शहर में निकाला कैंडल मार्च, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज के बयानों की आईएएस एसोसिएशन ने भी डरते हुए की निंदा
भोपाल। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव के मतदान की तारीखें नजदीक आती जा रही हैं, वैसे-वैसे प्रदेश में राजनीतिज्ञों की जुबानी जंग तेज हो रही है। इन बोल वचनों को लेकर मीडिया में घमासान भी मचा हुआ है। इन्हीं मुद्दों को लेकर गुरुवार को भारतीय पुलिस सेवा से रिटायर अफसरों और आईएएएस एसोसिएशन ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी। इसमें आईएएस एसोसिएशन का बयान सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो गया।
जानकारी के अनुसार सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा के अफसरों ने गुरुवार शाम को विजय द्वार से कैंडल मार्च निकाला। यह मार्च शौर्य स्मारक तक पहुंचा। मार्च में रिटायर डीजीपी एसके त्रिपाठी, रिटायर डीजी एनके त्रिपाठी, बीके दामले, एनके सिंह, सीपी सिंह, वीसी जोशी, लखन लाल अहिरवार समेत कई अन्य शामिल थे। एनके त्रिपाठी ने बताया कि यह मार्च उस बयान को लेकर था जो कतिपय लोगों की तरफ से शहीद हेमंत करकरे को लेकर दिए जा रहे थे। हमें करकरे की शहादत पर संदेह नहीं हैं यह बताने और जनता को यह संदेश देने के लिए भारतीय पुलिस अभी भी निष्पक्ष है। त्रिपाठी ने अपने पूरे बयान में प्रज्ञा भारती का नाम नहीं लिया। प्रज्ञा भारती भारतीय जनता पार्टी की तरफ से उम्मीदवार हैं। मार्च में कई अन्य अफसर भी दिखाई नहीं दिए। जिसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि आईपीएस एसोसिएशन पहले ही प्रज्ञा भारती के बयान को लेकर निंदा कर चुका है।
भयाक्रांत एसोसिएशन
इधर, आईएएस एसोसिएशन ने भी पत्र लिखकर चुनाव आयोग से नाराजगी जताई है। एसोसिएशन ने उस बयान की निंदा की है जो छिंदवाड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया था। उन्होंने जिले के कलेक्टर को सरकार का पिट्ठू बताते हुए अपने दिन आने पर देख लेने की घुड़की मंच से दी थी। यह शिवराज सिंह चौहान ने विमान को उतरने न देने पर दी थी। इस मामले को लेकर प्रशासन का तर्क था कि विमानन नियमों के अनुसार फैसला हुआ था। हालांकि पत्र पर आईएएस एसोसिएशन सोशल मीडिया में ट्रोल हो गया। दरअसल, पत्र में एसोसिएशन ने पूर्व मुख्यमंत्री का नाम नहीं लिखा है। इसलिए सोशल मीडिया में इसे भय और भयाक्रांत कहकर बोला जा रहा है।