Ujjain Crime News: दो साल बाद सामने आया पूरा सच, 35 लाख रुपए का फर्जीवाड़ा करने के लिए जालसाजों ने बिजली कंपनी के फर्जी वर्क ऑर्डर दिखाकर दिया झांसा
उज्जैन। शेयर ट्रेडिंग की बजाय दो व्यक्तियों ने बिजली कंपनी की ठेकेदारी में निवेश कराया। ऐसा करने से पूर्व कहा गया कि वे रकम दोगुनी कर देंगे। आरोपियों ने झांसे में लेकर पीड़ित से 35 लाख रुपए दो साल में ले लिए। यह घटना उज्जैन (Ujjain Crime News) जिले के चिमनगंज मंडी थाना क्षेत्र की है। पुलिस ने आवेदन की जांच के बाद दो आरोपियों के खिलाफ जालसाजी का प्रकरण दर्ज कर लिया है।
ऐसे सामने आया जालसाजों का पूरा सच
पुलिस सूत्रों के अनुसार जालसाजी की यह घटना 2020 से 2022 के बीच अंजाम दी गई। पीड़ित लक्की चावला (Lucky Chawla) पिता स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह चावला उम्र 42 साल है। वह उज्जैन में आगर रोड स्थित इंदिरा नगर (Indira Nagar) में रहता है। उसकी पहचान उसकी ही कॉलोनी में रहने वाले हिमांशु खरे से थी। वह अपने आपको बिजली कंपनी का रजिस्टर्ड ठेकेदार बताता था। चार साल पहले चिमनगंज स्थित बाजार में हिमांशु खरे (Himanshu Khare) ने कहा कि वह शेयर बाजार में पैसा लगाता है। उसमें खतरा रहता है जबकि उसके ठेकेदारी में वह निवेश करेगा तो उसको दुगना फायदा दिला देगा। उसके साथ दोस्त आशुतोष वडेरा (Ashutosh Vadera) ने भी उसे यकीन दिलाया। झांसे में आए लक्की चावला ने अलग—अलग किस्त में 35 लाख रुपए उससे ले लिए। जुलाई, 2022 में जब आरोपियों से लाभांश मांगा गया तो आजकल और सरकारी बिल पास होने में देरी का हवाला देकर उसे टालते रहे। जब उसने सख्ती दिखाई तो 18 नवंबर, 2023 को अपना कागज में पार्टनर बताकर उसे मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड से जुड़े कई फर्जी वर्क ऑर्डर दिए गए। यह रतलाम, इंदौर और उज्जैन के थे। जब पीड़ित ने उसकी हकीकत पता लगाई तो मालूम हुआ कि ऐसा कोई वर्क ऑर्डर मैसर्स गानका ग्रुप्स (M/s Ganaka Groups) को जारी ही नहीं किए गए। इसके अलावा जहां के यह काम दिखाए गए वह उनके क्षेत्राधिकार में ही नहीं आते। नतीजतन, वह पुलिस थाने पहुंचा और आवेदन देकर जांच की मांग की। जांच में समस्त दस्तावेज जाली निकले। जिसके बाद 5 मई को चिमनगंज मंडी (Chimanganj Mandi) थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया। पुलिस ने हिमांशु खरे और आशुतोष वडेरा के खिलाफ प्रकरण 360/24 धारा 420/467/468/470/471 (जालसाजी, दस्तावेजों की कूटरचना, कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल करने का प्रकरण) दर्ज कर लिया है। पीड़ित को शक है कि इस वारदात में बिजली कंपनी (Electricity Company) के भी कर्मचारियों की मिलीभगत है। क्योंकि जो वर्क ऑर्डर जारी हुए थे वह असली थे लेकिन दूसरी कंपनी के नाम पर थे। इस मामले की जांच एसआई चंदर सिंह खजुरिया (SI Chander Singh Khajuriya) कर रहे हैं।
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