MP Cop Gossip: खाकी वर्दी पहनने वाले पति—पत्नी के बीच घर के भीतर हुए संग्राम को आईपीएस अफसर ने कुछ इस तरह से सुलझाया, जो अफवाहें पुलिस मुख्यालय के गलियारों में दौड़ रही है वह सही साबित हुई तो भोपाल पुलिस की अहम कुर्सी में बैठने वाली होंगी पहली महिला अधिकारी
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस (MP Cop Gossip) विभाग काफी बड़ा है। इसमें भीतर ही भीतर बहुत कुछ चल रहा होता है। अमूमन थानों में दर्ज होने वाली एफआईआर तक मीडिया के सामने पुलिस विभाग (Police Department News) रह जाता है। लेकिन, उसमें वह खबरें आने से रह जाती है जो अंदरुनी होती है। ऐसे ही समाचारों का हमारा साप्ताहिक नियमित कॉलम एमपी कॉप गॉसिप (MP Police Gossip) है। इसमें विभाग से वह चुटीली बातें होती हैं जो महकमे में एक से दूसरे के बीच कान में बोली जाती है। हमारा मकसद चर्चाओं को बताना होता है। जिसमें विभाग की छवि, व्यक्ति और उसकी पहचान को उजागर करने से पूरी तरह से बचा जाता है।
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले पारिवारिक कलह ने महकमे को हिला दिया
यह घटना राजधानी की है। यहां वर्दी पहनने वाले पति—पत्नी से जुड़ी यह चर्चा इन दिनों पुलिस मुख्यालय के गलियारों में गूंज रही है। पति एक थाने में तैनात हैं। जबकि पत्नी एक आला अधिकारी के पास महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी संभाल रही है। पत्नी महकमे के हर गतिविधियों का रिकॉर्ड अपने आंखों के सामने यहां—वहां होते हुए देखती है। जबकि पति थाने तक सीमित हैं। पिछले दिनों दोनों के बीच घर के भीतर काफी संग्राम हुआ। नौबत मारपीट तक पहुंच गई। मार खाते हुए महिला अधिकारी ने एक आईपीएस अफसर को फोन लगा दिया। चीख—पुकार के बीच हाथापाई की आवाजें सुनकर आईपीएस महोदय के हाथ—पैर फूल गए। साहब पिछले दिनों एक टाईल्स खरीदी भुगतान मामले में हुए विवाद के चलते पहले ही चर्चा में आ चुके थे। उन्होंने बवाल का पटाक्षेप तो करा दिया। यहां चौकाने वाली बात यह भी है कि महिला अधिकारी जिनके पास है वहां यह फोन नहीं पहुंचा। बल्कि उसी बिल्डिंग में एक माले नीचे बैठने वाले अफसर को सीधा फोन घनघनाया गया। आपको यह भी बता दें कि एमपी पुलिस के यह दोनों अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए आवेदन भी दे चुके हैं। जिसमें पति का चयन लगभग हो चुका है। लेकिन, महिला अधिकारी की उनके खराब सीआर के चलते उनकी नस्ती अटक गई है। फिलहाल वर्दी पहनने वाले अफसर अपने मकान की पहली मंजिल तो वर्दी पहनने वाली महिला अधिकारी ग्राउंड फ्लोर में रहकर जीवन जी रहे हैं।
चेताया अब फोन सीधे आया तो जवाब देना होगा
पिछले दिनों राजधानी में क्राइम को लेकर समीक्षा की गई। बैठक में मनमुताबिक बनाए गए डाटा के साथ कई थानों ने अपना प्रस्तुतिकरण दिया। इस दौरान साहब ने कई लोगों को आईना दिखाया। खासतौर पर उन अधिकारियों को जो रसूखदारों के मामले में कार्रवाई से बचने और विवादों में न आकर तटस्थ रहते हैं। साहब ने सीधे—सीधे ऐसे अफसरों को ताकीद कर दिया है कि यदि यह आचरण उनका नहीं सुधरा तो उन्हें रास्ता दिखाया जाएगा। जहां से उनकी कुर्सी संभालना मुश्किल होगी। ऐसे लोगों की फेहरिस्त में राजनीतिक पहुंच रखने वाले अफसरों की संख्या ज्यादा थी। बहरहाल, साहब जिस अंदाज में पहले काम करते थे उस अंदाज में वे राजधानी में बल्लेबाजी नहीं कर पा रहे हैं। क्योंकि उनके पास खास सिपहसलार और भरोसेमंद टीम की भारी कमी हैं। इसका अहसास उन्हें भी अब हो चला है।
यदि यह अटकलें सही तो भोपाल में इतिहास बनना तय
एमपी पुलिस में राजधानी की पोस्टिंग (MP Police Posting News) को खास तवज्जो दी जाती है। इसमें थाना प्रभारी से लेकर सीपी तक की पोस्टिंग को लेकर काफी मंथन होता है। पुलिस कमिश्नर प्रणाली की शुरुआत राजधानी के साथ—साथ इंदौर में हुई थी। सारे झंझावतों के बीच दो ही सीपी यहां—वहां किए गए। अब लोकसभा चुनाव के बाद फिर पूरे प्रदेश में प्रशासनिक ढ़ांचा गिरकर नया बनने वाला है। जिसमें अफवाह भोपाल शहर को लेकर भी है। पीएचक्यू के कॉरिडोर में जो चर्चाएं है वह यदि साबित हुई तो भोपाल पुलिस के इतिहास में नया अध्याय बनने वाला है। दरअसल, शहर के एक महत्वपूर्ण पद के लिए एक महिला आईपीएस अफसर का नाम चल रहा है। उनके लिए भोपाल शहर नया नहीं हैं। उन्होंने सीएसपी से लेकर एसपी तक का कार्यकाल बखूबी निभाया है। यह महिला अधिकारी का एमपी के ब्यूरोक्रेट में काफी दखल भी है। दिल्ली और राजधानी के बीच तालमेल बैठाने की कला उन्हें बचपन से मिली हैं। क्योंकि महिला अधिकारी के घर में हर रिश्तेदार आईएएस, आईपीएस, आईआरएस जैसे महत्वपूर्ण पदों से जुड़ा हुआ है। बहरहाल, चर्चाओं को अंजाम तक पहुंचने में लोकसभा चुनाव के परिणामों तक इंतजार करना होगा।
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