MP Cop News: भारत एलएसी पर कई दौर की बातचीत करके चीन से समाधान के रास्ते निकाल रहा, इधर उसी देश की राजधानी के एक समझौते को लेकर एमपी में सरकार ने एक पखवाड़े तक लगा दिया इस बात पर जोर
भोपाल। भारत—चीन के बीच व्यवसायिक रिश्ते सामान्य नहीं चल रहे। दोनों देशों की सीमा एलएसी को लेकर समाचार आते—जाते ही रहते हैं। इसी बीच मध्यप्रदेश की डॉक्टर मोहन यादव (CM Dr Mohan Yadav) सरकार ने चीन की राजधानी में हुए एक करार को लेकर अपने पूरे सिस्टम को झोंक दिया। जिसमें 10 दिसंबर को डीजीपी कैलाश मकवाना (MP Cop News) ने यह बयान भी दे दिया। क्या है यह विषय और तथ्य जानिए।
इसलिए शुरु किया गया था अभियान
प्रदेश में महिला एवं बाल सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रदेश व्यापी जन जागरुकता अभियान ”हम होंगे कामयाब” का संचालन किया गया। लिंग आधारित हिंसा के उन्मूलन के लिए एक विशेष मैराथन दौड़ (Marathon Race) का आयोजन 10 दिसंबर, 2024 को मानव अधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम पुलिस मुख्यालय की महिला सुरक्षा शाखा की तरफ से आयोजित हुआ था। दौड़ सुबह साढ़े नौ बजे रविन्द्र भवन के सामने से शुरु हुई। इसमें भोपाल महापौर मालती राय (Mayor Malti Rai) पहुंची थी। इसका समापन सुबह 11 बजे बोट क्लब पर हुआ। इसमें डीजीपी कैलाश मकवाणा (DGP Kailash Makwana) पहुंचे थे। मैराथन में पुलिस विभाग समेत 25 विभागों का यह संयुक्त प्रयास था। देश में पहली बार इतने विभागों और एनजीओ तथा समाज की सहभागिता आयोजन में रही। सौलह दिवसीय लिंग आधारित हिंसा के उन्मूलन के लिए हम होंगे कामयाब जागरूकता अभियान 25 नवंबर 2024 से शुरु हुआ था। जिसका उद्देश्य जेंडर आधारित हिंसा के उन्मूलन के लिए जागरूकता फैलाना और समानता व मानव अधिकारों को बढ़ावा देना है। यह पहल समाज के सभी वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह अभियान के पीछे असली वजह यह है
डीजीपी कैलाश मकवाणा ने समापन सभा में कहा कि चार—पांच दशक पूर्व लैंगिक घटनाओं की रिपोर्टिंग बहुत कम थी। इंटरनेट और तकनीकी विकास ने पूरी दुनिया को जोड़ दिया है। लेकिन, इसके सकारात्मक परिणामों के साथ नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलते हैं। आज इंटरनेट पर उपलब्ध अश्लील सामग्री, दुर्भाग्य से मोबाइल उपकरणों में भी आसानी से सर्कुलेट हो जाती है। इससे विकृत मानसिकता वाले व्यक्तियों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। जिससे महिलाओं और बच्चियों के प्रति उनकी सोच में नकारात्मक परिवर्तन आता है। यह कई बार छेड़खानी से लेकर गंभीर अपराधों तक की परिणिति बनता है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम इस बात का उदाहरण है कि मध्यप्रदेश ऐसा पहला राज्य है, जिसने मुख्यमंत्री की पहल पर 25 विभागों के समन्वित प्रयास से महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा को प्राथमिकता दी। जिस दिन यह शुरु हुआ तब अंतर्राष्ट्रीय लैंगिक हिंसा उन्मूलन दिवस था। उल्लेखनीय है कि बीजिंग में 1995 में हुए अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन में एक घोषणा पत्र जारी किया गया था। इसमें 2030 तक लैंगिक असमानता का उन्मूलन करने और महिलाओं को समान अधिकार दिलाने का लक्ष्य रखा गया। इस दिशा में यह कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण कदम है। डीजीपी मकवाणा ने कहा कि महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों को रोकने पुरुषों और बालकों को संवेदनशील बनाना अत्यंत आवश्यक है। यह प्रक्रिया घर से शुरू होती है। माता-पिता यह सुनिश्चित करें कि बेटे और पुरुष समानता और सम्मान का व्यवहार अपनाएं। स्कूलों और कॉलेजों में युवाओं को इस विषय में जागरूक करना जरूरी है। ताकि वे जिम्मेदार नागरिक बन सकें। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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