Black Marketing Remedesivir Injection: एक महीने के भीतर दूसरी बार अस्पताल के कर्मचारी का नाम हुआ उजागर, होम्योपैथिक डॉक्टर समेत तीन गिरफ्तार
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज रेमडेसिविर इंजेक्शन की चल रही कालाबाजारी (Black Marketing Remedesivir Injection) से जुड़ी है। ताजा मामला कोलार पुलिस ने उजागर किया है। पुलिस के हत्थे होम्योपैथिक डॉक्टर समेत तीन लोग चढ़े हैं। आरोपियों के कब्जे से पांच रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद हुए हैं। यह इंजेक्शन जेके अस्पताल में आईटी मैनेजर ने बेचे थे। फिलहाल वह फरार है जिसकी तलाश में पुलिस की टीम दबिश देने का दावा कर रही है। इस अस्पताल से बेचे जा रहे इंजेक्शन बरामदगी का यह दूसरा मामला है।
कार से बरामद हुए इंजेक्शन
कोलार थाना पुलिस के अनुसार सिग्नेचर—99 के पास एक कार खड़ी होने की जानकारी पुलिस को लगी थी। जिसमें सवार तीन आरोपियों अंकित सलूजा पिता हरजीत सलूजा उम्र 36 साल निवासी सिग्नेचर रेसीडेंसी, दिलप्रीत उर्फ नानू सलूजा पिता गुरुवचन सिंह सलूजा उम्र 26 साल निवासी सिग्नेचर रेसीडेंसी और आकर्ष सक्सेना पिता राकेश सक्सेना उम्र 25 साल निवासी ग्रीन मेंडोज अरेरा हिल्स को हिरासत में लिया गया। तीनों कार नंबर एमपी—04—सीडब्ल्यू—0491 पर सवार थे। कार की पिछली सीट पर बैगनी रंग के डिब्बे में पांच इंजेक्शन रखे हुए थे। इस संबंध में आरोपियों ने खुलासा किया कि यह इंजेक्शन उन्होंने जेके अस्पताल में तैनात आकाश दुबे से खरीदे हैं।
अस्पताल में था दबदबा
आकाश दुबे (Akash Dubey) जेके अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी अनिकेत पांडे के लिए भी सहयोग करते हैं। मीडिया में अस्पताल की रिपोर्टिंग से लेकर कई अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आकाश दुबे के पास थी। गिरफ्तार आरोपी अंकित सलूजा (Ankit Saluja) ने बताया कि प्रत्येक इंजेक्शन की कीमत 25 हजार रुपए थी। यह इंजेक्शन उसने 28 अप्रैल को लिए थे। इसका भुगतान गुगल पे से कियसा गया था। इंजेक्शन अंकित सलूजा ने रिश्तेदार को भी दिया था। इसके बाद 8 मई को फिर पांच रेमडेसिविर इंजेक्शन आकाश दुबे के जरिए 12 हजार रुपए प्रति नग से उसने खरीदे थे। इसका भी भुगतान गुगल पे से किया गया था। इसके बाद कुछ दिन पहले फिर से पांच इंजेक्शन आकाश दुबे से उसने 16 हजार रुपए प्रति नगर से खरीदे थे। मतलब वह एक महीने में पंद्रह इंजेक्शन आकाश दुबे बेच चुका था।
साढ़े तीन हजार रुपए का इंजेक्शन
गिरफ्तार आरोपी अंकित सलूजा और दिलप्रीत सलूजा (Dilprit Saluja@Nanu) चचेरे भाई हैं। दोनों का परिवार एमपी में इंदौर सीट कवर नाम से बड़ा कारोबार चलाता है। वहीं तीसरा आरोपी आकर्ष सक्सेना (Akarsh Saxena) होम्यापैथिक चिकित्सक है। उसकी छह नंबर बस स्टाप पर क्लीनिक भी है। पुलिस ने कार के अलावा इंजेक्शन जब्त कर लिया है। प्रत्येक इंजेक्शन की कीमत साढ़े तीन हजार रुपए है। उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को कोलार थाना पुलिस ने ही झलकन सिंह मीणा को गिरफ्तार किया था। वह जेके अस्पताल में ही नौकरी करता था। उसके कब्जे से रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद हुआ था। यह इंजेक्शन अस्पताल में नर्स शालिनी वर्मा ने उसको बेचने के लिए दिया था। वह उसकी गर्लफ्रेंड थी।