Bhopal Property Fraud: एक करोड़ में किया था बारह साल पहले सौदा, दो महीने पहले उसी जमीन को सवा एक करोड़ रुपए में दूसरे को बेचा
भोपाल। कॉलोनाइजर कंपनी के एक पार्टनर के साथ लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा हो गया है। यह घटना भोपाल (Bhopal Property Fraud) शहर के कोलार रोड थाना क्षेत्र की है। यह विवाद जमीन बेचने और खरीदने वाले बिल्डर के बीच पिछले एक दशक से बना हुआ है। इसी दौरान आरोपी परिवार ने दूसरे व्यक्ति से एक करोड़ 20 लाख रुपए में सौदा करके फर्जीवाड़ा किया।
बारह साल से जमीन को लेकर चल रहा विवाद
थाने में शिकायत कपिल कुमार (Kapil Kumar) पिता मनोहर लाल उम्र 47 साल ने प्रकरण दर्ज कराया है। वह श्यामला हिल्स स्थित अंसल अपार्टमेंट (Ansal Apartment) में रहते हैं। वे श्री जीवी इंफ्रा टेक (Shri GB Infratech) के पार्टनर थे। पुलिस ने आवेदन जांच के बाद प्रकरण दर्ज किया है। जिसमें आरोपी माया सिंह (Maya Singh) , उनके पति आरके सिंह (RK Singh) और बेटे वरुण कुमार सिंह (Varun Kumar Singh) को बनाया गया है। आरोपी पति—पत्नी उत्तर प्रदेश (UP) के अलीगढ़ (Aligarh) जिले में रहते हैं। कोलार रोड (Kolar Road) थाना पुलिस ने 08 नवंबर की रात लगभग दस बजे प्रकरण 831/24 दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों ने बावड़िया कला में स्थित दस हजार स्क्वायर फीट से अधिक की जमीन को लेकर फर्जीवाड़ा किया है। कपिल कुमार ने जमीन को बेचने का सौदा किया था। यह सौदा एक करोड़ साढ़े चार लाख रुपए में तय हुआ था। लेकिन, आरोपियों ने इस जमीन का सौदा किरण श्रीवास्तव (Kiran Shrivastav) से कर लिया। यह सौदा 28 जुलाई, 2021 में एक करोड़ 20 लाख रुपए में किया। जबकि जमीन बेचने का अनुबंध 51 लाख रुपए लेकर आरोपी परिवार पहले ही कर चुका था। जबकि अनुबंध अप्रैल, 2012 में कपिल कुमार से आरोपी परिवार पहले ही कर चुका था। सौदे के अनुसार तीन महीने में रकम का भुगतान करना था। लेकिन, आरोपियों ने वह नहीं चुकाया तो दूसरा एग्रीमेंट नवंबर, 2014 में किया गया। उस दिन 50 हजार रुपए का भुगतान किया गया। यह लेन—देन टेस्ट आफ इंडिया रेस्टोरेंट (Taste Of India) में किया गया। इसके अलावा 42 लाख रुपए तीन महीने के भीतर चुका दिए गए। आरोपी जमीन मालिकों ने फिर भी विक्रय पत्र एग्रीमेंट नहीं बनाया। पिछले महीने जाहिर सूचना के जरिए पीड़ित को फर्जीवाड़े के बारे में पता चला। संपर्क करने पर बोला गया कि रकम लेकर वापस पीड़ित की रकम लौटा दी जाएगी। लेकिन, ऐसा अभी भी नहीं किया गया तो पीड़ित ने पुलिस से मदद मांगी। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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