MP Cop Gossip: थानों की थी डिमांड महिला थाने की पूरी हुई मांग, किरकिरी के बाद करिश्माई हुए एक थाने के टीआई, व्यापारी से रंगदारी का मामला जब भी सुर्खियों में आएगा वह प्रवेश शुक्ला कांड जैसा ही चर्चित होगा
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस में भीतर ही भीतर बहुत कुछ चल रहा होता है। ऐसे ही बातों का हमारा नियमित साप्ताहिक कॉलम एमपी कॉप गॉसिप (MP Cop Gossip) है। जिसमें हमारी तरफ से उन बातों को बताया जाता है जो चर्चा में नहीं आ सकी। ऐसे ही विषयों को लेकर इस बार कुछ जानकारियां। हमारी कोशिश होती है कि ऐसा करते वक्त किसी पद, व्यक्ति या संस्था की गरिमा को ठेस न पहुंचाया जाए।
चुनाव के लिए महकमा कितना तैयार
इस साल विधानसभा चुनाव है। प्रदेश के दो बड़े शहरों भोपाल और इंदौर पुलिस के लिए यह पहला ही होगा। दरअसल, इन दोनों शहरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू है। इस कारण यहां के अफसरों के लिए चुनौतियां दूसरे जिलों के मुकाबले अलग ही होगी। हालांकि इसके लिए महकमा कितना तैयार है वह सामने आने लगा है। क्योंकि चुनाव से पूर्व कुछ काम ऐसे करने होते हैं जो पहले प्रशासन के पास हुआ करते थे। अब पुलिस महकमे को सीधे उसे फेस करना पड़ रहा है। जिसका पूर्व में अनुभव नहीं था। इसलिए इस काम को सीखने की जिम्मेदारी अफसरों को दी गई है। दोनों ही जिलों के अधिकारियों के बीच समन्वय बनाकर सीखी गई जानकारियां एक—दूसरे से भी साझा की जा रही है।
मांगी किसने और मिली किसे
पिछले कुछ महीने पहले पचमढ़ी में प्रदेश की महिला अधिकारियों के साथ रूबरू कार्यक्रम हुआ था। जिसमें एक समस्या यह सामने आई थी कि कई थानों में महिला कर्मचारियों के लिए शौचालय की कमी है। इसके अलावा अधिकारियों को बातचीत में यह भी बताया गया था कि यदि थानों में सैनेटरी पैड मशीन लग जाती तो उन्हें फायदा मिलता। यह बातचीत हुए तीन महीने भी नहीं हुए है। इसी बीच भोपाल के महिला थाने में यह सुविधा दे दी गई। ऐसा करने से पहले महिला थाने में भोपाल की मेयर मालती राय पहुंची थी। उनकी ही पहल में यह काम संभव हो सका है। हालांकि यह सुविधा शहर के अन्य थानों में लागू करने की मांग की जा रही है। जिसका समाधान पुलिस मुख्यालय को अपनी तरफ से निकालना है। वह बात अलग है कि महिला थाने ने जुगाड़ के जरिए यह सुविधा हासिल कर ली।
पिछले दिनों देहात के एक अधिकारी ने गुपचुप तरीके से जुए के अड्डे पर छापा मारा था। जिसकी भनक थाने के प्रभारी को भी नहीं लगी थी। इस कार्रवाई के बाद अचानक थाना प्रभारी को अपनी शक्ति का अहसास हो गया। उन्होंने स्पेशल टीम से अलग दो बड़ी कार्रवाई करके बता दिया कि वे भी अपना नेटवर्क बनाए हुए हैं। हालांकि यह बात अलग है कि ऐसा करने के बाद जितने फोन अफसरों के पास पहुंचे उससे पूर्व में टीआई की हुई किरकिरी की भरपाई हो गई। वहीं थाना स्टाफ मजे ले रहा है कि प्रभारी करिश्माई हो गए। मुश्लिक में अफसरों को डाल गए।
कितना पर्दा डालेंगे, जब भी उठेगा तब बवाल ही मचेगा
पिछले दिनों शहर में रंगदारी का एक मामला जमकर सुर्खियों में आया था। जिसमें पुलिस महकमे के ही कर्मचारी ऐसा करते पाए गए थे। यह सभी लोग पुलिस के रिकॉर्ड में फरार चल रहे हैं। मामले की जांच (MP Cop Gossip) के लिए एक स्पेशल एसआईटी बनाई गई थी। जिसके अफसर खुद एक बड़ी जांच में पहले से फंसे थे। खबर है कि इस मामले को लेकर फरार चल रहे दो आरक्षकों की बातचीत रिकॉर्ड हुई है। जिनसे यह चर्चाएं चल रही है वे राजनीति के क्षेत्र से जुड़े लोग हैं। कर्मचारी अपना बचाव चाहते हैं। यदि वह सीधे तरीके से हुआ तो ठीक नहीं तो बवाल मचना तय है। क्योंकि बातचीत के आडियो रिकॉर्डिंग वायरल होंगे। जिसमें शहर के तीन थानों में भारी कोहराम मचेगा। इस कारण जहां यह आग लगी थी वहां के एक थानेदार पर अफसरों की रहम बनी हुई है। समझ रहे हैं ना बचने के लिए बचाओ, नहीं तो तुम भी जाओ।
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