Loan App Fraud: अंतरराष्ट्रीय एक्सटॉर्शन रैकेट के दो सदस्य गिरफ्तार

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Loan App Fraud: गुगल प्ले स्टोर में मौजूद इंस्टेंट लोन एप के कस्टमर का डाटा ब्लैकमेलिंग के लिए करते थे इस्तेमाल, जयपुर और मुंबई से दो युवकों की गिरफ्तारी, गरीबों के नाम पर खोली कई कंपनियां, पुलिस को पहेली सुलझाने और उसकी तह तक जाने में आया पसीना

Loan App Fraud
क्राइम ब्रांच थाना— जिला भोपाल— फाइल फोटो।

भोपाल। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय एक्सटॉर्शन रैकेट के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई भोपाल शहर के क्राइम ब्रांच ने की है। जिसकी जांच में सायबर क्राइम (Loan App Fraud) ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस गिरोह के दो सदस्यों को मुंबई और जयपुर से हिरासत में लिया गया है। गिरोह के वारदात करने के तरीके से साफ है कि वह डाटा चोरी करके यह वारदात कर रहे थे। लेकिन, उन्होंने जो रकम कमाई वह चीन, दुबई और थाईलैण्ड भेजे जाने के सबूत मिले हैं। इसके बावजूद यह मामला राज्य स्तर पर फोकस किया गया है। पुलिस सूत्रों की माने तो इस नेटवर्क को खंगाला गया तो देश में फैले हवाला के नए मकड़जाल के तार हाथ लग सकते हैं।

इस कारण पीड़ित थाने पहुंचा था

भोपाल पुलिस की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार यह गिरोह Buddy cash से जुड़ा था। यह थाइलैंड से चलाया जाना वाला एप है। इसमें लोन के बदले में ग्राहक को अपने मोबाइल के डाटा का इस्तेमाल करने की अनुमति देता है। लेकिन, लोन की रकम चुकाने के बाद डाटा का इस्तेमाल करने पर रोक है। इसके बावजूद वह डाटा इस्तेमाल करके ग्राहकों को ब्लैकमेल किया जा रहा था। इसी संबंध में 14 दिसंबर, 2022 को रंजीत सिंह ठाकुर (Ranjeet Singh Thakur) ने ब्लैकमेलिंग की शिकायत की थी। जिस पर 160/22 धारा 384/507 का प्रकरण दर्ज किया गया था। इसी प्रकरण की जांच में सायबर क्राइम को सबूत मिले हैं। आरोपियों ने पीड़ित के मोबाइल में रखे गए मोबाइल को मार्फ करके उसे न्यूड बनाया गया। फिर उसे वायरल करने की धमकी देकर पैसा मांगा जाने लगा था।

ऐसे करते थे वारदात

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सायबर क्राइम से संबंधित साभार लिया गया सांकेतिक चित्र

इंस्टेंट लोन एप Google play store पर उपलब्ध था। जहां से आम नागरिक उसे डाउनलोड करते है। लोन एप डाउनलोड करके इंस्टाल करते ही डाउनलोड करने वाले के मोबाईल का संपूर्ण डाटा Contact list, photos, videos, location, sms जैसी महत्वपूर्ण जानकारी आरोपी के पास जाती है। इसका उपयोग करके लोन एप (Loan App Fraud) डाउनलोड करने बाले नागरिकों को ब्लेकमेल किया जाता था। रकम बैंक खातों में जमा कराई जाती है। जिसके लिए गिरोह के सदस्य गरीब लोगों को पैसे का लालच देकर उनके नाम पर प्रायवेट लिमिटेड कम्पनी रजिस्टर करते है। फिर उस कम्पनी के नाम पर 8-10 बैंकों में खाता खोलने का काम करते हैं। सभी खाते प्राईवेट बैंकों मे खोले गए हैं। इनमें YES BANK, ICICI BANK, IDFC FIRST BANK, HDFC BANK, AXIS BANK हैं। इन बैंक के खातों का उपयोग करके पैसे देश के बाहर अलग-अलग माध्यमों से भेजे जाते है। इंस्टेट लोन एप ज्यादातर भारत के बाहर से चलाई जा रही है। जिसमें चीन, दुबई, थाईलैण्ड से चलाया जाना पाया गया है।

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यह है वह जालसाज जो दबोचे गए

आरोपियों को मुम्बई व जयपुर से हिरासत में लिया गया। धरपकड़ की कार्रवाई में निरीक्षक अशोक मरावी, हवलदार प्रतीक उईके और आदित्य साहू शामिल थे। जिन्होंने संजय नारायण सासुलकर (Sanjay Narayan Sasulkar) पिता नारायण सासुलकर को गिरफ्तार किया। वह मुंबई के एनएम जोशी मार्ग में रहता है। संजय नारायण वडा पाव का ठेला लगाने का काम करता है। इसी तरह वैभव पंवार (Vaibhav Pawar) पिता भरत पंवार को भी गिरफ्तार किया गया। वह भी मुंबई का रहने वाला है और ड्रायवरी का काम करता है। वैभव पंवार के नेटवर्क को अभी खंगालने का काम चल रहा है।

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