट लगने से मजदूर की मौत हुई थी। उसकी जांच के लिए पुलिस को रतलाम डिवीजन में पत्राचार करने पड़े थे। जिस कारण जवाब मिलने में हुई देरी के बाद अब पुलिस ने जांच के निष्कर्ष पर पहुंचकर प्रकरण दर्ज किया है।
जनरेटर दिखाकर चोरी करते हैं बिजली
खजूरी सड़क (Khajuri Sadak) थाना पुलिस के अनुसार 11 सितंबर, 2023 को संतोष सैनी (Santosh Saini) पिता नेबू लाल सैनी उम्र 33 साल की मौत हुई थी। वह मूलत: उत्तर प्रदेश (UP) के देवरिया (Devariya) जिले में स्थित खामपार थाना क्षेत्र के ग्राम नंदपुर (Nandpur) का रहने वाला था। संतोष सैनी बैरागढ़ रेलवे स्टेशन (Bairagarh Railway Station) में बिछाए जा रहे रेलवे ट्रैक (Railway Track) को बनाने के लिए मजदूरी करने आया था। वह 10 सितंबर की रात लगभग नौ बजे शौच करने के लिए गया था। सुबह उसकी लाश पुलिस को मिली थी। खजूरी सड़क पुलिस मर्ग 38/23 दर्ज कर मामले की जांच कर रही थी। उसके मौत होने की सूचना पुलिस को तुषार सिंह सिम्पी (Tushar Singh Simpi) पिता हीरा लाल सिम्पी उम्र 30 साल ने दी थी। वह मूलत: महाराष्ट्र (Maharashtra) में जलगांव जिले के मोहनवारा थाना क्षेत्र का रहने वाला था। तुषार सिंह सिम्पी के पास ट्रैक बिछाने का ठेका था। पुलिस को जांच में पता चला कि मजदूरों के अस्थायी शेड पर बिजली चोरी की लेकर लगाई गई थी। जिसका तार जमीन से डालकर निकाला गया था। उसको मृतक नहीं देख पाया और वह उसकी चपेट में आ गया। पुलिस ने जांच के बाद आरोपी ठेकेदार तुषार सिंह सिम्पी के खिलाफ प्रकरण 257/24 दर्ज कर लिया है। पुलिस ने यह मुकदमा 16 अगस्त को दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि आरोपी अभी आगरा (Agra) में है। सूत्रों ने बताया कि ठेकेदारों को बिजली कनेक्शन रेलवे से लेना होता है या फिर जनरेटर का इंतजाम करना होता है। लेकिन, जनरेटर में भारी डीजल का खर्चा आने के चलते अधिकांश ठेकेदार बिजली चोरी से लेते हैं। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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