Bhopal Property Fraud: एमपी के स्वास्थ्य महकमे के एक अफसर ने पौने छह करोड़ रूपए में पांच एकड़ जमीन का किया सौदा, एडवांस में दी गई सवा एक करोड़ रूपए की रकम जमीन मालिकों के बीच उलझी, दो थानों के बीच चल रही थी एफआईआर को लेकर कसरतें, डॉक्टर को थमाया गया था चेक बाउंस का नोटिस, अब नोटिस देने वालों के खिलाफ जालसाजी की एफआईआर, बेहद पेचिदे इस प्रकरण में कथित जालसाजी की एफआईआर का पूरा पोस्टमार्टम
भोपाल। एमपी में एक चिकित्सक करोड़पति निकले। यह हम नहीं कह रहे। बल्कि पुलिस के सामने आए तथ्य से उजागर हो रहे रहे हैं। घटना भोपाल (Bhopal Property Fraud) शहर के हनुमानगंज इलाके की है। इस जानकारी के बाद आयकर विभाग जरूर सक्रिय होगा। क्योंकि सवा करोड़ रूपए का लेन—देन नकद किया जा रहा था। मामला कथित जमीन डील में हुए फर्जीवाड़े का है। जिसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग में तैनात अधिकारी ने पुलिस से की थी। इस जांच के बाद पुलिस ने आरोपी कबाड़ा व्यापारी, उसकी पत्नी और बेटे के अलावा दलालों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।
इस कारण थाने पहुंचा मामला
मामले की शिकायत अवधपुरी (Awadhpuri) स्थित सुरभि स्मार्ट सिटी अविनाश नगर (Avinash Nagar) में रहने वाले डॉक्टर रितेश्वर भूमरकर पिता महादेरव भूमरकर उम्र 40 साल ने दर्ज कराई है। वे मूलत: बैतूल जिले के चंद्रशेखर वार्ड के रहने वाले हैं। डॉक्टर रितेश्वर भूमरकर (Dr Riteshwar Bhumerkar) फिलहाल वल्लभ भवन में तैनात हैं। उन्होंने खजूरी सड़क में स्थित करीब पौने छह एकड़ जमीन को खरीदने का सौदा किया था। सौदा न्यू कबाड़खाना में स्थित गुरूनानक कॉलोनी (Gurunanak Colony) में रहने वाले कबाड़ा कारोबारी 66 वर्षीय मोहम्मद इब्राहिम (Mohammed Ibrahim) पिता हाजी मोहम्मद यासीन से किया गया था। जमीन में बेटे 37 वर्षीय अनवर (Anwar) पिता मोहम्मद इब्राहिम, 43 वर्षीय मोहम्मद इजराइल (Mohammed Izrail) उर्फ राजू पिता मोहम्मद इब्राहिम का भी हिस्सा था। इसके अलावा 41 वर्षीय मोहम्मद इमरान (Mohammed Imran) पिता मोहम्मद इकबाल का दखल था। बेटे मोहम्मद अनवर न्यू कैटेग्राइज्ड मार्केट तो मोहम्मद इजराईल राजीव नगर कोहेफिजा में रहते हैं। जबकि मोहम्मद इमरान ऐशबाग इलाके में रहते हैं।
इन धाराओं में दर्ज किया गया मुकदमा
इस लेन—देन में बैतूल में रहने वाले ऋषिराज श्रीवास (Rishiraj Shrivas) और अहमद गवाह थे। यह दोनों बैतूल के रहने वाले हैं जो दलाली का काम कर रहे थे। जांच में पता चला कि खजूरी सड़क स्थित ग्राम बकानिया में आरोपियों मोहम्मद इब्राहिम, मोहम्मद अनवर, आबिद, मोहम्मद इजरायल, मोहम्मद इमरान के नाम जमीन है। यह जमीन खसरा 1400, 1401, 1408 और 1412 में स्थित थी। डॉक्टर रितेश्वर भूमरकर का आरोप है कि लेन—देन के वक्त 1408 खसरा नंबर के अंश भाग में स्थित करीब एक हजार स्क्वायर फीट बेचने की जानकारी आरोपियों ने छुपाई थी। जबकि वे सौदे के लिए एडवांस एक करोड़ 20 लाख रूपए ले चुके थे। डॉक्टर का आरोप है कि इसी बात को लेकर इमरान, आकाश और साहब खान उन्हें मारने की धमकी दे रहे थे। आरोपियों ने 16 अप्रैल, 2022 को हुए एग्रीमेंट को निरस्त कराने के लिए जबरिया हस्ताक्षर भी कराए। ताकि लगभग सवा एक करोड़ रूपए की रकम न चुकाना पड़े। इन्हीं बयानों के आधार पर पुलिस ने 24 अप्रैल की शाम लगभग साढ़े पांच बजे 246/23 धारा 420/406/409/386/120—बी (जालसाजी, गबन, अमानत में खयानत, रंगदारी और साजिश के तहत प्रकरण) दर्ज कर लिया है।
यह बोलकर पीड़ित ने थाने में दिया आवेदन
डॉक्टर रितेश्वर भूमरकर ने थाना पुलिस को आवेदन दिया था। जिसमें बताया गया था कि दलाल (Bhopal Property Fraud) उनके पास आबिद को लेकर आए थे। उसने बताया था कि उसके ससुर मोहम्मद इब्राहिम जमीन बेचना चाह रहे हैं। जमीन फिर कागजात देखने के बाद एक करोड़ 30 लाख रूपए प्रति एकड़ पर सौदा तय किया गया। लेकिन, मोहम्मद इब्राहिम के हनुमानगंज स्थित कार्यालय में वे रकम कम बोलकर सौदा करने से इंकार करने लगे। हालांकि फाइनल सौदे में तीन लाख रूपए बढ़ाए गए। जिसके लिए उन्होंने बकायदा एग्रीमेंट भी किया। मूल कॉपी जमीन मालिक तो फोटो कॉपी खरीदने वाले डॉक्टर रितेश भूमरकर के पास थी। अनुबंध में करार हुआ था कि सौदे की रकम नकद में चाहिए। जबकि रकम मिलने के बाद ग्यारंटी के तौर पर दिए गए चैक वह वापस कर देगा। नकद राशि देने के बावजूद आरोपियों ने चैक वापस नहीं किया।
विवाद की वजह तब बनी जब पता चला कि एक हजार स्क्वायर फीट जमीन किसी वर्षा वर्मा (Varsha Verma) के नाम पर थी। उनके पति मनोज वर्मा (Manoj Verma) बैरागढ़ में रहते हैं। तब आरोपियों ने कहा कि यह सौदा वह निरस्त करा देंगे। इस संशय के हालत बनने पर पीड़ित ने तीसरा चैक इब्राहिम को नहीं दिया। वहीं पहले बयाने के वक्त दी गई एक करोड़ 20 लाख रूपए की राशि वापस मांगी गई। तब आरोपियों ने प्रति एकड़ जमीन की कीमत डेढ़ करोड़ रूपए कर दी। आरोपियों का कहना था कि यह जमीन इस कीमत पर उदय ठाकुर (Uday Thakur) लेना चाहता है। आरोपियों को शंका थी कि इसी कीमत पर डॉक्टर रितेश्वर भूमरकर जमीन उदय ठाकुर को बेच देगा। इसी बीच आरोपियों ने तीसरा चैक बैंक में डालकर उसे बाउंस कराया गया। जिसका नोटिस उन्हें भेजा गया। आरोपी परिवार से बातचीत के रास्ते प्रयास किया गया। जबरिया राशि हड़पने को लेकर एक शिकायत पीड़ित की तरफ से खजूरी सड़क थाना पुलिस को भी दिया गया था।
पुलिस ने दर्ज तो कर लिया लेकिन, दस्तावेज पक्ष में नहीं
लेकिन, आरोपियों ने खजूरी सड़क थाने के बाहर समझौता करा लिया। जिसमें यह करार हुआ कि 30 जून, 2022 तक दो करोड़ रूपए जमीन मालिक मोहम्मद अनवर को देना होंगे। बाकी रकम पांच महीने के भीतर देकर जमीन की रजिस्ट्री कराई जाएगी। इसी बीच पुराने करार को निरस्त करने से संबंधित जाहिर सूचना का समाचार पत्र में प्रकाशन करा दिया गया। दोनों पक्षों के बीच 7 अक्टूबर, 2021 को करार हुआ था। जबकि एग्रीमेंट 16 अप्रैल, 2022 को निरस्त कर दिया गया। इसकी भी शिकायत खजूरी सड़क थाने में की गई थी। पुलिस ने इस मामले में फिलहाल आबिद, मोहम्मद अनवर, मोहम्मद इब्राहिम, मोहम्मद इजरायल, साहब उद्दीन और आकाश को आरोपी बनाया गया है। डॉक्टर रितेश भूमरकर का यह भी आरोप है कि जमीन को अरशद अंसारी (Arshad Ansari) को बेच दी गई है। इसके बावजूद उसकी रकम नहीं लौटाई जा रही है। पीड़ित ने यह आवेदन थाना पुलिस को मार्च, 2023 में दिया था। जिसकी जांच पुलिस तभी से कर रही थी।
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