MP Cop Gossip: ट्रैप होते उससे पहले लाइन हाजिर हो गए मंत्री के करीबी
भोपाल। मध्य प्रदेश (MP Cop Gossip) की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज पुलिस महकमे की है। यह हर गुरुवार की सुबह सात बजे प्रकाशित होती है। इसमें वह बातें होती है जो समाचार नहीं बन सकी। मतलब प्रशासनिक कारण की आड़ लेकर सच्चाई को दबाया जाता है। ऐसे ही आज कुछ चुटीले और हैरान कर देने वाले यह मामले हैं।
एसआई तो ट्रैप हुए पर एएसआई….
मिसरोद थाने के एसआई प्रकाश राजपूत लोकायुक्त पुलिस के हाथों ट्रेप हो गए। उसी दिन निशातपुरा थाने से एएसआई नंदराम अहिरवार और कार्यवाहक प्रधान आरक्षक सुंदर सिंह राजपूत लाइन हाजिर किया गया। इन दोनों की कहानी सामने नहीं आई। लेकिन, खबर है कि यह दोनों भी उसी दिन ट्रैप होने वाले थे। जिसकी भनक लगने पर अफसरों ने तत्काल उन्हें पुलिस लाइन पहुंचा दिया। इनमें से लाइन हाजिर राजपूत काफी विवादों में रहे हैं। उन्हें एक मंत्री के करीबी का रिश्तेदार होने का कई मौकों पर फायदा मिलता रहा है। निशातपुरा थाने में यह उनकी दूसरी बार आमद थी।
इंस्पेक्टर को ‘काला टीआई’ ने निलंबित कराया
आपको पूरी जानकारी पढ़कर हैरानी होगी। मामला बालाघाट जिले के कोतवाली थाने का है। यहां इंस्पेक्टर मंसाराम रोमड़े को एसपी अभिषेक तिवारी ने निलंबित कर दिया। इसके पीछे हाथ था काला टीआई का। इंस्पेक्टर अकेले नहीं नपे, उनके साथ एएसआई भुनेश्वर बामनकर, रामकेशोर, भीमराव मेश्राम, और सिपाही राजेश सोनी, शहजाद खान, वेद हरिनखेड़े की भी नौकरी दांव पर लग गई। काला टीआई बदमाश है जिसका असली नाम कपूर कामडे है। वह चोरी के आरोप में लाया गया था। उसके भागने के कारण सभी पर गाज गिरी।
शिकायत पर लाइन हाजिर, सजा पर मौन
पिछले दिनों ऐशबाग में जुआ—सट्टे को लेकर शिकायत हुई इसमें दो टीआई समेत करीब नौ लोगों पर गाज गिर चुकी है। बकायदा जांच भी बैठी हुई है। इसके इतर पिछले दिनों लोकायुक्त अदालत से चार पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया गया। उनके खिलाफ एक भी कागज अफसर अब तक नहीं चला सके हैं। मेहरबानी का आलम यह है कि तीन कर्मचारियों से भोपाल पुलिस के एक अफसर जेल के मेडिकल वार्ड में जाकर मुलाकात भी कर चुके हैं। खबर है कि इन्हें बचाने के लिए महकमा हाईकोर्ट जाने की भी तैयारी कर रहा है। तब तक जितनी रियायत मिल सकती है वह दिलाई जा रही है। अब सवाल यह खड़ा होता है कि एक महकमे के दो नजरिए क्या साबित करना चाह रहे हैं।
टीआई को नपते देख मंत्री दरबार पहुंचे
ऐशबाग थाने के प्रभारी रहे नीलेश अवस्थी को पिछले दिनों लाइन हाजिर किया गया। यह तब हुआ जब पूरा प्रकरण डीजीपी दरबार में पहुंच गया। इसी प्रकरण से जुड़े एएसआई नंदकिशोर धुर्वे पर भी तलवार लटकी हुई थी। उन्होंने एक व्यक्ति को साथ लिया और मंत्री के बंगले पहुंच गए। जिसको साथ लेकर पहुंचे वह स्वयं सट्टा खिलाने के मामले में सुर्खियों में रहा है। यह बात आला अफसरों को मालूम हुई। फिर क्या एएसआई महोदय को अनुशासन की शिक्षा लेने वाले परिसर यानि लाइन भेज दिया गया।
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