MP Cop Gossip: आर्थिक घोटाले का बचा हुआ ‘प्रेम’ पार्टियों के बहाने मामले को कर रहा सैटल
भोपाल। पुलिस विभाग काफी बड़ा होता है। इसमें भीतर ही भीतर बहुत कुछ चल रहा होता है। कुछ बातें सामने आती हैं तो बहुत सी बातें दबी रह जाती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि वे बातें लोगों को मालूम न हो। बस सबूतों के अभाव में वह जुबां में दब जाती है। कुछ ऐसे ही बातों का हमारा साप्ताहिक काॅलम एमपी काॅप गाॅसिप (MP Cop Gossip) है। हमारा मकसद किसी व्यक्ति, संस्था को छोटा-बड़ा दिखाना नहीं होता। हम बस उन छुपी बातों के बहाने यह बताने का प्रयास करते हैं कि कानों में बताई जा रही बातें अगर सबूत में बदली तो वह बड़ा समाचार भविष्य में जरूर बनेगी।
अवधपुरी में चोरों का आतंक
गैंगरेप पीड़ित परिवार की व्यथा
राजधानी में पांच साल पहले मध्यप्रदेश की स्थापना दिवस से पूर्व एक गैंगरेप की काफी गंभीर घटना हुई थी। पीड़िता की रिपोर्ट तीन थानों ने दर्ज नहीं की थी। जब यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आया तो एक-एक करके सात अधिकारियों को निपटा दिया गया। इस मामले के सारे आरोपी दोषी करार देकर जेल दाखिल है। प्रकरण ठंडा होने के बाद सरकार ने उन लापरवाह अफसरों जिन पर गाज गिराई थी उन्हें रियायत देने का काम शुरू कर दिया है। इन्हीं अफसरों में से एक अफसर हबीबगंज जीआरपी में तैनात था। जिसे अब भोपाल जीआरपी में तैनात कर दिया गया है। यह अफसर पीड़ित परिवार को रेलवे स्टेशन पर टकराता है। दरअसल, पीड़िता के पिता रेलवे में तो मां पुलिस विभाग में तैनात हैं। जिन्हें सरकारी काम से भोपाल रेलवे स्टेशन आना-जाना होता है। जिस अफसर को वापस बहाल करके बसाया गया है वह पीड़ित परिवार को इशारों ही इशारों में यह जताता है कि उसका सिस्टम कुछ नहीं बिगाड़ सका।
बहुत प्रेम है तभी सिस्टम चुप है
माफिया के बहाने थानेदार ने आशियाना पाया
पिछले दिनों एक नहर किनारे बने थाने के एक अधिकारी ने अपना आशियाना वापस पा लिया। हालांकि ऐसा करने के लिए वे काफी लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। दरअसल, अधिकारी के पास आशियाना दबाकर रखने वाले भूमाफिया की एक शिकायत जांच के लिए आ गई थी। जिस पर शिकंजा कसने के लिए अधिकारी ने तमाम मंत्र अफसरों को फूंककर जांच शुरू कर दी। हालांकि यह बात अलग है कि उस मामले को अधिकारी ने इस्तगासा में निपटाकर उसको किनारे लगा दिया। जिसने शिकायत की अब वह एसडीएम कोर्ट के चक्कर काट रहा है।
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