MP Police Commissioner System: गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने किया पुलिस मुख्यालय में ऐलान, एमपी बना प्रणाली को अपनाने वाला 18वां राज्य
भोपाल। मध्यप्रदेश (MP Police Commissioner System) की राजधानी भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी गई है। इस बात की जानकारी गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narrottam Mishra) ने दी है। उन्होंने पुलिस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में अफसरों की संख्या और उनके रैंक के बारे में भी जानकारी दी। इसके अलावा पुलिस कमिश्नर प्रणाली में मिले अधिकारों के बारे में पत्रकारों को बताया।
इतने अधिकारी जनता के लिए होंगे तैनात
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि पुलिस मनोबल बढ़ाने के सरकार की तरफ से प्रयास जारी है। इसमें कई तरह के सुधार किए जा रहे हैं। यह प्रयास दो साल से चल रहे हैं। पुलिस कैप, प्रमोशन, ई—एफआईआर से लेकर कई तरह के काम किए जा रहे हैं। उसी क्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की बात की थी। आज का दिन मध्यप्रदेश के लिए ऐतिहासिक है। प्रदेश के दो शहरों भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने का नोटिफिकेशन कर दिया गया है। दोनों शहरों में एक—एक कमिश्नर होगा। यह अधिकारी एडीजी या फिर आईजी स्तर के होंगे। इसके अलावा दो अतिरिक्त पुलिस आयुक्त जो डीआईजी स्तर के होंगे वह तैनात किए जाएंगे। पुलिस उप आयुक्त स्तर के आठ अफसर होंगे जिनकी एसपी रैंक होगी।
यह मिलेंगे पुलिस को अधिकार
गृहमंत्री ने बताया कि इसके अलावा 10 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अफसर होंगे। जिन्हें एडिशनल पुलिस कमिश्नर कहा जाएगा। इसके अलावा डीएसपी स्तर के 33 अफसर तैनात किए जाएंगे। यह सहायक पुलिस आयुक्त कहें जाएंगे। वहीं एसपी ग्रामीण का एक पद होगा। भोपाल के 38 और इंदौर के 36 थानों को पुलिस कमिश्नर प्रणाली के लिए नोटिफाईड किया गया है। बाकी थाने एसपी ग्रामीण के अंचल में आएंगे। गृहमंत्री की उक्त ऐलान करते वक्त डीजीपी विवेक जौहरी, एसीएस राजेश राजौरा, एडीजी आदर्श कटियार समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद थे। यह घोषणा पुलिस मुख्यालय में 09 दिसंबर की शाम लगभग पांच बजे की गई। इससे पहले एक घंटे तक गृहमंत्री का रिपोर्टरों ने इंतजार किया। इस घोषणा से पहले मुख्यमंत्री ने इस प्रणाली को शुरु करने की जानकारी अचानक दी थी। जिसके बाद गृह विभाग प्रशासन और पुलिस के बीच कार्य विभाजन को लेकर मंथन कर रहा था।
यह है पुलिस कमिश्नर प्रणाली
महानगरों में लागू की जाने वाली यह व्यवस्था मध्यप्रदेश के नागरिकों के लिए नई जरुर है। लेकिन, यह काफी पुरानी प्रणाली है। इस प्रणाली में कई तरह के संशोधन भी हो चुके हैं। सबसे पहले कोलकाता, मुंबई और चैन्नई में इसे लागू किया गया था। उस वक्त इन शहरों को प्रेसीडेंसी शहर कहा जाता था। बाकी जगह 1861 का पुलिस अधिनियम लागू था। पुलिस अधिनियम केे भाग चार में ही डीएम को अधिकार दिए गए हैं। इसी अधिनियम के तहत कलेक्टर एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट कहलाता है। इसलिए पुलिस अधिकारी निर्णय ले नहीं सकते थे। पुलिस कमिश्नर प्रणाली में यह अधिकार पुलिस के अफसर को होते हैं। इस प्रणाली में पुलिस कमिश्नर के अलावा ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर, डिप्टी कमिशनर, सहायक आयुक्त या एसीपी होते हैं।
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