MP Cop Gossip: शहर के कई थानों के प्रभारियों का बदली जा सकती है जिम्मेदारियां
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस विभाग महकमा काफी बड़ा होता है। इसमें भीतर ही भीतर कई तरह की खींचतान चलती है। कुछ मैन स्ट्रीम मीडिया में आती है और कुछ दबी रह जाती है। ऐसे ही कुछ बातों को लेकर हमारा नियमित कॉलम एमपी कॉप गॉसिप (MP Cop Gossip) है। यह बातें बिना नाम की होती है लेकिन काम वाली होती है। हमारा मकसद किसी भी व्यवस्था को छोटा—बड़ा दिखाना नहीं बल्कि यह बताना है कि बातें छुपती नहीं हैं।
कुर्सी के लिए लॉबिंग
प्रदेश के दो शहरों भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली की शुरुआत हुए तीन महीने बीत चुके हैं। जितने पद बनाए गए उसमें से दूसरे नंबर की दूसरी कुर्सी अभी भी खाली है। यह पद एडिशनल पुलिस कमिश्नर का है। इस पद के लिए एक अफसर काफी सक्रिय हैं। मंथन इस बात पर चल रहा है कि इस कुर्सी पर बैठाने की परंपरा कैसे शुरु की जाए। दरअसल, एक राय यह सामने आई है कि एक पद राज्य पुलिस सेवा से भारतीय पुलिस सेवा में चयनित होकर आए अफसर को दिया जाए। ताकि भारतीय पुलिस सेवा और राज्य पुलिस सेवा में तालमेल बनाया जा सके। इसके लिए एक अफसर बहुत तेजी से अपना नाम आगे कर रहे हैं। इसके लिए वे आईपीएस लॉबी के साथ राजनीतिक गलियारों में तालमेल बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
सबकुछ है बस सारथी की तलाश
भोपाल शहर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली शुरु होने के बाद कई तरह की समस्याएं सामने आ रही है। जैसे वरिष्ठ कार्यालयों में निज सहायक, स्टेनो, रीडर, बाबू से लेकर तमाम अन्य स्टाफ जो पुलिस विभाग से जुड़े पत्राचार और नियमों से वाकिफ हो। इसके अलावा एक अन्य कर्मचारी भी है जिसकी मांग इन दिनों काफी ज्यादा हो चली है। यह है वाहन चालकों की तलाश। कई थानों के वाहन चालक अफसरों की सेवा (MP Cop Gossip) में लगाए गए हैं। आलम यह है कि अब थानों में निजी वाहन चालकों के भरोसे काम चल रहा है।
पूर्व पार्षद से नोंकझोक
शहर के एक थानेदार का पूर्व पार्षद से आमना—सामना हो गया। यह बात वीडियो के जरिए पूरे शहर में वायरल भी हो गई। दरअसल, कांग्रेस नेत्री और थानेदार के बीच बहस एक आम व्यक्ति के साथ हुई मारपीट की बात से लेकर शुरु हुई थी। मामले ने देखते ही देखते तूल पकड़ लिया था। जिसके बाद बंद कैबिन में उसको सुलझाया गया। हालांकि थानेदार इस पूरे विवाद में मन मसोसकर रह गए। वे वीडियो में पुलिस थाने जाकर मदद मांगने की बात कर रहे थे। लेकिन, वे यह बोलते वक्त भूल गए कि वर्दी उन्होंने ही पहन रखी थी। जिसमें उन्हें गलती का अहसास हुआ।
कई बदले जाएंगे, तैयारियों को अंतिम रुप
भोपाल शहर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली शुरु होने के बाद यह बड़े बदलाव के संकेत दे रहे हैं। इससे पहले पुलिस विभाग के कई अफसरों ने अन्य राज्यों में चल रही प्रणाली का जाकर अध्ययन किया। जिसकी रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर को दे दी गई है। खबर है कि शहर के करीब डेढ़ दर्जन थानों के प्रभारी बदले जाने की भी कवायद है। इसके साथ ही एक विवेचना करने वाले निरीक्षक स्तर के अधिकारी भी कुछ थानों में रखे जा सकते हैं। इसके लिए कुछ थानों का चयन प्रयोग के तौर पर किया जा सकता है। हालांकि ऐसा करने से पहले मंथन और मंत्रणा का दौर जारी है।
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