Bhopal Bank Loan Fraud: केनरा बैंक के सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर, एजेंट समेत सात व्यक्तियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया, लाखों रूपए के फर्जी लोन उजागर हुए, न्यू मार्केट के फुटवियर कारोबारी की शिकायत पर डेढ़ साल चली जांच के बाद उजागर हुआ पूरा मामला
भोपाल। मुख्यमंत्री स्कीम में लोन लेने के लिए चक्कर काटने वाले लोगों को टारगेट करके फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का खुलासा किया गया है। यह कार्रवाई भोपाल (Bhopal Bank Loan Fraud) शहर में स्थित डीसीपी जोन—3 की अगुवाई में गठित टीम ने की है। मामले भोपाल शहर के हनुमानगंज और कोहेफिजा थाना क्षेत्र के हैं। पुलिस ने इस मामले में बैंक के 7 अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई है। इनमें से तीन आरोपी बैंक मैनेजर है। इसके अलावा उनके इशारों पर काम करने वाले एजेंट भी आरोपी बनाए गए हैं। पुलिस के पास यह मामला अप्रैल, 2021 को शिकायत के रूप में पहुंचा था। जिसकी जांच के बाद हनुमानगंज थाना पुलिस ने कार्रवाई की थी।
यह थी वह शिकायत जिस पर हुई थी एफआईआर
बैंक के बाहर मिला था जालसाज
नगर निगम कार्यालय ने कहा कि गुमठी देने का प्रावधान नहीं है। उसे शहरी आजीविका मिशन में आवेदन करने के लिए बोला गया। इसके बाद फिर उसने सीएम हाउस में फिर आवेदन किया था। लेकिन, उसके दूसरे आवेदन पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद वह फरवरी, 2020 में बैरसिया रोड स्थित सिंडिकेट बैंक (Syndicate Bank) पहुंचा। यहां मैनेजर ने बोला कि बैंक का टारगेट पूरा हो चुका है। यहां पर उसे जमुना प्रसाद (Jamuna Prasad) मिला था। जिसने बैंक मैनेजर देवेंद्र साहू (Devendra Sahu) से कमीशन लेकर लोन दिलाने की बात बोली। उसके दस्तावेज लेकर सात लाख रूपए का लोन मंजूर किया गया। उससे कोटेशन मांगा गया। यह कोटेशन वर्मा ट्रेडर्स (Verma Traders) से दिलाए गए। लेकिन, रकम उसके बैंक खाते में आने के बाद वर्मा ट्रेडर्स में भेज दी गई। जमुना प्रसाद और बैंक मैनेजर देवेंद्र साहू लोन वापस दिलाने का झांसा देते रहे। इस दौरान जमुना प्रसाद ने डेढ़ लाख रूपए का अपना केनरा बैंक (Canra Bank) का एक चेक भी भरोसे के लिए दिया। यह चेक बैंक में बाउंस हो गया।
कई अन्य बैंकों ने भी दिया था लोन
इस कारण दूसरी बैंक जांच के दायरे में आई
ऐसा ही दूसरा मामला कोहेफिजा स्थित यूको बैंक (Uco Bank) में भी निकलकर सामने आया। लालघाटी में स्थित बैंक के मैनेजर दुलारी यादव (Dulari Yadav) से आरोपी शंकर व बहार मियां ने कूटरचित दस्तावेजों के जरिए 07 डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से वर्मा ट्रेडर्स के खाते में आए थे। इसमें 16 लाख रूपये का लोन तथा 2 लाख 17 हजार रूपये की शासन की योजनाओं की सब्सिडी लेकर फर्जीवाड़ा किया गया था। इस मामले में कोहेफिजा थाने में 736/22 का मुकदमा दर्ज था। इसमें भी आरोपी तत्कालीन बैंक मैनेजर मुकेश श्रीवास्तव (Mukesh Shrivastav) , प्रमोद वर्मा, जमना प्रसाद, मनोज तोमर, बहार मियां (Bahar Miya) , शंकर साव, राजकुमार और लव को गिरफ्तार किया गया। आरोपी फर्जी खाता खोलकर लोन पास कर एजेंटो की मदद से लोन राशि निकालकर, बैंक अधिकारी, कर्मचारी, ग्राहक एवं लोन एजेंट आपस में बांट लेते थे।
ऐसा करते थे जालसाज
यह आरोपी भी हुए गिरफ्तार
पुलिस ने तीसरे आरोपी प्रमोद वर्मा पिता किशोरी लाल वर्मा उम्र 36 साल को भी गिरफ्तार किया। वह ग्राम पहाडी गडी तहसील राठ जिला हमीरपुर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। इसके अलावा मनोज तोमर पिता बिंदा प्रसाद तोमर उम्र 33 साल को भी हिरासत में लिया। वह दुर्गा मन्दिर के पास हरिजन मोहल्ला कबीटपुरा थाना टीलाजमालपुरा में रहता है। इसके अलावा कोहेफिजा पुलिस ने रिटायर बैंक मैनेजर मुकेश कुमार पिता सूरज प्रसाद श्रीवास्तव उम्र 61 साल को गिरफ्तार किया। वह किनाल किनशिप,शिव आगंन सलैया में रहता है। दूसरा आरोपी शंकर साव पिता अर्जुन साव (Arjun sav) है। वह शिव नगर फैस 3 भानपुरा में रहता है। इसी तरह बहार मिया रईस पिता अब्दुल रईस निवासी पातरा पुल, राजकुमार यादव पिता स्व. नन्नु लाल यादव निवासी नरवैया भवन कृष्णा नगर कालोनी भोपाल और लव कुमार (Lav Kumar) पिता कस्तुरी लाला समसेरिया म.न. 539 डी सेक्टर पिपलानी भेल की तलाश की जा रही है। इस खुलासे के लिए कोहेफिजा और हनुमानगंज टीम को 10—10 हजार रूपए का पुरस्कार दिया गया है।
खुलासा करने और जांच में यह थी टीम शामिल
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