OLX Fraud News: असली मकान मालिक के खाते में जमा करा दिए तेरह लाख रूपए, नौ लाख रूपए फर्जी मकान मालिक ने हड़पे, मकान बेचने के लिए दलाल से कमीशन पर किया था करार, कई किस्त में ली गई रकम
भोपाल। ओएलएक्स के जरिए एक हैरान कर देने वाला फर्जीवाड़ा हुआ है। ऐसा करने से पहले शातिर जालसाज ने प्रॉपर्टी डीलर और प्रॉपर्टी ब्रोकर को भी भरोसे में लिया। फिर जिस व्यक्ति की संपत्ति वह बनकर सौदा 22 लाख रूपए में किया गया। इसमें से नौ लाख रूपए शातिर जालसाज ने रख लिए। बाकी तेरह लाख रूपए में से इस डील में हेल्प करने वालों को लेने के लिए बोला गया। यह घटना भोपाल (OLX Fraud News) शहर के मिसरोद थाना क्षेत्र की है। जिसमें पुलिस ने दस्तावेजों की कूटरचना, जालसाजी समेत कई अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है। पुलिस लेन—देन करने वाले खातों और मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर सच्चाई का पता लगा रही है।
इसलिए प्रॉपर्टी ब्रोकर ने यकीन कर लिया
इतनी किस्त में ऐंठता रहा शातिर जालसाज रकम
जिसके बाद इस फर्जीवाड़े की बातें निकलकर सामने आने लगी। असली मकान मालिक ने रकम वापस यह बोलकर लौटा दी कि उन्होंने अपनी संपत्ति बेचने का कभी विज्ञापन (OLX Fraud News) ही नहीं दिया। आरोपियों ने उनके नाम की फर्जी आईडी बनाई थी। जिसका इस्तेमाल करके जालसाज ने करीब नौ लाख रूपए अपने खाते में डाल लिए। जालसाज ने कई जगह पर अपना नाम अजय शर्मा (Ajay Sharma) भी लिखा है। आरोपियों ने संपत्ति के वास्तविक मालिक की आईडी की कूटरचना करके उसे दिया था। जालसाज ने उनके फोटो के स्थान पर अपनी तस्वीर लगाई थी। पुलिस ने जांच के बाद 300/23 धारा 419/420/467/468/471 का प्रकरण दर्ज कर लिया है। पीड़ित रामेश्वर सिंह ने बताया कि आरोपी ने अपना पता नासिक जिले के विनायक अपार्टमेंट का बताया था। एग्रीमेंट करते वक्त उसको 51 हजार रूपए 22 अप्रैल को दिए गए थे। इसके अलावा एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के खाते से पांच लाख रूपए का भुगतान किया गया। उसी दिन पांच लाख रूपए का दूसरा चेक भी भारतीय स्टेट बैंक (SBI Bank) का दिया गया था। तीसरा भुगतान भारतीय स्टेट बैंक से करीब ढ़ाई लाख रूपए का किया गया। फिर करीब साढ़े चार लाख रूपए अनुबंध पत्र बनाते वक्त फर्जी मकान मालिक के पिता मुखिया सिंह (Mukhiya Singh) के नाम पर दिया गया। ऐसे ही कई टुकड़ों में 5 जून तक रकम का भुगतान किया गया। संपत्ति 45 दिन बाद रजिस्टर्ड करनी थी। लेकिन आरोपी ने फोन उठाना ही बंद कर दिया। अब पुलिस की टीम मोबाइल कॉल डिटेल के जरिए आरोपी का पता लगा रही है।
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