Bhopal Cop News: वीरता रक्षा पदक भी खटाई में पड़ा, चार महीने पहले लाइन अटैच एक अफसर के भरोसे चला रहे थाना
भोपाल। थाने के एक प्रभारी थानेदार के खिलाफ गुपचुप तरीके से विभागीय जांच की जा रही है। यह पूरा मामला तब उजागर हुआ जब उन्हें मिलने वाला वीरता पदक पुरस्कार का मामला खटाई में पड़ा। यह घटनाक्रम भोपाल (Bhopal Cop News) शहर के एक थाने से जुड़ा है। जिसके संबंध में अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इसके लिए डीसीपी मुख्यालय विनीत कपूर (DCP Vineet Kapoor) से संपर्क भी किया गया था। हालांकि उन्होंने मोबाइल पर किसी तरह का रिस्पांस नहीं दिया।
इस कारण हो रही है विभागीय जांच
पुलिस सूत्रों के अनुसार यह जिस थाने की घटना है वहां के कई अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रभारी मंत्री ने हटाने के भी आदेश दिए थे। इसके बावजूद कई महीनों तक ट्रांसफर नहीं किया गया। अभी भी एक थानेदार उसी थाने में तैनात है। जबकि उन्हें लाइन हाजिर करने का आदेश चार महीने पहले दिया जा चुका है। वे अभी भी उसी थाने में तैनात है। विवादों में घिरे प्रभारी थानेदार फिलहाल उनके दाहिने हाथ बने हुए हैंं। सूत्रों ने बताया कि थानेदार को जीवन रक्षक पदक विभागीय जांच के चलते नहीं दिया जा रहा। दरअसल, प्रभारी थानेदार पर आरोप लगा है कि उनके व्यापमं मामले के आरोपी से जुड़े होने के संबंध में शिकायत हुई है। जिसके बाद गुपचुप जांच की फाइल खोली गई है। इस समाचार की द क्राइम इंफो ने पुष्टि के लिए डीसीपी मुख्यालय से संपर्क भी किया गया था। उनकी तरफ से आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिलने के कारण थाना और संबंधित जांच अधिकारी के नाम को उजागर नहीं किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि जिस थाने की यह जानकारी है वहां कभी भी प्रभारी बिना विवादों के हटाया नहीं गया है।
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