MP Cop Gossip: थानों में तैनात ‘अंगद’ को फिर अवसर

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MP Cop Gossip: पुलिस कमिश्नर एक कार्यवाहक उप निरीक्षक पर इतने मेहरबान है कि छह महीने उसके लिए किरकिरी झेलने के बाद सुनियोजित तरीके से प्रभारी की कुर्सी दिलाई, यदि यह आदर्श हैं तो वह दिन दूर नहीं जब कांस्टेबल भी प्रभारी बन जाए, सारे नियमों को शिथिल करके की गई पोस्टिंग

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस विभाग बहुत बड़ा होता है। उसके भीतर ही भीतर बहुत कुछ चल रहा होता है। इसमें कुछ बातें मीडिया में आ जाती है और बहुत कुछ दबी रह जाती है। ऐसे ही बातों का हमारा नियमि​त कॉलम एमपी कॉप गॉसिप (MP Cop Gossip)  है। हमारा मकसद किसी पद, व्यक्ति, व्यवस्था को कमतर आकना नहीं है। बल्कि उस प्रणाली के संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए जो भी प्रयास संभव हो वह करना है।

भोपाल डीसीपी मुख्यालय अखिल पटेल ने तीन दिन के भीतर में तबादलों पोस्टिंग की दो सूचियां जारी की है। पहली सूची में 185 नाम थे। यह आदेश 22 जून को जाारी किए गए थे। इनमें अधिकांश ऐसे कर्मचारी थे जो कार्यालय में तैनात थे और थाना चाह रहे थे। इन्हीं परोपकारों के बीच थानों में लंबे अरसे से जमे मैदानी कर्मचारियों को नहीं हटाया गया। ऐसे हर थाने में चार से पांच पुलिस कर्मचारी ऐसे हैं जो अंगद हैं। जिनका क्षेत्र में काफी तगड़ा नेटवर्क भी जम चुका है। यह अंगद थाने में आने वाले हर प्रभारी की बैशाखी होता है। इस तरफ कभी भी तबादला करने वाले अफसरों का ध्यान गया ही नहीं। दूसरी सूची 24 जून को 19 लोगों की जारी की गई। इसमें से 12 लोगों के अलग—अलग थानों में किए गए तबादले निरस्त किए गए।

पहले अपने थानों के प्रभारी को जान लीजिए

कार्यवाहक निरीक्षक सुनील कुमार मैहर को गांधी नगर थाने से क्राइम ब्रांच भेजा गया है। वे इससे पहले अरेरा हिल्स थाने में भी तैनात रहे थे। यहां मंत्रालय की आगजनी के बाद गांधी नगर उन्हें भेजा गया था। गांधी नगर में जेल के सामने भाजपा नेता की हत्या के मामले में वे निशाने पर फिर आ गए थे। इसी तरह कटारा हिल्स थाना प्रभारी शैलेष कुमार मिश्रा को क्राइम ब्रांच भेजा गया है। रातीबड़ थाने में तैनात निरीक्षक मनोज पटवा को टीटी नगर थाने की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। यहां तैनात निरीक्षक अशोक कुमार गौतम को मंगलवारा थाना भेजा गया है। वहीं मंगलवारा थाने में तैनात निरीक्षक अजय कुमार सोनी को हबीबगंज थाने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। हबीबगंज थाने में तैनात रहीं निरीक्षक सरिता बर्मन को टीला जमालपुरा थाना भेजा गया है। कार्यवाहक निरीक्षक कृष्ण देव सिंह कुशवाहा को क्राइम ब्रांच से लाइन अटैच किया गया है। कार्यवाहक निरीक्षक आफताब खान को डीसीपी जोन—3 कार्यालय से क्राइम ब्रांच भेजा गया है। इसी तरह कार्यवाहक निरीक्षक सरस्वती तिवारी को क्राइम ब्रांच भेजा गया है। इससे पहले वे पुलिस लाइन में थी।
तीन दिन के भीतर में दूसरी सूची

सीधी एसआई भर्ती के बीच सही नहीं गया संदेश

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भोपाल पुलिस को पहले तैनाती के मामले में आदर्श माना जाता था। यहां थानों में तैनात होने वाला हर अफसर विशेष क्वालिटी के चलते पहचान रखता था। अब एक ही क्वालिटी है वह पार्टी के कितने करीब हैं और कितना संभाल सकता है। क्योंकि राजधानी में पार्षद भी सीधे सीएम हाउस में बातचीत कराने की दम रखता है। इन बातों से कैबिन में बैठने वाले अफसर (MP Cop Gossip) डरते हैं। इसके बावजूद रातीबड़ थाने में कार्यवाहक उप निरीक्षक बृजेंद्र निगम को कटारा हिल्स थाने की पोस्टिंग दी गई है। सुरक्षा के लिहाज से यह काफी संवेदनशील थाना क्षेत्र है। यहां कई लग्जरी कॉलोनी बनी हुई है। निगम इससे पहले खजूरी सड़क थाने केे प्रभारी बनने जा रहे थे। ज​बकि वहां उनसे पहले सीनियर मौजूद था। यह जानने के बाद पहले सीनियर का तबादला किया गया। यह बात मीडिया में लीक हुई और पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली की काफी किरकिरी हुई थी। एक बार फिर कार्यवाहक उप निरीक्षक निगम जो 2022 में इस पद पर पदोन्नत हुए हैं उन्हें कुर्सी दे दी गई। जबकि पुलिस लाइन में एक दर्जन से अधिक निरीक्षक और दो दर्जन से अधिक सुपर सीड एसआई मौजूद हैं। डीसीपी मुख्यालय का यह आदेश एक बार फिर उन कर्मचारियों को हताश करने के लिए काफी है।

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एडीजी का ठीक था लेकिन एसआई सच बोलकर फंसे

पिछले दिनों दूसरे प्रदेशों के मुकाबले भारतीय पुलिस सेवा में एडीजी स्तर के अफसरों की पोस्टिंग को लेकर एक समाचार प्रकाशित हुआ। यह समाचार सरकार के खिलाफ था जिसमें कोई पर कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन, भोपाल शहर के अवधपुरी थाने में तबादला आदेश जारी होने  के बाद एसआई सुर्खियों में आ गए। उन्होंने विभाग को लेकर बहुत सारी सही बातें बोली। लेकिन, महकमे की किरकिरी होने के कारण उससे काफी सफाई मांगी गई। वह एसआई सच बोलकर फंस गया जबकि एडीजी ने भी अपनी पीड़ा मीडिया में छपवा दी तो वहा सब ने मौन धारण कर लिया।

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