Bhopal Property Fraud: गर्ग ट्रेडर्स के मालिक को कर्जा चुकाया, भेल ने नोटिस चस्पा कर दिया, वास्तविक मालिक जब चारों तरफ से फंसा तो शहर से भागा, भाजपा नेता समेत कई रसूखदारों को है कूलर कारोबारी की तलाश
भोपाल। शहर का एक कूलर कारोबारी नुकसान की भरपाई करते—करते करोड़ों रुपए के कर्ज में डूब गया। इस कारोबारी का नाम राजकमल गुप्ता (Rajkamal Gupta) है। जिसकी भाजपा के एक पूर्व पार्षद समेत कई बड़े रसूखदारों को तलाश है। बेहद रोचक यह मामला तब उजागर हुआ जब उस कारोबारी के चक्कर में साड़ी कारोबारी फंस गया। मामला भोपाल (Bhopal Property Fraud) सिटी के पिपलानी थाना क्षेत्र का है। साड़ी कारोबारी को कूलर कारोबारी से महज 10 लाख रुपए लेना थे। जिसके बदले में उसने दुकान का सौदा कर लिया। यह दुकान उसके हाथ में जाने की खबर लगी तो उसकी ही मुश्किलें खड़ी हो गई। दूसरे कर्जदारों ने दुकान पर ताला जड़ दिया। उसको पैसा देकर खुलवाया तो भेल ने लेनदारी का नोटिस चस्पा कर दिया। आलम यह है कि अब दुकान भी उसके नाम पर नहीं है। क्योंकि कारोबारी दुकान ट्रांसफर कराने की बजाय शहर छोड़कर चंपत हो गया।
ऐड़ी चोटी का जोर लगाने पर दर्ज हुआ मुकदमा
पिपलानी थाना पुलिस के अनुसार 24 मई की रात लगभग साढ़े दस बजे 413/22 धारा 406/420 (अमानत में खयानत और जालसाजी) का मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में बड़े—बड़े कारोबारियों के नाम सामने आए हैं। शिकायत त्रिलंगा स्थित त्रिलोचन कॉलोनी निवासी प्रदीप अग्रवाल पिता बाबूलाल अग्रवाल उम्र 53 साल ने दर्ज कराई है। वे कूलर और साड़ी कारोबारी हैं। इस मामले में आरोपी राजकमल गुप्ता है। वे ए—सेक्टर सोनागिरी इलाके में रहते हैं। आरोपी ने पीड़ित से 10 लाख रुपए उधार लिए थे। इस रकम के लिए काफी परेशान हो रहे थे। दोनों के बीच दिसंबर, 2020 में करार हुआ कि आरोपी राजकमल गुप्ता उधारी की रकम के बदले बरखेड़ा स्थित विजय मार्केट (Vijay Market Shop) की दुकान दे देगा। दुकान का सौंदा 40 लाख रुपए में तय हुआ। उधारी की रकम के अलावा उन्होंने करीब 30 लाख रुपए का भुगतान कर दिया। इसके बाद प्रदीप अग्रवाल (Pradeep Agrawal) के लिए मुश्किल खड़ी हो गई। उन्होंने इलेक्ट्रिक दुकान खोलने की सोची तो दुकान में अगले दिन उनके अलावा दूसरे का ताला लगा मिला।
घर छोड़कर हुआ फरार
प्रदीप अग्रवाल ने पुलिस को बताया है कि यह ताला मैसर्स गर्ग ट्रेडर्स के मालिक आलोक गर्ग पिता राधेश्याम गर्ग और देवेन्द्र जैन उर्फ लालू (Devendra Jain@Lalu) ने लगाया था। प्रदीप अग्रवाल ने राधेश्याम गर्ग से मुलाकात की। जिन्होंने कहा कि राजकमल गुप्ता और अन्य ने पांच लाख रुपए उधार लिए थे। यह रकम बरखेड़ा स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा से जारी चेक के जरिए हासिल की थी। एक महीने तक दुकान में ताला लगा रहा। इसके बाद प्रदीप अग्रवाल ने राधेश्याम गर्ग (Radheshyam Garg) से वह चेक लेकर उन्हें पांच लाख रुपए का भुगतान कर दिया। मुश्किलें यहां भी खत्म नहीं हुई। प्रदीप अग्रवाल ने दुकान शुरु की तो भेल (BHEL Bhopal) ने जनवरी, 2021 में करीब 7 लाख 90 हजार रुपए बकाए किराए का नोटिस चस्पा कर दिया। इस संबंध में बातचीत के लिए जब राजकमल गुप्ता की तलाश की गई तो वह दिसंबर, 2020 में घर छोड़कर भाग चुका था।
मैं तो जानता भी नहीं: गर्ग ट्रेडर्स
प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि भेल की प्रॉपर्टी (BHEL Property) को बेचा नहीं जा सकता था। इसमें राजकमल गुप्ता की मौजूदगी जरुरी थी। लेकिन, वह अब शहर से गायब है। भेल ने दुकान भी सील (Bhopal Property Fraud) कर दी है। इस मामले की शिकायत उन्होंने पुलिस अधिकारियों से की थी। जिसके बाद उन्हें काफी संघर्ष मुकदमा दर्ज कराने के लिए करना पड़ा। इस मामले में खबर मिली है कि राजकमल गुप्ता ने भाजपा के एक पूर्व पार्षद के साथ भी धोखाधड़ी की है। वे भी भेल इलाके के सक्रिय नेता हैं। वहीं इस मामले में आलोक गर्ग (Alok Garg) का कहना था कि मैं प्रदीप अग्रवाल को नहीं जानता हूं। मेरी उनसे मुलाकात भी नहीं हुई है। उन्होंने ताला लगाने के आरोपों को झूठा करार दिया है।
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