MP Cop Gossip: दो तो निपटे पर तीसरे पर मेहरबानी

Share

MP Cop Gossip: सौरभ शर्मा के साथ गठबंधन से घबराए अधिकारी ने कॉल लिस्ट से गायब किया नाम, विधायक के पत्र ने महकमे को कर दिया बदनाम, डीसीपी की महंगी पड़ रही पत्रकार वार्ता

MP Cop Gossip
सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस (MP Cop Gossip) विभाग बहुत बड़ा है। उसमें भीतर ही भीतर बहुत कुछ चल रहा होता है। ऐसे ही बातों का हमारा साप्ताहिक कॉलम एमपी कॉप गॉसिप हैं। जिसमें हम उन बातों को बताते हैं जो समाचार में नहीं आ सका। हमारा मकसद किसी व्यवस्था को कम—ज्यादा आंकना नहीं हैं। बस यह बताना है कि समाचार छुपते नहीं सामने आ जाते हैं।

सौरभ मामले में बड़ा विकेट गिरने की पूरी तैयारी

प्रदेश का बहुचर्चित सौरभ शर्मा के घर मारा गया छापा राष्ट्रीय स्तर पर गूंज रहा हैं। इसकी धमक देर—सबेर राजनीतिक पार्टियों के चौखट पर दस्तक देने वाली हैं। इसे देखते हुए अभी से डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरु कर दी गई है। खबर है कि इस मामले में एक अफसर पर लंबी गाज गिरने वाली है। इसमें उनका नाम उसे शेल्टर देने के मामले में सामने आया है। कुछ कॉल डिटेल और उसके साथ—साथ चल रहे सरकारी नंबर के चलते वे अपनी करतूत को छुपा नहीं सके। अफसर का दो नंबरी काम के लिए चल रहा गुप्त नंबर भी एजेंसियों को पता चल गया है। उसके जरिए प्रदेश की राजनीति में पक रही खिंचड़ी उजागर हो गई है। हालांकि उन अधिकारी महोदय ने सौरभ शर्मा के साथ पूर्व में हुई सारी चैट और हिस्ट्री भी डिलीट करा दी है।

विधायक ने करा दी किरकिरी

प्रदेश में नेताओं और ब्यूरोक्रेसी के गठबंधन से बहुत नुकसान एक राष्ट्रीय पार्टी को हो रहा है। इसलिए पोस्टिंग से लेकर ट्रांसफर में एक विशेष निगरानी रखी जा रही है। इसके बावजूद सोशल मीडिया में एक विधायक के पत्र ने पुलिस महकमे की काफी किरकिरी करा दी है। यह मामला शिवपुरी जिले के पिछोर विधानसभा का है। यहां के विधायक प्रीतम लोधी का अनुशंसा वाला पत्र सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो गया है। यह पत्र कलेक्टर को संबोधित है। जिसकी प्रतिलिपि जिले के एसपी और खनियाधाना थाने के प्रभारी को भी भेजी गई है। जिसमें विधायक ने कहा है कि थानों में होने वाली मीटिंग को लेकर वे अपनी तरफ से इंदल लोधी कुन्दौली को नियुक्त किया गया है। जिसके बाद सरकार को घेरने वाले विपक्ष को बोलने का अवसर मिल गया। प्रदेश में परिवहन चेक पोस्ट खास लोग संभालते थे। अब थानों में विधायक की आदमी एफआईआर हो या न हो बोलकर ट्रोल किया जा रहा है। खबर यह भी है कि विधायक की इस हरकत के चलते उन्हें संगठन की तरफ से बड़ी फटकार भी लगी है।

यह भी पढ़ें:   Bhopal News: राजश्री गुटखा कर्मचारी के सीने में चाकू मारा 

मेहरबानी की वजह तलाश रहे

पिछले दिनों एमपी की एक एजेंसी ने दूसरे राज्य में जाकर दबिश दी थी। जिसके बाद वहां की पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज किया। कस्टडी में हुई मौत के मामले में एमपी पुलिस की राष्ट्रीय स्तर में मीडिया में काफी किरकिरी हुई थी। जिसके बाद एक बड़े अधिकारी ने कैबिन में बुलाकर तीन अफसरों को जमकर लताड़ा भी था। इसका असर यह हुआ कि उनका जाना तय हो गया था। हालांकि जब तबादलों में नाम आया तो एक अधिकारी को हटाया ही नहीं गया। जबकि एक अंगद बने अधिकारी और दूसरे उनके उपर बैठे अफसर को उस जगह से दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया। तीसरे अफसर के प्रति उदार नीति के पीछे पुलिस मुख्यालय के गलियारों में चर्चाएं चल पड़ी हैं।

डीसीपी से परेशान थाना स्टाफ के साथ—साथ पत्रकार

MP Cop Gossip
सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली जब से शुरु हुई है तब से भोपाल का वर्किंग कल्चर दो हिस्सों में बंट गया है। एक भोपाल देहात हो गया है तो दूसरा भोपाल शहर। भोपाल शहर में आठ जोन बनाए गए हैं। इसमें में चार जोन में थाने हैं तो चार जोन ट्रैफिक, क्राइम ब्रांच, इंटेलीजेंस और मुख्यालय के हैं। इन्हीं जोन में से एक अधिकारी की जिद थानों से लेकर पत्रकारों को काफी महंगी पड़ रही है। क्योंकि वे जब भी पत्रकार वार्ता करते हैं तो वे मीडिया को अपने दफ्तर बुलाते हैं। उनका दफ्तर बीच शहर से अलग होता है। जबकि प्राइम कवरेज बीच शहर में ही होता है। ऐसे में पत्रकारों को वहां जाने में काफी संकट आता है। इधर, जब्त सामान के साथ डीसीपी कार्यालय जाना थाना स्टाफ को काफी महंगा भी पढ़ता है। पिछले दिनों एक वाहन चोर को पकड़ा था। वह वाहन मीडिया को दिखाने के लिए थाना प्रभारी को अपने जेब से खर्च करके लोडिंग ट्रक बुक करना पड़ा। इसके बाद वह कहीं डीसीपी कार्यालय पहुंच सके। भोपाल शहर में पुराना नियम यह रहा है कि जिस अफसर को भी अपनी उपलब्धि बतानी है वह सीपी कार्यालय या फिर पुराने कंट्रोल रुप के सभागार में आना होता है। बहरहाल भीतर ही भीतर सुलग रहा यह मुद्दा पुलिस और प्रेस के बीच बड़ा जयघोष का कारण बनने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

शहर में अफसरों के बीच संवाद की भारी कमी

पिछले दिनों एक ही दिन में दो बड़े इवेंट रख दिए गए। इसमें समाचार पत्रों के वह बड़े बैनर जिनके पास हर बीट पर एक नहीं दो से तीन रिपोर्टर हैं उन्हें कोई तकलीफ नहीं हुई। लेकिन, छोटे बैनर वाले ठगा साह महसूस कर गए। क्योंकि एक इवेंट में खबरें ही खबरें थी। यदि वहां सारे होते तो भोपाल शहर पुलिस व्यवस्था बेनकाब हो जाती। उसे रोकें कैसे इसलिए अचानक एक तरकीब निकाली गई। अचानक उसी दिन मिलन समारोह आयोजित कर दिया गया। इसमें भोजन के साथ—साथ लिखने के लिए डायरी बांटी गई। लेकिन, जहां खबर थी वहां सारे पत्रकार नहीं पहुंच सके। इसलिए दूसरी जगह आयोजित कार्यक्रम का घमासान ज्यादा वायरल नहीं हो पाया। इसे कहते ही जुगाड़ लगाकर खबरों का मीडिया मैनेजमेंट। लेकिन, इस जुगाड़ से यह संदेश साफ—साफ चला गया कि एक ही शहर में उपर से लेकर नीचे तक समन्वय की कितनी कमी हैं।

यह भी पढ़ें:   Bhopal Murder Case: रकम बंटवारे को लेकर हुए विवाद के बाद चोरों ने अपने साथी को मारा

राजधानी के एक अधिकारी का ‘कल्याण’ होने वाला है

MP Cop Gossip
सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

राजधानी के एक बड़े अधिकारी का काफी दिनों से जाना तय की खबरें चल रही हैं। लेकिन, वे यहां—वहां होते हुए अटक जाते हैं। हालांकि अब उनकी कुर्सी की जगह तय कर दी गई है। अफसर दिल के खराब नहीं है लेकिन उन्होंने अपने आस—पास जो सिपहसलार का जाल बुना है वह उन्हें उचित सूचनाओं और सटीक खबर देने वालों से काफी दूर रखता है। ऐसे सूचनाएं रखने वाले भी अपना वजूद जानते हैं। इसलिए वो भी महत्व मिलने पर ही महत्व की बातें साझा करते हैं। इन कमियों से दूर इन अधिकारी महोदय का कल्याण जल्द होने वाला है। उनकी जगह आने वाले अफसर भी तय हो चुके हैं। यदि यह अधिकारी आए तो तय मान ​लीजिए जगह—जगह पुलिस की चेकिंग होना तय है।

यह भी पढ़िएः तीन सौ रूपए का बिल जमा नहीं करने पर बिजली काटने के लिए आने वाला अमला, लेकिन करोड़ों रूपए के लोन पर खामोश सिस्टम और सरकार का कड़वा सच

खबर के लिए ऐसे जुड़े

MP Cop Gossip
भरोसेमंद सटीक जानकारी देने वाली न्यूज वेबसाइट

हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 7898656291 पर संपर्क कर सकते हैं।

Don`t copy text!