कलेक्टर के बाद डीआईजी सिटी को भी हटाया, हरिनारायण चारी नए डीआईजी बने, मनीष सिंह कलेक्टर
भोपाल। (Bhopal News In Hindi) मध्य प्रदेश में कोरोना के सर्वाधिक मामले इंदौर (Indore Corona News) से सामने आ रहे हैं। इंदौर में शुरु से ही लापरवाही बरती गई। जनता कर्फ्यू के दौरान लोग थाली—कटोरी बजाकर जश्न मना रहे थे। जिसकी सजा पहले कलेक्टर और अब डीआईजी सिटी को मिल गई। सरकार ने दोनों को हटा (Indore DIG City Transfer) दिया है।
जानकारी के अनुसार एक दिन पहले सरकार ने इंदौर कलेक्टर लोकेश जाटव (IAS Lokesh Jatav) को हटा दिया गया। हालांकि उन्हें हटाए जाने की सुगबुगाहट पहले से थी। दरअसल, जाटव सचिव स्तर के अफसर हो गए थे। उनकी जगह अब सरकार ने मनीष सिंह (Ias Manish Singh) को भेजा है। तेजतर्रार मनीष सिंह का अधिकांश कार्यकाल इंदौर में ही बीता है। राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस बने 2009 बैच के अफसर मनीष सिंह इंदौर के कोरोना से निपटने वाली स्पेशल कोर टीम के मेंबर भी है। इधर, सरकार ने डीआईजी सिटी रुचिवर्द्धन मिश्रा (IPS Ruchivardhan Mishra) को भी हटा दिया है। मिश्रा को पुलिस मुख्यालय भेजा गया है। उनकी जगह पर डीआईजी खरगोन हरिनारायण चारी मिश्र (IPS Harinarayan Chari Mishra) को इंदौर डीआईजी सिटी बनाया गया है।
बंदियों को पैरोल
इधर, जेल मुख्यालय ने कोविड—19 के असर को देखते हुए प्रदेश की जेल में क्षमता से अधिक बंदियों की संख्या कम करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार ने बंदियों को पैरोल पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। यह कवायद सु्प्रीम कोर्ट के आदेश पर की जा रही है। इसमें जिला एवं सत्र न्यायाधीश के निर्देशन में आदेश को लागू किया जा रहा है। बंदी को 45 दिन की पैरोल पर रिहा किया जा रहा है। ऐसे बंदी जिनके मामले 5 साल की सजा वाले हैं उन्हें इस आदेश का लाभ मिलेगा। इस आदेश से करीब 12 हजार बंदियों को राहत मिलेगी। इसके अलावा वह बंदी जिनकी उम्र 50 साल हैं उन्हें भी रिहा किया जाएगा। इसके लिए जेल मुख्यालय को अदालत में अर्जी देनी होगी।
अपील
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