संतजन परमार्थ सोसायटी की चेतावनी, सरकार में 20 फीसदी आरक्षण मिले

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(MP Pujari Samaj News) वक्फ बोर्ड की तरह हिंदू मठ मंदिर बोर्ड गठन की मांग, 31 बिंदुओं के साथ सोसायटी के अध्यक्ष मीडिया के सामने आए

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पत्रकारों को सरकार की नीतियों के खिलाफ जानकारी देते हुए महंत रामगिरी जी महाराज डंडा वाले (दाहिनी तरफ), वहीं (बाएं तरफ) महंत औंकार दास जी

भोपाल। मध्य प्रदेश (MP Pujari Samaj News) की राजधानी भोपाल में अखिल भारतीय संतजन परमार्थ सोसायटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष 31 बिंदुओं की मांगों को लेकर गुरुवार को मीडिया के सामने आए। राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत रामगिरी जी महाराज (Mahant Ramgiri Ji Maharaj) ने सरकार को इसके समाधान के लिए तीन दिन का मोहलत भी दिया है। मांगों में कुछ मांगे रोचक है जैसे सरकार में संतजनों को 20 फीसदी आरक्षण, मंदिरों के लिए मुफ्त बिजली के अलावा ऋण पुस्तिका देने की मांग की गई है। ताकि बाउंड वाले केस में वे उसका इस्तेमाल कर सके। मांगें पूरी नहीं होने पर विधानसभा घेराव की चेतावनी दी गई है।

सरकार धार्मिक स्थानों को टारगेट कर रही

महंत रामगिरी जी महाराज “डंडावाले” ने दावा किया है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former CM Kamalnath) की सरकार ने संतजन समाज को लेकर कुछ अच्छे काम करने का प्रयास किया था। लेकिन, मौजूदा शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) सरकार उसके विपरीत काम कर रही है। हालांकि उन्होंने अपने बयान में किसी पार्टी अथवा व्यक्ति का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ संतजनों को नहीं मिलता है। इसलिए हमें भी उसमें शामिल किया जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पुजारी कुटीर बनाने की स्कीम दी जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार धार्मिक स्थानों को टारगेट करके उन्हें गिरा रही है। उदाहरण देते हुए उन्होंने भोपाल के मनुआभान टेकरी के बारे में बताया। पुजारियों के मानदेय बढ़ाने की भी उन्होंने मांग रखी।

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कलेक्टर के नाम न हो मंदिर

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रवीन्द्र भवन स्थित निजी रेस्टोरेंट में पत्रकार वार्ता के लिए जाते हुए महंत रामगिरी जी महाराज “डंडा वाले”

महंत रामगिरी जी महाराज डंडावाले ने दावा किया है कि वे अपनी मांगों को लेकर धार्मिक राजस्व मंत्री उषा ठाकुर (Minister Usha Thakur) से मुलाकात कर चुके हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से तीन महीने बीत जाने के बावजूद मुलाकात नहीं कराई गई। मठ—मंदिरों की भूमि के अधिग्रहण की कार्रवाई बंद की जाए। ऐसे धार्मिक स्थल या मठ जिनको 10 साल हो गए हैं उनका मालिकाना हक दिया जाए। गौशालाओं में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने सरकारी कर्मचारियों की जांच के बाद नियुक्ति की जाए। वहीं संत समाज को भी उसमें शामिल कराया जाए। उन्होंने कहा कि चार दशक से अधिक पुराना कानून जिसमें धार्मिक स्थल पर कलेक्टर के नाम वाले कानून को रद्द करके उसका अधिकार संत समाज को सौंपा जाए।

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