MP Cop Gossip : बजट वापस करके जारी कर दिया टेंडर

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MP Cop Gossip : चार महीने से पुलिस अधिकारियों के चक्कर काट रहा कारोबारी, सड़क सुरक्षा निधि की 37 करोड़ रुपए की राशि से जुड़ा है मामला

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस विभाग काफी बड़ा होता है। विभाग  के भीतर ही भीतर बहुत कुछ चल रहा होता है। कुछ बातें सार्वजनिक हो जाती है कुछ नस्तियों या अफसरों के कान तक सीमित रह जाती है। ऐसे ही विषयों को लेकर हमारा नियमित साप्ताहिक कॉलम एमपी कॉप गॉसिप (MP Cop Gossip) है। इसके जरिए हमारा मकसद किसी संस्था, व्यक्ति को कम—ज्यादा आंकना नहीं हैं। बल्कि यह बताना है कि बातें नहीं छुप सकती है। वह उजागर रहती है और कहीं न कहीं उनकी चर्चा चल रही होती है। ऐसा ही इस बार का रोचक विषय है।

बैठक में हुआ था फैसला

पुलिस विभाग में सड़क सुर​क्षा निधि होती है। यह निधि  पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के जरिए इस्तेमाल की जाती है। दिसंबर, 2021 में पीटीआरआई के जरिए उसके खाते में 37 करोड़ रुपए मिले थे। इस रकम में से लगभग 12 करोड़ रुपए मशीन उपकरणों को क्रय किया जाना था। इसी बारह करोड़ रुपए में से लगभग पांच करोड़ रुपए लैपटॉप, डेस्कटॉप और प्रिंटर खरीदने के लिए आवंटित किया गया। यह सामग्री प्रदेश के 52 जिलों के अलावा पुलिस​ विभाग की दूसरी यूनिट में सप्लाई होनी थी। इसमें 257 डेस्कटॉप, 170 लैपटॉप के अलावा 309 मल्टीपर्पस प्रिंटर खरीदने की सहमति बनी थी। इसके लिए सभी जिलों को अपने स्तर पर टेंडर निकालकर क्रय करने के आदेश जारी हुए थे।

यहां हुई शिकायत

भोपाल पुलिस ने भी 21 मार्च को टेंडर निकाला। इसमें 16 प्रिं​टर खरीदने की बात लिखी थी। प्रति प्रिंटर 30 हजार रुपए तय किया गया था। सड़क सुरक्षा निधि से जारी यह टेंडर की रकम कारोबारी को मिलती उससे पहले बजट लेप्स हो गया। कारोबारी तभी से अपने लगभगसाढ़े चार लाख रुपए लेने के लिए पुलिस अधिकारियों के दरबार में चक्कर काट रहा है। वह पुलिस मुख्यालय (MP Cop Gossip) से लेकर हर जगह अपनी फरियाद दे चुका है। लेकिन, अब तक उसकी समस्या का कोई निदान नहीं हुआ है। इस टेंडर के कारण कारोबारी अपने  यहां काम करने वाले तीन कर्मचारियों के वेतन का भी भुगतान नहीं कर पा रहा। विरोध इसलिए नहीं कर सकता क्योंकि उसने कारोबार वर्दी पहनने वालों से किया है। उसे भय है कि कहीं उसे पुलिस उलझा न दे। इतना ही नहीं यह बात कई आला अधिकारियों को पता होने के बावजूद वे खामोश है।

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