MP Political Gossip: भाजपा में केवल एक नेता के पास आखिर क्यों आ रही हैं आंधियां, कांग्रेस का आरटीआई सेल अखाड़े के लिए किया गया तैयार
भोपाल। मध्यप्रदेश में चार महीने बाद चुनाव की रणभेरी बजने वाली है। सभी पार्टियां हर स्तर पर कमर कस रही है। सत्तारूढ़ पार्टी (MP Political Gossip) का ध्यान वोट प्रतिशत बढ़ाने पर है। जबकि कांग्रेस का फोकस संगठन को मजबूत करने पर चल रहा हे। वहीं आम आदमी पार्टी, बसपा, सपा समेत अन्य दल टूटे हुए फलों को लपकने की तैयारी कर रही है। इसी खींचतान में सामने आ रही है कुछ रोचक खबरें।
पार्टी के भीतर चल रही पट्ठा परंपरा
पंजाब के रास्ते मीडिया प्रबंधन
पिछले एक साल से आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) का एक—एक पेज का विज्ञापन प्रिंट मीडिया में मान बढ़ा रहा है। अस्पताल, रोजगार और अब घूसखोर अफसरों के खिलाफ मुहिम। इसमें मैदानी हकीकत दूसरे प्रदेश में रहने वाला व्यक्ति पता नहीं कर सकता है। लेकिन, एमपी में पंजाब (Punjab) सरकार का विज्ञापन बढ़—चढ़कर हर महीने दो से तीन बार आ रहा है। यह सिलसिला अब प्रिंट के बाद स्थानीय न्यूज चैनल में भी आने लगा है। इसके बावजूद पंजाब सरकार की पार्टी के प्रवक्ता समाचार पत्रों और चैनलों से गायब है। इसे सरल भाषा में मीडिया प्रबंधन कहा जा सकता है। क्योंकि आम आदमी पार्टी इस बार एमपी में पूरी दमदारी से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है।
आरटीआई मतलब सत्तारूढ़ पार्टी को देगा टेंशन
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का दावा है कि इस बार एमपी (MP Political Gossip) में 150 सीट हासिल होगी। यह बात अलग है कि पार्टी संगठन में इन दिनों कुणाल चौधरी (Kunal Chaudhry) , जीतू पटवारी (Jeetu Patwari) समेत कई नेता दिखाई और सुनाई भी नहीं दे रहे। बस एक ही व्यक्ति घोषणा और भाषण दे रहा है। जिस व्यक्ति के पास यह कमान है उनके एक रिश्तेदार सीबीआई में बुरी तरह से फंसे हैं। यह जिन्न जिस दिन निकलेगा उस दिन कांग्रेस की सेंकड लाइन फ्रंट में होगी या नहीं यह भविष्य में देखने को मिलेगा। ऐसा भीतर ही भीतर पार्टी कार्यालय के भीतर सुनने को भी मिल रहा है। हालांकि कांग्रेस का आरटीआई सेल कई घोटालों और आरोप—प्रत्यारोपों की जानकारी निकालकर बैठा हुआ है। मतलब साफ है कि इस बार चुनाव में जमकर घमासान होने वाला है। आरोप सामान्य नहीं लगेंगे।
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