कस्टम ऑफिसर बनकर भोपाल की महिला से तीन किस्तों में ऐंठ लिए दस लाख, मेडिकल वीजा पर भारत आए आरोपी दिल्ली से गिरफ्तार
भोपाल। सायबर सेल ने सूचना प्रौद्योगिकी कानून (Bhopal cyber crime) समेत अन्य धाराओं के मामले में नाइजीरियन मूल के एक दंपत्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने कोलार इलाके की एक महिला से फेसबुक पर पहले दोस्ती की फिर उपहार के बहाने उससे धोखाधड़ी। एक तकनीकी चूक से यह दंपत्ति सायबर सेल के शिकंजे में आ गया है। पुलिस को लगता है कि यह अपराध उनका पहला नहीं है। इसलिए मामले में पूछताछ अभी भी की जा रही है।
यह जानकारी देते हुए एडीजी सायबर सेल राजेश गुप्ता ने बताया कि ऑन लाइन फायनेशियल फ्रॉड के मामलों में सायबर सेल मुहिम चलाता रहता है। इसी मुहिम के तहत मार्च में एक मामला कोलार निवासी महिला ने दर्ज कराया था। पड़ताल के दौरान सायबर को सुराग दिल्ली में जाकर मिल रहे थे। कुछ तकनीकी जानकारी हासिल करने के बाद नाइजीरियन दंपत्ति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई। जिसके बाद उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी कानून (Bhopal cyber crime) के उल्लघंन के मामले में सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी ने खुद को अमेरिका में कार्यरत होना बताया था। इससे पहले उसने फेसबुक पर महिला से दोस्ती की थी। एक दिन आरोपी ने महिला से कहा कि वह उसे यूएस से एक गिफ्ट भेज रहा है। जिसके बाद महिला नाइजीरियन दंपत्ति के जाल में फंसती चली गई।
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मेडिकल वीजा पर आए थे भारत
जिस गिफ्ट की चर्चा उसने की थी उसको लेकर ही एक दिन उसके पास कस्टम अधिकारी का फोन आ गया। उसने कहा कि बॉक्स में बहुत सारी विदेशी करंसी हैं। इसे छुड़ाने के एवज में उसे पैनाल्टी देनी होगी। यदि ऐसा नहीं किया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होगी। पीडि़ता से जिस कस्टम अधिकारी ने बात की थी वह फर्जी (Bhopal cyber crime) था जिसकी जानकारी उसको भी नहीं थी। महिला ने एसबीआई के तीन बैंक खातों में अलग-अलग समय में करीब 10 लाख रूपए जमा करा दिए। राशि जमा करने के बाद गिफ्ट बॉक्स भी नहीं आया और मोबाइल नंबर और फेसबुक आईडी भी बंद हो गई। इसके बाद पीडि़ता को ठगी का अहसास हुआ। जांच में सारे आईपी एड्रेस (Bhopal cyber crime) फर्जी निकले। इस मामले में सायबर सेल ने नाइजीरियन मूल के स्टीफन चुकवूमा ओको उम्र 38 साल और उसकी पत्नी विवियन अघलोर उम्र 31 साल को गिरफ्तार किया गया। दोनों आरोपी भारत में मेडिकल वीजा पर आए हुए थे।
ऐसे पकड़े गए आरोपी
आरोपी दंपति ने महिला से दस लाख ठगने के बाद अपने सभी कांटेक्ट बंद कर लिए थे। लेकिन, एक सायबर चूक (Bhopal cyber crime) ने उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। आरोपियों ने वारदात के वक्त इंटरनेट चलाने के लिए एक कंपनी के डोंगल का इस्तेमाल किया था। उसी डोंगल को उन्होंने वाईफाई से कनेक्ट करके दूसरे काम किए। जिससे सायबर सेल को सुराग मिला और वह आरोपियों तक पहुंच गई। आरोपियों के कब्जे से लेपटॉप, 15 मोबाइल व 25 से ज्यादा फर्जी सिम, 7 इंटरनेट डोंगल, पैन ड्राइव, अलग- अलग बैंकों के 27 डेबिट कार्ड, 2 चेक बुक, 57 हजार रूपए और यूएस डॉलर जब्त किए गए।