MP Political News: थानों की पुलिस ही नहीं सरकार भी बलात्कार के आंकड़ों को छुपाकर फंसी 

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MP Political News: ट्रायबल में ‘रेप वाला टॉक्सिक’ फैला, कांग्रेस विधायक के विधानसभा सत्र में पूछे गए सवाल पर घिरी भाजपा सरकार, पुलिस मुख्यालय ने विधानसभा को पिछली बार गलत तथ्य उपलब्ध कराए थे

Bhopal News
महिला पर घरेलू हिंसा और यौनात्याचार— साभार चित्र

भोपाल। मध्यप्रदेश में बलात्कार की बेतहाशा वृद्धि हो गई है। चिंता करने वाली बात यह है कि सर्वाधिक समस्या आदिवासी अंचलों में बहुत ज्यादा हो गई है। जिसे ‘रेप वाला टॉक्सिक’ बोलकर सरकार को घेरा जा रहा है। यह शर्मसार करने वाले आंकड़े सरकार ने कांग्रेस विधायक (MP Political News) की तरफ से पूछे गए एक सवाल पर दिए हैं। जिसके बाद सरकार भी बैकफुट पर आ गई है।

कांग्रेस का दावा सरकार ने पहले आंकड़े छुपाए थे

प्रदेश में 2020 में बलात्कार की 6134 घटनाएं हुई थी। वर्तमान आंकड़े के अनुसार इसमें 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह जानकारी मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Dr Mohan Yadav) ने कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय (MLA Pankaj Upadhyay) के प्रश्न के उत्तर में विधानसभा सत्र के दौरान दी है। मुख्यमंत्री की तरफ से दिए गए जवाब में कहा गया कि 2023-24 के वार्षिक प्रतिवेदन में दिए गए बलात्कार के कुल प्रकरण 5374 की जानकारी असत्य है। वास्तव में 2023 में बलात्कार के 7202 प्रकरण हुए। इस अवधि में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति की  महिलाओं के प्रकरणों की संख्या 3831 है। जबकि वार्षिक प्रतिवेदन में 883 प्रकरण बताए गए थे। सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि महिला बलात्कार की कुल संख्या 5374 महिला सुरक्षा शाखा की तरफ से दी गई। वहीं अनुसूचित जाति तथा  जनजाति की संख्या 883 अजाक शाखा ने दी थी। यह जानकारी पुलिस मुख्यालय की तरफ से विधानसभा को दी गई थी। जिलों से जानकारी मंगाये जाने पर वास्तविक संख्या 7202 तथा 3831 पाई गई। विधायक पंकज उपाध्याय ने आरोप लगाया वार्षिक प्रतिवेदन में महिलाओं से कुल बलात्कार की वास्तविक संख्या को छिपाया जा रहा है। विधानसभा में असत्य जानकारी देकर उसकी अवमानना की जा रही है। विधानसभा अध्यक्ष को इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करना चाहिए।

विधायक को यह दी गई है जानकारियां

कांग्रेस पार्टी (Congress Party) की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार वर्ष 2023 की वार्षिक प्रतिवेदन की संख्या से वास्तविक संख्या 40 प्रतिशत ज्यादा है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के वास्तविक आंकड़े वार्षिक प्रतिवेदन से 340 प्रतिशत ज्यादा है। प्रतिवेदन में प्रतिवर्ष असत्य आंकड़े महिलाओं से बलात्कार के दिए जा रहे हैं। अनुसूचित जाति की महिलाओं से बलात्कार की संख्या वार्षिक प्रतिवेदन में 2020 से 2024 तक क्रमशः 546, 611, 593, 538 और 557 दी गई हैं। जबकि अभी दिए गए उत्तर में यह संख्या क्रमशः 1640, 1712, 1861, 1769 और 1799 हैं। इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति में क्रमशः 395, 394, 403, 345 और 359 वार्षिक प्रतिवेदन में दिए गए हैं। मुख्यमंत्री के उत्तर अनुसार इस अवधि में क्रमशः 1742, 1968, 2874, 2062 तथा 2194 है। महिलाओं से बलात्कार की घटनाएं पिछले 5 वर्षों में अनुसूचित जाति में 10 प्रतिशत वृद्धि,  अनुसूचित जनजाति में 26 प्रतिशत की वृद्धि, पिछड़ा वर्ग में 20 प्रतिशत तथा सामान्य में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पांच साल में 2020 से 2024 तक इंदौर जिले में सबसे ज्यादा 2301 प्रकरण और उसके बाद भोपाल में 1949 प्रकरण दर्ज किए गए। धार में 1602, खरगोन में 1230, सागर में 1200, जबलपुर में 1056 तथा रतलाम में 1018 प्रकरण दर्ज हुए।

अदालत में यह है बलात्कार मामलों की स्थिति

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सांकेतिक चित्र टीसीआई

विधायक पंकज उपाध्याय ने न्यायालय में बलात्कारों के प्रकरण की सक्सेस रेट भी सरकार से पूछा। चूंकि गृह विभाग प्रदेश के मुख्यमंत्री है इसलिए उनकी तरफ से विपक्ष के विधायक (MP Political News) को जवाब दिया गया। सक्सेस रेट पर बताया गया कि पांच वर्षों में महिला बलात्कार की अनुसूचित जाति के 2739 प्रकरणों के फैसले हुए, जिसमें 23 प्रतिशत को सजा तथा 77 बरी हो गए। इसी तरह अनुसूचित जनजाति में 3163 फैसले में 22 को ही सजा मिली। जबकि 78 प्रतिशत आरोपी बरी हो गए। पिछड़ा वर्ग के 3982 फैसले में 21 को ही सजा मिल सकी। वहीं 79 प्रतिशत आरोपी बरी हो गए। सामान्य श्रेणी के 1222 फैसलों में से 18 प्रतिशत को ही सजा हुई। वहीं 82 प्रतिशत लोगा बरी हो गए। बलात्कार की घटनाओं में सबसे ज्यादा वृद्धि 158 प्रतिशत झाबुआ जिले में हुई। इंदौर (Indore) शहर में 103 तो इंदौर ग्रामीण में 69 प्रतिशत की दर रही। इसी तरह भोपाल (Bhopal)  शहर में 59 फीसदी तो रतलाम (Ratlam) में 46 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई। नक्सल प्रभावित बालाघाट (Balaghat) जिले में 33 प्रतिशत, जबलपुर (Jabalpur) में 15 प्रतिशत की कमी हुई। गुना, अशोक नगर, भिंड, बुरहानपुर, शाजापुर, कटनी, सिवनी, पन्ना , सतना, अनूपपुर और राजगढ़ जिले में भी कमी हुई। इसके अलावा ग्वालियर, दमोह, विदिशा में संख्या लगभग समान रही। उक्त संपूर्ण जानकारी विधायक पंकज उपाध्याय ने मीडिया को विधानसभा से प्राप्त जानकारी के आधार पर दी है।

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बलात्कार की घटनाओं से संबंधित फैक्ट जो कांग्रेस ने मीडिया को मुहैया कराए हैं
  • प्रदेश में 20 बलात्कार की घटनाएं प्रतिदिन
  • प्रदेश में पिछले साल 7294 बलात्कार 
  • पांच साल के भीतर में 19 प्रतिशत की हुई वृद्धि
  • इंदौर जिले में सर्वाधिक पांच साल में 2301 प्रकरण

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