Bhopal Property Fraud: रिटायर महिला प्रोफेसर और उसके विकलांग बेटे पर एफआईआर

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Bhopal Property Fraud: भेल कर्मचारी ने भाई को बेचा प्लॉट, उसकी पत्नी ने पुलिसकर्मी से कर लिया सौदा, पति की मौत के डॉक्यूमेंट की मदद से पत्नी ने चौथे व्यक्ति को बेच दिया मकान

Bhopal Property Fraud
रातीबड़ थाना, जिला भोपाल— फाइल फोटो

भोपाल। आप यकीन नहीं करेंगे एक प्रॉपर्टी फ्रॉड (Bhopal Property Fraud) में इतने सारे पात्र है कि पुलिस के अफसर भी जांच करने से कतरा रहे थे। इसलिए पीड़ित व्यक्ति को पूरा प्रकरण पुलिस अधिकारियों को समझाने में एक साल तक संघर्ष करना पड़ा। यह मामला भोपाल सिटी के रातीबड़ थाना क्षेत्र का है। जिस संपत्ति को लेकर यह विवाद बना वह पहले परिवार के ही दो लोगों ने एक—दूसरे को बेच दिया। संपत्ति भेल के एक कर्मचारी की थी। जिसकी मौत के बाद उसकी पत्नी ने चौथे व्यक्ति से मकान के बदले में 16 लाख रुपए ले लिए। पुलिस ने इस मामले में रिटायर प्रोफेसर और उसके विकलांग बेटे के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।

पारिवारिक कलह से शुरु हुई कहानी

रातीबड़ थाना पुलिस के अनुसार 09 मार्च के अपरान्ह चार बजे 116/22 धारा 420/406 (जालसाजी और गबन) का मुकदमा दर्ज किया है। घटना नीलबड़ स्थित बालाजी धाम कॉलोनी की है। यहां एक प्लॉट था जिसके मालिक सुभाष शर्मा (Subhash Sharma) थे। वे भेल से रिटायर थे। वे अपने भाई महेन्द्र शर्मा के साथ रहते थे। सुभाष शर्मा ने 2014 में वह मकान अपने भाई को बेच दिया। जिसके बाद उनका निधन हो गया। सुभाष शर्मा की पत्नी दीपाली शर्मा (Deepali Sharma) है जो कि प्रोफेसर थी। पति—पत्नी के बीच कलह थी। इसलिए दोनों एक साथ नहीं रहते थे। दीपाली शर्मा इटारसी में प्रोफेसर भी थी। पति की मौत के बाद उन्होंने बालाजी धाम कॉलोनी की संपत्ति का नामांतरण अपने नाम करा लिया। जबकि वह संपत्ति सुभाष शर्मा अपने भाई को बेच चुके थे। इधर, सुभाष शर्मा की मौत के बाद भाई महेंद्र शर्मा (Mahendra Sharma) की भी मौत हो गई। उनकी मौत के बाद पत्नी स्नेहलता शर्मा (Snehlata Sharma) ने भी उस मकान को दूसरे व्यक्ति को बेच दिया।

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तहसीलदार की रिपोर्ट से मिली मदद

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

यह पूरी बात तब सामने आई जब नीलबड़ स्थित बालाजी धाम कॉलोनी के मकान का सौदा योगेन्द्र सिंह राजपूत (Yogendra Singh Rajput) ने सौदा किया। यह सौदा जनवरी, 2021 में करीब साढ़े सौलह लाख रुपए में हुआ था। योगेन्द्र सिंह राजपूत खेड़ापति हनुमान मंदिर में मैनेजर भी है। सौदा प्रोफेसर दीपाली शर्मा के साथ किया गया था। पैसा लेने के बाद जब मालिकाना हक की बात सामने आई तो पता चला कि वह मकान किसी पुलिसकर्मी ने खरीदा है। जिसके बाद पीड़ित ने आरोपी दीपाली शर्मा से पैसा मांगा। उन्हें होशंगाबाद में बुलाकर किस्त में पैसा देने के लिए बोला गया। यहां बात नहीं बनी तो पुलिस अधिकारियों से जनवरी, 2021 में ही शिकायत की गई। पुलिस ने इस मामले में दीपाली शर्मा के अलावा उसके विकलांग बेटे गौरव शर्मा (Gaurav Sharma) को भी आरोपी बनाया है। पुलिस को शुरुआती जांच में काफी जूझना पड़ा। जिसमें तहसीलदार की रिपोर्ट ने पुलिस के जांच अधिकारियों को काफी मदद पहुंचाई।

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