MP Cop Gossip: रेस्क्यू के बाद दो दिन बाद दूसरा रेस्क्य, चलने लगी बातें राजधानी में चल क्या रहा है, एक अधिकारी ने दूसरे अधिकारी के थाने की खोल दी पोल
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस विभाग बहुत बड़ा होता है। उसके भीतर ही भीतर बहुत कुछ चल रहा होता है। लेकिन, छपता वही है जो थानों में दर्ज एफआईआर में होता है। पर्दे के पीछे चल रहे खेल का हमारा साप्ताहिक कॉलम एमपी कॉप गॉसिप (MP Cop Gossip) है। जिसमें हम उन्हीं खेल को लेकर बोल देते हैं। हमारा मकसद किसी व्यवस्था, व्यक्ति, पद या कार्रवाई की आलोचना नहीं बल्कि यह बताना होता है कि बातें नहीं छुपती है।
लूट का मामला मारपीट में दर्ज
हत्या पर भी खामोशी यह पहली बार
यह तो हद ही हो गई
पिछले दिनों राजधानी में डिजीटल अरेस्ट की कार्रवाई हुई। जिसको दूसरी एजेंसी के अफसरों ने अंजाम दिया। इसमें बाइट स्थानीय अधिकारियों ने दी। यह मामला नेशनल लेवल पर चल पड़ा। जिसके बाद बाइट से लेकर तमाम अफसर चमक गए। यह देख एक अधिकारी (MP Cop Gossip) ने इसको अपने क्षेत्राधिकार में हस्तक्षेप मान लिया। दो दिन बाद फिर डिजीटल अरेस्ट होने पर तुरंत वही अमलीजामा पहनाया गया। लेकिन, इस बार पहले की तरफ जानकारियां उतनी जल्दी और बारीकी के साथ मीडिया तक नहीं पहुंच सकी। इससे साफ है कि कुछ तो है जो एक साथ कुछ ही दिनों के भीतर में हुई है। जिसमें एक अधिकारी पहले बाजी मार ले गए तो दूसरे अधिकारी कैमरे के सामने अचानक आने लगे। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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