Bhopal Corporate Fraud News: नई संहिता में दर्ज हो रही एफआईआर के नगाड़ों के बीच दबी रह गई दो दिन पहले दर्ज सनसनीखेज घटना, पांच महीने से कागजों पर चल रही थी पुलिस की जांच, यूपी से संचालित भारतीय ग्लोबल मीडिया लिमिटेड कंपनी के एमडी और सीईओ समेत चार लोगों को बनाया गया आरोपी, कंपनी के शेयर खरीदने के नाम पर हुआ था साढ़े सात करोड़ रुपए का एग्रीमेंट
भोपाल। एमपी के एक कारोबारी के साथ सवा एक करोड़ रुपए की जालसाजी हो गई। यह वारदात भोपाल (Bhopal Corporate Fraud News) शहर के कोहेफिजा थाना क्षेत्र की है। जिसकी जांच पुलिस के अफसर गुपचुप तरीके से कर रहे थे। हालांकि इस देरी के पीछे सफाई भी दी गई है। लेकिन, यह एफआईआर अफसरों को भेजे जाने वाले प्रतिवेदन से गायब थी। इधर, पूरा भोपाल शहर भारतीय न्याय संहिता 2023 के लागू होने पर जश्न मना रहा था। उधर, दो दिन पूर्व हुई इस एफआईआर की भनक मीडिया को भी नहीं थी। पुलिस ने एफआईआर की पुष्टि भी कर दी है।
तीन साल पुरानी घटना, पंद्रह बार में ले ली थी रकम
पुलिस सूत्रों के अनुसार इस मामले की एफआईआर 29 जून को कोहेफिजा (Kohefiza) थाने में दर्ज हुई है। जबकि शिकायत डीसीपी जोन—3 रियाज इकबाल (DCP Riyaz Iqbal) को जनवरी, 2024 में हुई थी। वहां से जांच के लिए केस डायरी कोहेफिजा थाना को भेजी गई थी। इसी जांच के बाद पुलिस ने भारतीय ग्लोबल मीडिया लिमिटेड (Bhartiya Global Media Limited) के एमडी राकेश भाटिया (MD Rakesh Bhatiya) , उनके बेटे और कंपनी में सीईओ गौरव भाटिया (CEO Gaurav Bhatiya) , निवेश का काम देखने वाले नितिन पारिख (Nitin Parikh) और ब्रोकर विवेक खमसेरा (Broker Vivek Khamsera) को आरोपी बनाया गया है। इनकी शिकायत रवि आडवाणी (Ravi Adwani) ने दर्ज कराई थी। वे कोहेफिजा थाना क्षेत्र स्थित लालघाटी (Lalghati) के नजदीक विट्ठल नगर (Vitthal Nagar) फेज—2 में स्थित निर्मल इंकलेव (Nirmal Enclave) में रहते हैं। रवि आडवाणी ग्रीन हाउस (Green House) नाम से कंपनी चलाते हैं। वे उत्तर प्रदेश के नोयडा में स्थित कंपनी तक विवेक खामसेरा के जरिए वे पहुंचे थे। उसने ही नितिन पारिख से बात करने की सलाह दी थी। जिसके बाद नितिन पारिख बोला की कंपनी अपने 50 प्रतिशत शेयर बेचना चाहती है। पीड़ित फोन पर हुई बातचीत के बाद उत्तर प्रदेश (Utter Pradesh) के नोयडा दफ्तर भी पहुंचा। वहां उसने कंपनी का टर्न ओवर से लेकर तमाम लाभांश की रिपोर्ट भी हासिल की। जिसमें उसकी मदद कंपनी सैकेट्री कुमार पुष्कर (Kumar Pushkar) ने की थी। रिपोर्ट से संतुष्ट होने के बाद एग्रीमेंट की तारीख तय की गई।
पिता—पुत्र समेत अन्य आरोपियों ने नोटिस का दिया नहीं जवाब
भारतीय ग्लोबल मीडिया लिमिटेड कंपनी आईटी सेक्टर के उत्पाद बनाती है। कंपनी के पास पार्किग मैनेजमेंट और ट्रैकिंग डिवाइस बनाने का काम है। रवि आडवाणी ने कंपनी के 50 प्रतिशत शेयर खरीदने का करार 18 अप्रैल, 2021 को किया था। सौदा करीब साढ़े सात करोड़ रुपए में तय हुआ था। जिसके एवज में पीड़ित ने कंपनी के खाते में 83 लाख रुपए नौ किस्त में डाल दिए। इसके अलावा कंपनी के सीईओ गौरव भाटिया के खाते में छह बार में 42 लाख रुपए डाले गए। इन सभी लेन—देन की तारीख पीड़ित ने पुलिस को भी दी है। रकम लेने के बावजूद कंपनी ने कोई शेयर नहीं दिए। जिसकी शिकायत थाने में की गई। मामले की जांच एसआई संजीव धाकड़ (SI Sanjeev Dhakad) कर रहे थे। उन्होंने सभी आरोपियों को नोटिस देकर तलब किया। लेकिन उसमें से सिर्फ नितिन पारिख ही उपस्थिति हुआ। पुलिस का कहना है कि पूर्व में यह प्रकरण कंपनी एक्ट का प्रतीत हो रहा था। जब तहकीकात की गई तो यह वाकई फर्जीवाड़ा का निकला। दरअसल, कंपनी एक्ट के नीति नियमों के अनुसार शेयर बेचने के पूर्व डायरेक्टरों को बोर्ड आफ रिजोल्यूशन पारित कराना होता है। उसके बाद ही शेयर बचने का काम किया जा सकता है। लेकिन, कंपनी ने ऐसा न करते हुए पीड़ित के साथ फर्जीवाड़ा किया।
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