Indore Crime : वीडियो में देखिए भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने क्रिकेट के बल्ले से निगम अफसर को किस तरह से पीटा, थाने में दर्ज हुआ मामला

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निगम के जोनल अधिकारी धीरेन्द्र बायस को बल्ले से पीटते हुए विधायक आकाश विजयवर्गीय

प्रदेश में मचा राजनीतिक बवाल, कांग्रेस ने साधा निशाना कहा प्रदेश को पश्चिम बंगाल मत बनाओ, भाजपा पार्टी में बचाव को लेकर मंथन शुरू

इंदौर। भारतीय जनता पार्टी के (Indore Crime) इंदौर-3 विधानसभा क्षेत्र से विधायक आकाश विजयवर्गीय ने क्रिकेट के बल्ले से निगम के अफसर को पीट दिया। इतना ही नहीं पीटने के अलावा उन्होंने अफसर के साथ बदसलूकी करने के लिए अपने साथ आई भीड़ को उकसाया। आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। इधर, घटना के बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। कांग्रेस ने (Indore Crime) आरोपों की बौछार लगा दी तो भाजपा बचाव की रणनीति बनाने में जुट गई है।

जानकारी के अनुसार नगर निगम की भवन शाखा में तैनात (Indore Crime) निरीक्षक 46 वर्षीय धीरेन्द्र बायस पिता महेन्द्र बायस जर्जर भवनों को लेकर काम कर रहे थे। रेसकोर्स रोड तुकोगंज निवासी धीरेन्द्र के साथ निगम अतिक्रमण का वह दस्ता भी था जो जर्जर मकानों को गिराने का काम करता है। महेन्द्र बायस जोन-3 के प्रभारी भी है। वे बुधवार सुबह साढ़े ग्यारह बजे वार्ड-57 के असित खरे के जर्जर मकान को ढहाने के लिए पहुंचे थे। पोकलेन मशीन, जेसीबी मशीन समेत अन्य साजो सामान के साथ कार्रवाई शुरू होती उससे पहले वहां विधायक आकाश विजयवर्गीय पहुंच गए। उनके साथ 100 से अधिक कार्यकर्ता भी थे। इसके पहले (Indore Crime) वहां खड़े लोगों ने विधायक के आने पर कार्रवाई करने के लिए अमले को 15 मिनट रोका भी। आकाश विजयवर्गीय जैसे ही वहां पहुंचे उन्होंने क्रिकेट का बल्ला लेकर धीरेन्द्र बायस को पीटना शुरू कर दिया। जर्जर भवन को तोडऩे लाए गए उपकरणों पर पथराव करके उसे क्षतिग्रस्त कर दिया गया। विजयवर्गीय के साथ आए अन्य एक दर्जन से अधिक समर्थकों ने लात-जूते मारते हुए उनके कपड़े भी फाडऩे की कोशिश की।

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आप स्वयं देख लीजिए लगा ही नहीं कि जनप्रतिनिधि है जिसे जनता ने समस्याओं के निदान के लिए चुना है

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विधायक को रोकने की बजाय निगम अफसर को ऐसे बचाकर मौके से लेकर गई पुलिस

मौके पर थी पुलिस
इंदौर में (Indore Crime) भाजपा का काफी दखल है। यह दखल निगम के अलावा पुलिस समेत अन्य विभागों में लंबे अरसे से बना हुआ है। इस कारण यहां सरकार बदलने के चलते पिछले छह महीने से टकराव की स्थिति बन रही है। जब मारपीट की यह घटना हुई तो वहां भारी पुलिस बल भी तैनात था। लेकिन, वह आकाश विजयर्गीय और उनकी टीम को रोकने या खदेडऩे की बजाय धीरेन्द्र बायस को बचाकर ले जाने में जुटा हुआ था। पूरी घटना में (Indore Crime) बलवाईयों से निपटने का कोई भी प्रयास मौके पर दिखाई ही नहीं दिया।

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एफआईआर में केवल विधायक का नाम
धीरेन्द्र बायस के अलावा उपद्रवियों ने (Indore Crime) असित खरे को भी बेरहमी से पीटा। निगम का अमला उसके ही भवन को गिराने के लिए वहां पहुंचा था। सूत्रों ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच सरकार ने अपने स्तर पर शुरू कर दी है। पता चला है कि मारपीट की घटना में निगम के कर्मचारी भी विधायक का समर्थन करते हुए निगम कर्मचारियों को ही पीट रहे थे। इस पूरे मामले में महात्मा गांधी रोड थाने में इस घटना को लेकर मामला दर्ज कर लिया गया है। जिसमें आरोपी के नाम के सामने केवल विधायक आकाश विजयवर्गीय का नाम है।

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थाने में बैठे हुए विधायक आकाश विजयवर्गीय

क्यों आया राजनीतिक भूचाल
आकाश विजयवर्गीय (Indore Crime) इंदौर शहर के लिए काफी चर्चित नाम हैं। यह चर्चा उनके व्यक्तिगत व्यक्तित्व नहीं बल्कि खानदानी विरासत में मिली राजनीति से हैं। आकाश के पिता कैलाश विजयवर्गीय है जो भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भी है। कैलाश विजयवर्गीय ने विधासभा 2018 के चुनाव में अपने बेटे को इंदौर से टिकट दिलाने के लिए काफी संघर्ष किया था। इसमें वह कामयाब भी हुए लेकिन, उन्हें टिकट नहीं मिला। उनकी इच्छा थी कि आकाश को इंदौर-2 क्षेत्र से चुनाव लड़ाया जाए। हालांकि इंदौर-3 से उषा ठाकुर का टिकट काटकर आकाश को सीट दी गई थी।

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बेटे के बहाने केन्द्र की राजनीति
आकाश की (Indore Crime) असंवेदनशीलता के चलते मध्यप्रदेश कांग्रेस को बैठे हुए मुद्दा मिल गया। कांग्रेस की तरफ से मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि शिवराज को आकाश के खिलाफ धरने में बैठना चाहिए। आकाश ने एक सरकारी अफसर जो काम कर रहा था उसे पीटा है। इधर, शोभा ओझा ने कहा मध्यप्रदेश को बंगाल बनने से रोकने में भाजपा को मदद करनी चाहिए। दरअसल, यह बयान इसलिए जारी किया गया क्योंकि आकाश के पिता कैलाश विजयवर्गीय के पास बंगाल का प्रभार है। वहां लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक कई बार हिंसा हो चुकी है। हालांकि इसके लिए टीएमसी और भाजपा पार्टी दोनों एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराते हैं।

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