MP Liquor Mafia: अवैध शराब के परिवहन के लिए जमीन के भीतर दफना रखे थे सात ड्रम, पुलिस ने दबिश देकर छानबीन किया तो पुलिस के उड़ गए यह देखकर होश
गुना। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यूं ही नहीं चिंता जता रहे। प्रदेश को जल्द बड़ा अभियान चलाकर नियंत्रित नहीं किया तो वह दिन दूर नहीं कि यह उड़ता मध्यप्रदेश बन जाए। सीएम की चिंता के बाद पूरे प्रदेश में ताबड़तोड़ पुलिस की कार्रवाई की जा रही है। इसी कार्रवाई के दौरान गुना (MP Liquor Mafia) पुलिस को हैरान कर देने वाला शराब का जखीरा मिला है। इस शराब के जखीरे को जमीन में दफनाया गया था। जब भी शराब की आवश्यता होती थी तो हैंडपंप चलाकर उसे भर लिया जाता था।
पुलिस को ऐसे मिला था सुराग
प्रदेश में किसानों को सिंचवाई के लिए पानी का संकट है। खासतौर पर बुंदेलखंड क्षेत्र में यह समस्या विकराल है। इसी बीच गुनामें हैंडपंप से शराब निकलने का रोचक मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने गुना के दो गांवों में एक साथ छापे मारे। जैसे ही पुलिस ने मौके पर मिले हैंडपंप को चलायातो उससे शराब निकलने लगी। जब उसके नीचे खुदाई की गई तो अवैध शराब से भरी टंकियां मिली हैं। ये टंकियां जमीन में करीब 7 फीट अंदर थीं। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने बड़ी मात्रा में शराब नष्ट की है। गुना के चांचौड़ा और राघौगढ़ के इन दोनों गांव से कच्ची शराब बरामद हुई है। हैंडपंप से निकाली गई शराब को माफिया पॉलीबैग में भरकर बेचते थे। पुलिस की छापामार कार्रवाई के दौरान आरोपी भाग निकले। पुलिस ने 8 आरोपियों की पहचान कर ली है। इनके खिलाफ दो थानों में 8 केस दर्ज किए गए हैं।
आदिवासी अंचल है इसलिए डिमांड
पुलिस के अनुसार पहली दबिश चांचौड़ा इलाके के भानपुरा गांव में दी गई। यहां अधिकतर कंजर समुदाय के लोग रहते हैं। गांव का लगभग हर परिवार कच्ची शराब बनाने का काम करता है। इन्होंने जगह-जगह कच्ची शराब की भटि्टयां लगा रखी हैं। इसी तरह राघौगढ़ इलाके का साकोन्या गांव। यहां भी बड़ी मात्रा में कच्ची शराब (MP Liquor Mafia) बनाई जाती है। यह दोनों गांव जंगली इलाके में हैं, इसलिए यह जगह कच्ची शराब बनाने के लिए मुख्य केंद्र हैं। जंगल होने का फायदा पुलिस की दबिश के दौरान भी मिलता है। आरोपी फायदा उठाकर घने जंगलों में भाग जाते हैं। इस कार्रवाई के दौरान भानपुरा में चांचौड़ा एसडीओपी दिव्य राजावत और साकोन्या में राघौगढ़ एसडीओपी जीडी शर्मा की अगुवाई में टीम ने छापा मारा था। शराब निकालने के लिए हैंडपंप का ही इस्तेमाल होता था। इसमें नीचे एक 8-10 फीट का पाइप जुड़ा हुआ होता है। पाइप को जमीन में अंदर गड़े हुए ड्रम में लगा देते हैं। वहीं, दूसरे पाइप को बाहर रखे छोटे ड्रम में लगाकर शराब उसमें भर देते हैं। यह पानी निकालने वाले हैंडपंप की तरह ही काम करता है। खबर है कि 5 सितंबर को भानपुरा गांव में पुलिस और आबकारी विभाग ने कंजरों के डेरे पर दबिश दी थी। टीम जैसे ही गांव पहुंची और डेरे के पास नाले किनारे कच्ची शराब उतार रहे लोगों की घेराबंदी की तो भटि्टयों के पास मौजूद 10-15 लोगों ने लहान से भरी टंकियों और शराब को फैला दिया। वहीं, पास में रखे फरसा, लुहांगी और हथियार उठाकर पुलिस से गाली-गलौज करने लगे। पुलिस ने उन्हें पकड़ना चाहा तो एक दर्जन लोगों ने टीम पर हमला कर दिया। इसमें कुछ पुलिसकर्मियों को चोटें आई थीं।
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