Bhopal Custodial Death: हिस्ट्रीशीटर बदमाश की पुलिस कस्टडी में मौत

Share

Bhopal Custodial Death: परिजनों का आरोप क्षय रोगी और लीवर रोग से ग्रसित होने के बावजूद पुलिस ने डॉक्टरों के कहने पर नहीं कराया इलाज, अदालत के कठघरे में बेसुध होने के बाद जेपी अस्पताल में चिकित्सकों ने मृत घोषित किया, पुलिस कमिश्नर ने कस्टोडियल डेथ में जांच करने के आदेश जारी किए, मजिस्ट्रीयल जांच में होगा पूरा मामला साफ

Bhopal Custodial Death
सांकेतिक तस्वीर

भोपाल। हिस्ट्रीशीटर बदमाश की पुलिस अभिरक्षा में मौत हो गई। उसे वाहन चोरी के मामले में पुलिस ने पकड़ा था। यह कार्रवाई भोपाल (Bhopal Custodial Death) शहर के हनुमानगंज थाना पुलिस ने की थी। पुलिस का दावा है कि आरोपियों के कब्जे से लगभग पांच लाख रुपए कीमत की नौ बाइक बरामद हुई थी। पुलिस ने उसके साथ दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था। जिसमें से एक युवक की सीहोर जिले में गुमशुदगी भी दर्ज हुई थी। इस मामले में पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दे दिए हैं।

यह थे आरोपी जिन्हें पुलिस ने पकड़ा था

भोपाल पुलिस की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार थाना प्रभारी हनुमानगंज निरीक्षक अवधेश सिंह भदौरिया (TI Awadhesh Singh Bhadauriya) की अगुवाई में टीम बनाई गई थी। जिन्होंने 08 अप्रैल को समानांतर रोड पर वाहन चैकिंग के दौरान तीन युवकों को प्लेटिना मोटर सायकिल पर पकड़ा था। इसमें आरेापी महेश बघेल (Mahesh Baghel) पिता राम सिंह बघेल उम्र 22 साल, राजू मंडलोई (Raju Mandloi) पिता सूर सिंह मंडलोई उम्र 23 साल और युवराज केवट उर्फ युवराज मांझी उर्फ राजा (Yuvraj Kewat@Yuvraj Manjhi@Raja) पिता रमेश केवट उम्र 32 साल को दबोचा था। महेश बघेल और राजू मंडलोई सीहोर (Sehore) जिले के बिलकिसगंज (Bilkisganj) थाना क्षेत्र स्थित ग्राम झागरिया के रहने वाले हैं। जबकि युवराज केवट टीला जमालपुरा (Teela Jamalpura) स्थित पुतलीघर के पास रहता था। युवराज केवट से बरामद प्लेटिना बाइक (Bike) भोपाल टॉकीज से चोरी करना कबूला था। उसने बताया था कि आठ अन्य बाइक चोरी करके उसने महेश बघेल और राजू मंडलोई को दी थी। चोरी के वाहन वाहन पुट्ठा मील, पान मंडी समांतर रोड के पास लावारिस मिले थे।

पुलिस कार्रवाई को लेकर यह बोला परिवार

युवराज केवट उर्फ युवराज मांझी को जिला अदालत ( जिला अदालत) में शाम चार बजे ले जाने से पहले जेपी अस्पताल (JP Hospital) लाया गया। परिजनों का आरोप है कि उसका लीवर खराब था। इसके अलावा उसे क्षय रोग भी था। पुलिस को सलाह दी गई कि इसकी तबीयत खराब है। इसे उपचार की आवश्यकता है। लेकिन, पुलिस नहीं मानी और उसे कोर्ट में पेश करने के बाद जेल के जरिए इलाज कराने का बोलकर अपने साथ ले गई थी। यह जानकारी युवराज केवट के बहनोई हंसराज ने दी। वहीं पुलिस का कहना है कि वह टीला जमालपुरा थाने का हिस्ट्रीशीटर बदमाश है। उसके खिलाफ हनुमानगंज (Hanumanganj) थाने में 2022 और 2025 में वाहन चोरी के मामले दर्ज है। इसके अलावा टीटी नगर में 2024 में वाहन चोरी भी उससे बरामद हुई है। उससे गौतम नगर, ऐशबाग, छोला मंदिर, कोतवाली और रातीबड़ की वाहन चोरी कबूली है। आरोपी के कब्जे से एक बिना नंबर का भी वाहन बरामद हुआ है। मौत होने की खबर के बाद भारी पुलिस बल जेपी अस्पताल (JP Hospital) में पहुंच गया था। पुलिस ने बताया कि युवराज केवट के खिलाफ हनुमानगंज और टीला जमालपुरा थाने में आर्मस एक्ट, मारपीट समेत करीब तेरह प्रकरण पहले से दर्ज हैं।

मौत के बाद गुमशुदगी का मामला भी जांच में आएगा

Bhopal Custodial Death
हनुमानगंज थाना, जिला भोपाल— फाइल फोटो

युवराज मांझी उर्फ युवराज केवट की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जिसमें राजधानी पुलिस (Bhopal Custodial Death) के अफसर बैकफुट में आ गए हैं। उसको आदतन बदमाश साबित करते हुए पुलिस लापरवाही को टालने का प्रयास कर रही है। यह लापरवाही केवल युवराज तक सीमित नहीं थी। इसी प्रकरण में वाहन खरीदने का आरोपी बनाए गए महेश बघेल (Mahesh Baghel) के मामले में भी पुलिस बुरी तरफ से फंस गई है। दरअसल, महेश बघेल की रातीबड़ (Ratibarh) स्थित मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान है। वह सामान लेने जाने का बोलकर निकला था। उसका घर सीहोर जिले के बिलकिसगंज में हैं। यहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया था। लेकिन, इसकी जानकारी परिजनों को नहीं दी थी। नतीजतन उन्होंने सीहोर जिले के बिलकिसगंज थाने में पिता ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। परिवार गुमशुदगी के विज्ञापन भी प्रकाशित करा रहा था। परिवार को 09 अप्रैल को पता चला कि उसको हनुमानगंज थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर रखा है। जबकि नियम है कि गिरफ्तारी की सूचना परिजनों को देना अनिवार्य हैं। यानि पुलिस की टीम गुपचुप तरीके से तीनों आरोपियों को ​अभिरक्षा में रखने के बाद पूछताछ कर रही थी।

यह भी पढ़ें:   Bhopal News: गैस एजेन्सी के मालिक ने युवती से किया बलात्कार

यह है वह अधिकारी जो अब मजिस्ट्रीयल जांच में फंसेंगें

कस्टोडियल डेथ में न्यायिक जांच करने के नियमानुसार आदेश होते ही है। हालांकि इस संबंध में भोपाल पुलिस की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। लेकिन, सूत्रों ने बताया है कि पुलिस कमिश्नर ने इस मामले में मैदानी अफसरों को जमकर फटकार भी लगाई है। इस धरपकड़ और गिरफ्तारी के मामले में हनुमानगंज थाने के निरीक्षक के अलावा एसआई ओम प्रकाश यादव (SI Om Prakash Yadav) , एएसआई मुश्ताक बक्श, हवलदार 1030 मनीष मिश्रा, 2883 गोविन्दराम, आरक्षक 3485 जितेन्द्र सिहं, 2077 आकाश श्रीवास्तव, 2584 अभिषेक कुमार, 3613 अजय तिवारी, 1773 युवराज सिंह शामिल थे। कस्टोडियल डेथ में यह सभी जांच के दायरे में आ सकते हैं। इस मामले में एमपी नगर (MP Nagar) पुलिस मर्ग कायम कर शव को पीएम के लिए भेज रही है। यह पीएम गुरुवार सुबह हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) में किया जाएगा।

खबर के लिए ऐसे जुड़े

Bhopal Custodial Death
भरोसेमंद सटीक जानकारी देने वाली न्यूज वेबसाइट

हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 7898656291 पर संपर्क कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें:   Bhopal News: सब्जी मंडी में भिड़े पड़ोसी 
Don`t copy text!