MP Bureaucracy Corridor News: भोपाल पुलिस में बड़े फेरबदल की अटकलें, लोकायुक्त और जेल डीजी को लेकर मशक्कत शुरु
भोपाल। आपने यदि महाभारत ग्रंथ पढ़ा हो तो उसमें संजय नाम के पात्र से आप बखूबी वाकिफ होंगे। धृतराष्ट्र को रणभूमि की रिपोर्टिंग संजय ही कर रहे थे। यह नाम मध्यप्रदेश के ब्यूरोक्रेसी (MP Bureaucracy Corridor News) में भी काफी अरसे तक सुनाई दिए थे। आप सही समझ रहे हैं, हम बात भारतीय पुलिस सेवा से रिटायर हुए दो अधिकारी की खाली कुर्सी को लेकर कर रहे हैं। यह है रिटायर जेल डीजी संजय चौधरी और लोकायुक्त डीजी संजय राणा। दोनों अफसरों ने प्रदेश के कई अहम विभागों की कुर्सी संभाली है।
जेल ब्रेक को संभाला
मध्यप्रदेश पुलिस कैडर में 1984 बैच के आईपीएस रहे संजय चौधरी खेल संचालक से जेल डीजी बनाये गए थे। उनके बैच के डीजीपी विवेक जौहरी और पूर्व डीजीपी वीके सिंह (EX DGP VK Singh) अभी भी बने हुए हैं। चौधरी के डीजी जेल की कुर्सी संभालते ही सिमी जेल ब्रेक कांड उनके लिए सिरदर्द बन गया था। सरकार काफी संकट में थी। जेलों की सुरक्षा ऑडिट करने से लेकर अंडा सेल बनाने जैसे प्रयास हुए। जेल ब्रेक के समाधान के साथ ही चौधरी ने प्रदेश की जेल में काफी प्रयोग भी किए। इसके अलावा सबसे लंबे समय तक जेल डीजी रहने का भी रिकॉर्ड बनाया गया। चौधरी ने खुली जेल की संख्या भी बढ़ाई। हालांकि जाने से कुछ दिन पहले ही जाति को लेकर चौधरी विवादों में आए थे।
रिटायर वाली हो गई कुर्सी
मध्यप्रदेश पुलिस कैडर 1986 बैच के आईपीएस रहे संजय राणा (Sanjay Rana) भी रिटायर हो गए। राणा ने मध्यप्रदेश पुलिस हाऊसिंग में काफी समय बिताया। कांग्रेस सरकार बनने पर उन्हें एडीजी इंटेलीजेंस भी बनाया गया। संजय राणा को मई, 2020 में लोकायुक्त में डीजी बनाया गया था। यह कुर्सी अनिल कुमार के रिटायर होने के बाद खाली हुई थी। अब फिर वही हालात दोबारा बन गए हैं। यह दोनों ही पद काफी महत्वपूर्ण होने के साथ सरकार के लिए चुनौती से भरे हुए हैं। दरअसल, इन कुर्सी के लिए आधा दर्जन से अधिक दावेदार सामने आ रहे हैं।
यह है दावेदार
लोकायुक्त और जेल डीजी को लेकर दावेदारों में कई नाम है। इसमें लोकायुक्त डीजी के लिए अन्वेष मंगलम का नाम सबसे आगे चल रहा है। मंगलम फिलहाल पीएचक्यू में प्रशासन शाखा के एडीजी हैं। इसके अलावा विजय यादव, पवन जैन, अरुणा मोहन राव और भोपाल रेंज के एडीजी उपेंद्र जैन के भी नाम रेस में चल रहे हैं। खबर है कि इन दोनों कुर्सी के साथ भोपाल जिले में भी फेरबदल तय है।
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