Noor-Us-Sabah Palace के मालिक के साथ 33.50 लाख रुपए की धोखाधड़ी

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होटल के पूर्व सहायक मैनेजर ने रची साजिश, फर्जीवाड़े में कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय के कर्मचारी भी शामिल

MP Fraud Case
भोपाल स्थित आर्थिक प्रकोष्ठ विंग मुख्यालय

भोपाल। (Bhopal Crime News In Hindi) होटल नूर उस सबाह (Noor-Us-Sabah Palace) के मालिक को उनका ही नौकर 33.50 लाख रुपए की चपत (Bhopal Cheating Case) लगा गया। मामला मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Crime News) की राजधानी भोपाल (Bhopal Crime News) का है। जिसकी शिकायत होटल के मालिक ने आर्थिक प्रकोष्ठ विंग (MP Economic Offense Wing) में की थी। जांच के बाद ईओडब्ल्यू (MP EOW) ने जालसाजी और दस्तावेजों की कूटरचना का प्रकरण (Bhopal Fraud Case) दर्ज कर लिया है। आरोपी फिलहाल फरार बताया जा रहा है। वहीं ईओडब्ल्यू को शक है कि इस फर्जीवाड़े में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कर्मचारियों की भी मिलीभगत है। मामले में एक व्यक्ति नामजद आरोपी बनाया गया है।
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ईओडब्ल्यू के अनुसार मामले की शिकायत शरद जेटली (Sharad Jetli) ने की थी। जेटली होटल नूर उस सबाह में जनरल मैनेजर हैं। उनकी दिए गए आवेदन की जांच के बाद फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। जांच में मालूम हुआ कि होटल के मालिक सिंकदर हफीज खान (Sikander Hafij Khan) है जो होटल में प्रबंध निदेशक और चेयरमैन भी है। उनकी ही कंपनी रिलायबल वेंचर्स इंडिया लिमिटेड (Reliable Ventures India Limited) भी है। उनकी कंपनी में ही तैनात रंजन शर्मा (Ranjan Sharma) ने यह फर्जीवाड़ा (Bhopal PF Scam) किया है। रंजन शर्मा मूलत: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गौतम बुद्ध जिले में रहता है। वह होटल में सहायक प्रबंधक एचआर था। वह अक्टूबर, 2018 से अप्रैल, 2019 के बीच होटल की नौकरी करता रहा। उसने जुलाई, 2019 में इस्तीफा दिया था। उसके इस्तीफे के बाद ही फर्जीवाड़े की जानकारी का खुलासा हुआ। कंपनी के खाते से ही सिंकदर हफीज के पीएफ कटौता होता था। यह पीएफ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में बकायदा जमा होता था।
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ईओडब्ल्यू को जांच में पता चला कि आरोपी रंजन शर्मा ने रकम निकालने से पहले मालिक के मोबाइल नंबर को कर्मचारी ने पहले बदला। इसमें आए ओटीपी की मदद से खाते में जमा रकम में से 90 फीसदी रकम निकाल ली गई। यह रकम सिंकदर नाथ के नाम से खुले आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) में जमा कराई गई। यहां से रकम को फिर रंजन शर्मा ने एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) में ट्रांसफर कराया। इससे पहले आरोपी ने डिजीटल सिग्नैचर को भी बदला। यह बदलने का अधिकार मनोज मैथ्यू (Manoj Maithu) के पास था। ईओडब्ल्यू ने इस पूरे फर्जीवाड़े की जांच पूरी कर ली है। उसका कहना है कि जल्द रकम को रिकवर करने का प्रयास किया जाएगा।

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