MP Cop Gossip: एक सप्ताह के भीतर में सत्तारूढ़ सरकार के अनुषांगिक संगठन ने दो थाना प्रभारियों और एक थानेदार को लाइन पहुंचाया, विभाग के अफसर भविष्य के लिए मान रहे खतरे का संकेत, कारोबारी ससुर—दामाद की कमाई वाली जोड़ी के चर्चा में आ रहे किस्से
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस महकमा काफी बड़ा होता है। उसमें भीतर ही भीतर बहुत कुछ चल रहा होता है। ऐसे ही बातों का नियमित कॉलम एमपी कॉप गॉसिप(MP Cop Gossip) हैं। इनमें प्रकाशित होने वाले विषय पीएचक्यू गलियारों और थानों में चल रही चर्चाओं पर जुड़े होते हैं। इसके जरिए किसी व्यवस्था, व्यक्ति अथवा पद को छोटा—बड़ा दिखाना नहीं होता है। हमारी हरसंभव कोशिश होती है कि इसमें नाम भी सार्वजनिक न किया जाए।
सेना के जवानों को पूजने वाली पार्टी के नेता…
बिलखिरिया थाने के प्रभारी भानुप्रताप सिंह बैस (TI Bhanupratap Singh Bais) , एसआई नवीन कुमार (SI Navin Kumar) और आरक्षक सुमित शाक्य (Constable Sumit Shakya ) लाइन हाजिर हो गए। भानु प्रताप सिंह बैस कुछ महीनों पहले ही नजीराबाद थाने से यहां आए थे। वहां जब उनका तबादला हुआ था तब गांव के लोगों ने बैंड—बाजे के साथ उनकी विदाई की थी। बैस सेना से रिटायर हुए हैं जिसके बाद उन्होंने मध्यप्रदेश पुलिस सेवा में आने का फैसला किया। विवाद कॉर्पोरेट कॉलेज (Corporate College) प्रबंधन की तरफ से की जा रही सख्ती को लेकर हुआ था। प्रबंधन और छात्रों के बीच चल रहा विवाद मंगलवार शाम बिलखिरिया (Bilkhiriya) थाने पहुंच गया। तभी वहां एबीवीपी के पदाधिकारी प्रदुम्न, अजय समेत अन्य पहुंच गए। इससे पहले छात्रों के एक गुट ने कॉलेज की फैकल्टी से अभद्रता करते हुए तोड़फोड़ कर दी थी। इसी विवाद को थाना प्रभारी सुलझा रहे थे तो एबीवीपी के नेता पहुंचे थे। उन्होंने प्रबंधन की तरफ से कुछ लेने का आरोप लगा दिया। इस बात से थाना प्रभारी तिलमिला गए। उन्होंने कहा कि सीमा पर आधा जीवन गुजार दिया। देशभक्त के सामने इस तरह की बातें न्यायोचित नहीं हैं। फिर भी छात्र नेता जुबानी जंग जारी रखे। नतीजतन, टीआई ने बाल पकड़कर वज्र वाले हाथ की परिभाषा का छात्र नेता को अहसास करा दिया। यह पूरी घटना थाने के कैमरे में भी कैद हुई।
सरकार के लिए नहीं है यह शुभ संकेत
इंदौर (Indore) में बजरंगियों के प्रदर्शन के बाद अफसरों (MP Cop Gossip) पर गाज गिरना। भोपाल शहर के टीला जमालपुरा में दो महीने पुराने वायरल वीडियो के कारण थाना प्रभारी को लाइन हाजिर करना। इसके बाद बिलखिरिया की घटना को पुलिस मुख्यालय के अफसर सामान्य घटना नहीं मान रहे हैं। दबी जुबान में कुछ अफसर आने वाले चार महीने बाद अपनी तैनाती का संकेत मानने लगे हैं। पुराने अनुभवों से लबरेज इन अधिकारियों का तर्क है कि जब भी खादी पहनने वालों के कारण खाकी परेशान हुई तो संयोग बिगड़ना तय है। जबकि खादी से डंडे खाने वाले खाकी के दिन फिरते हैं। ऐसे ही तमाम उदाहरणों के साथ कई घटनाओं पर सत्तारूढ़ सरकार केे लिए इन्हें शुभ संकेत यह अफसर नहीं मान रहे हैं। अब देखना यह है कि बंद कमरों में किया गया यह आकलन मैदान में सटीक बैठा तो प्रदेश का पूरा परिदृश्य बदलना तय है।
पिछले दिनों एक थाने के अवकाश पर चल रहे अधिकारी को लाइन हाजिर किया गया। जिसके चर्चे पुलिस मुख्यालय से लेकर भोपाल पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय के गलियारों में गूंजने लगे। लिफ्ट में आते—जाते हर कोई पूछ रहा था यह क्या चल रहा है। हालांकि इसके केंद्र में पुलिस महकमे में तैनात एक कार्यवाहक उप निरीक्षक है। जिन्हें एक स्पेशल टास्क देकर भेजा गया है। इन साहब की खासियत यह है कि इनके दामाद भी उनके नक्शे कदम पर चल रहे हैं। दामाद बकायदा एक बिल्डर के साथ डंपर की पार्टनरशिप में रेत का परिवहन कर रहे हैं। बहरहाल कुर्सी की लड़ाई में ससुर का इस्तेमाल एक अधिकारी ने कर लिया। अपने निजी स्वार्थ के लिए कांधा देने वाले ससुर साहब अपने दामाद की भी पोल का ढ़ोल अब शहर में पिटवा चुके हैं। यह दोनों छुपे रूस्तम शहर के कई एजेंसियों में भी चर्चा पा चुके हैं।
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