MP Cop Gossip: महालेखाकार के एक अधिकारी से थाने में भिड़ गए एएसआई, टक्कर मारने वाले कार चालक के पक्ष में माहौल बनाने का आरोप लगाकर डीजीपी से हुई शिकायत, मैन स्ट्रीम मीडिया से पूरी रिपोर्टिंग हुई गायब
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस महकमा काफी बड़ा होता है। उसके भीतर बहुत कुछ चल रहा होता है। जिसमें कुछ बातें सामने आती है और बहुत सारी जानकारियां फाइलों में दबी रह जाती है। ऐसे ही विषयों पर हमारा नियमित साप्ताहिक कॉलम एमपी कॉप गॉसिप (MP Cop Gossip) है। इस नियमित कॉलम के जरिए छोटी—बड़ी बातों को सामने लाना होता है। हमारा इरादा किसी व्यवस्था अथवा व्यक्ति को कम—ज्यादा आंकना नहीं होता।
रिकवरी के नोटिस से हड़कंप
विधायक की आड़ में राजनीति
शहर में इन दिनों कोलार थाने से हटाए गए पांच पुलिसकर्मियों को लेकर कान ही कान में फुसफुसाहट चल रही है। यह विधायक रामेश्वर शर्मा है। जिन्होंने पुलिस कर्मियों को हटाने के लिए जिला मंत्री भूपेंद्र सिंह से पत्राचार किया था। इनकी पार्टी स्तर पर काफी शिकायतें मिल रही थी। उसकी वजह भी काफी बड़ी बताई जा रही है। यदि यह सार्वजनिक हुई तो महकमे को तोहमत लगेगी। इसलिए इन्हें थाने (MP Cop Gossip) के अंगद बताकर अफसर अंगडाई लेते हुए मामले को बेहद हल्का कर रहे हैं। लेकिन, जिस दिन इन बीमारियों का जिन बाहर निकलेगा उस दिन काफी किरकिरी होना तय माना जा रहा है।
इधर शपथ उधर पीट रहा था कांस्टेबल
डीजीपी से हुई एएसआई के खिलाफ शिकायत
यह घटना भोपाल के बैरागढ़ थाना क्षेत्र की है। शिकायत सीहोर जिले में तैनात प्रधान महालेखाकार कार्यालय के अधिकारी शैलेन्द्र बहादुर सिंह (Shailendra Bahadur Singh) ने की थी। उनका आरोप था कि 8 अक्टूबर को वे भाई को भोपाल रेलवे स्टेशन छोड़कर सीहोर जा रहे थे। इससे पहले उनकी कार को नशे में धुत एक व्यक्ति ने टक्कर मार दी थी। यह जानकारी पुलिस नियंत्रण कक्ष में भी दर्ज कराई गई थी। इसके बाद परिवार को बैरागढ़ थाने (MP Cop Gossip) में बुलाया गया। जहां सिंह की मुलाकात एएसआई लवकुश पांडे (ASI Lavkush Pandey) से हुई। आरोप है कि वे वे मामले को रफादफा करने का दबाव बना रहे थे। इतना ही नहीं उनके साथ मौजूद भतीजे के एनकाउंटर की धमकी दी गई। विरोध करने पर परिवार के ही खिलाफ उस वाहन चालक की शिकायत पर मारपीट का मामला दर्ज कर लिया गया। जबकि एएसआई के खिलाफ उनके पास पर्याप्त सबूत होने का दावा अपने आवेदन में किया गया है। हालांकि यह पूरा घटनाक्रम मैन स्ट्रीम मीडिया को मालूम होने के बावजूद उसकी रिपोर्टिंग नहीं की गई। अब मामले की जांच डीजीपी के पास लंबित हैं।
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