Bhopal News: भयावह आग में न चीख, न पुकार उस पर शव भी पहचान लिए गए, पीएम रिपोर्ट पर टिका पूरा मामला
भोपाल। फोरेंसिक लिहाज से भोपाल शहर का यह मामला काफी चौंका देने वाला है। घटना भोपाल (Bhopal News) शहर के मिसरोद थाना क्षेत्र की है। जिसमें पुलिस ने मान लिया है कि आग से झुलसे पति—पत्नी है। उन्हीं के नाम पर पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है। जबकि इसी राजधानी में हत्या के मामले में पैरोल पर बाहर आए एक व्यक्ति ने अपने दोस्त को मारकर उसे आग से जला दिया था। इसी तरह एक युवक जिसने महिला का रूप धारण करके खुदकुशी की थी। यह दोनों मामले फोरेंसिक जांच से सामने आए तथ्यों से सुलझे थे। हालांकि पूर्व के अनुभवों से सीख लेने की बजाय मिसरोद पुलिस ने सीधे नाम के साथ मर्ग कायम कर लिया है। जबकि मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शव पहचान सकने योग्य ही नहीं थे। ऐसे में डीएनए रिपोर्ट आवश्यकत होता है। हालांकि इस संबंध में किसी भी मीडिया में इतने संवेदनशील प्रकरण में किसी भी अधिकारी से सवाल—जवाब भी देखने नहीं मिले हैं।
यह है पूरा मामला जिसको गंभीरता से नहीं लिया गया
मिसरोद (Misrod) पुलिस के अनुसार यह घटना 14 नवंबर की सुबह पुलिस के पास पहुंची थी। जिसमें बताया गया कि घर से धुआं निकलते देख लोगों ने दरवाजा तोड़ा था। शव बिस्तर पर जली हुई अवस्था में मिले। प्रारंभिक तौर पर यह हादसा माना जा रहा है। जिस मकान में आग लगी वहां सतीश बिराड़े (Satish Birade) (26) रहता था। वह फूल माला बेचने का काम करता था। करीब तीन साल पहले उसकी शादी आम्रपाली बिराड़े (Amrapali Birade) (24) से हुई थी। सतीश के माता-पिता और अन्य परिजन भी नईबस्ती में रहते हैं। सतीश परिवार वालों के पास ही एक कमरा बनाकर रह रहा था। गुरुवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे मोहल्ले वालों ने सतीश बिराडे के कमरे से धुआं निकलता देख परिजनों को सूचना दी। घर वालों ने दरवाजा खोलने का प्रयास किया, लेकिन वह भीतर से बंद मिला। किसी तरह दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर धुआं भरा था। सतीश और उसकी पत्नी आम्रपाली बिराडे के शव जली हुई अवस्था में बेड पर पड़े थे। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव बरामद कर पीएम के लिए भेज दिया। पुलिस का अनुमान है कि रात को सोते समय किसी कारण से घर में आग लगी होगी। आग सुलगने से निकले धुएं से दोनों बेहोश हो गए होंगे। इसलिए न तो बाहर भाग पाए और न ही शोर मचाया। पुलिस का कहना है कि हर एंगल पर मामले की जांच की जा रही है। पीएम रिपोर्ट मिलने और जांच के बाद ही घटना के सही कारणों का खुलासा हो पाएगा
यह अटकलें भी लगाई जा रही है
आम्रपाली बिराडे और सतीश बिराडे के शव पीएम के लिए भेज दिए गए हैं। सतीश बिराडे के माता—पिता से नहीं बन रही थी। दरअसल, उसको कोई बच्चे नहीं हो रहे थे। जिस कारण घर में पारिवारिक कलह चल रही थी। इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतने भयावह हादसे में किसी तरह के बचाने से संबंधित पहल ही नहीं हुई है। इसके अलावा पति—पत्नी के चीख—पुकार या मदद वाली मदद भी सामने नहीं आ रही है। पुलिस ने पीएम रिपोर्ट के बाद जांच की बात बोलकर खड़े हो रहे सवालों से बचने का शार्टकट फॉर्मूला अपनाया। वहीं घर पर आगजनी से संबंधित ऐसे भारी सामान को लेकर भी स्थिति साफ नहीं हो सकी है। मिसरोद पुलिस मर्ग 77—78/24 दर्ज कर मामले की जांच करने का दावा कर रही है। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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